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मथुरा : बांकेबिहारी के चरण दर्शन को उमड़ा जनसैलाब, साल में एक बार होते है दर्शन

मथुरा में आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी के चरणों के दर्शन वर्ष में केवल एक बार अक्षय तृतीया पर ही होते हैं. दर्शन के लिए देश-विदेश से भारी मात्रा में जनसैलाब दर्शन के लिए उमड़ा.

बांकेबिहारी के चरण दर्शन
बांकेबिहारी के चरण दर्शन
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Published : May 3, 2022, 9:02 PM IST

मथुरा : अक्षय तृतीया पर्व वैसे तो देशभर में श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है. लोग दानपुण्य कर स्वयं को धन्य करते हैं. वहीं, धर्म नगरी वृंदावन में इस पर्व को अलग ही रूप में मनाया जाता है. यहां देश-विदेश के श्रद्धालु दर्शन करने आते है.

भक्त अपने आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी के चरणों के दर्शन वर्ष में केवल अक्षय तृतीया के दिन ही प्राप्त कर पाते हैं. इन ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी बनने के लिए श्रद्धालु भक्तों की भीड़ सुबह से ही ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के बाहर एकत्रित होने लगी. पट खुलते ही श्रद्धालु भक्त जयकारे लगाते हुए मंदिर में प्रवेश करने लगे.

बांकेबिहारी के चरण दर्शन

मंदिर सेवायत ने जानकारी दी : मंदिर के सेवायत शुभम् गोस्वामी ने बताया कि आज के दिन ठाकुर बांके बिहारी जी महाराज के श्रद्धालु भक्तों को श्री चरणों के दर्शन नसीब होते हैं. सुबह ठाकुर जी के श्रीचरणों के दर्शन कराए जाते हैं. चंदन का लेप लगाया जाता है. शाम को ठाकुर जी के सर्वांग दर्शन होते हैं. साथ ही चरणों के भी दर्शन कराए जाते हैं. मान्यता है कि जो भक्त बिहारीजी महाराज के चरणों के दर्शन करते हैं, उनको चारों धाम की यात्रा का फल मिलता है.

यह भी पढ़ें-मथुरा: अक्षय तृतीया पर ठाकुर बांके बिहारी महाराज के चरण वंदन करने पहुंचे श्रद्धालु

आज के दिन विशेष रूप से बिहारी जी महाराज को पैरों में पाजेब (पायल) पहनाई जाती है. सत्तू के लड्डू का भोग लगाया जाता है. श्रीविग्रह पर ठाकुर जी के चंदन का लेपन करा जाता है. ठाकुर जी के चरणों में चंदन का गोला रखा जाता है. इसे आरती के बाद सभी भक्तों में प्रसाद के रूप में बांट दिया जाता है ताकि ठाकुर जी की कृपा भक्तों के घरों तक पहुंचे.

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मथुरा : अक्षय तृतीया पर्व वैसे तो देशभर में श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है. लोग दानपुण्य कर स्वयं को धन्य करते हैं. वहीं, धर्म नगरी वृंदावन में इस पर्व को अलग ही रूप में मनाया जाता है. यहां देश-विदेश के श्रद्धालु दर्शन करने आते है.

भक्त अपने आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी के चरणों के दर्शन वर्ष में केवल अक्षय तृतीया के दिन ही प्राप्त कर पाते हैं. इन ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी बनने के लिए श्रद्धालु भक्तों की भीड़ सुबह से ही ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के बाहर एकत्रित होने लगी. पट खुलते ही श्रद्धालु भक्त जयकारे लगाते हुए मंदिर में प्रवेश करने लगे.

बांकेबिहारी के चरण दर्शन

मंदिर सेवायत ने जानकारी दी : मंदिर के सेवायत शुभम् गोस्वामी ने बताया कि आज के दिन ठाकुर बांके बिहारी जी महाराज के श्रद्धालु भक्तों को श्री चरणों के दर्शन नसीब होते हैं. सुबह ठाकुर जी के श्रीचरणों के दर्शन कराए जाते हैं. चंदन का लेप लगाया जाता है. शाम को ठाकुर जी के सर्वांग दर्शन होते हैं. साथ ही चरणों के भी दर्शन कराए जाते हैं. मान्यता है कि जो भक्त बिहारीजी महाराज के चरणों के दर्शन करते हैं, उनको चारों धाम की यात्रा का फल मिलता है.

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आज के दिन विशेष रूप से बिहारी जी महाराज को पैरों में पाजेब (पायल) पहनाई जाती है. सत्तू के लड्डू का भोग लगाया जाता है. श्रीविग्रह पर ठाकुर जी के चंदन का लेपन करा जाता है. ठाकुर जी के चरणों में चंदन का गोला रखा जाता है. इसे आरती के बाद सभी भक्तों में प्रसाद के रूप में बांट दिया जाता है ताकि ठाकुर जी की कृपा भक्तों के घरों तक पहुंचे.

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