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आरएसएस की मुस्लिम विंग ने किए श्रीकृष्ण जन्मस्थान के दर्शन, कही ये बड़ी बातें

आरएसएस की राष्ट्रीय मुस्लिम मंच संगठन के आठ सदस्य दल मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर दर्शन करने पहुंचे. शाही ईदगाह मस्जिद में पुलिसकर्मियों ने पदाधिकारियों को भ्रमण करने से रोक दिया गया.

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आरएसएस की मुस्लिम विंग
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Published : May 10, 2022, 10:40 PM IST

मथुरा: आरएसएस की राष्ट्रीय मुस्लिम मंच संगठन के आठ सदस्य दल मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर दर्शन करने पहुंचे. वहीं, शाही ईदगाह मस्जिद में पुलिसकर्मियों ने पदाधिकारियों को भ्रमण करने से रोक दिया गया. संगठन के आह्वान पर देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों के भ्रमण पर पदाधिकारी निकले हैं.

आरएसएस की मुस्लिम विंग
मंगलवार को आरएसएस की राष्ट्रीय मुस्लिम मंच संगठन के आठ सदस्य दल श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर दर्शन करने पहुंचे, जिसमें तीन महिलाएं चार पुरुष शामिल हैं. दर्शन करने के बाद पदाधिकारियों ने शाही ईदगाह मस्जिद में भ्रमण करने जा रहे थे, तभी पुलिस कर्मियों की ओर से संगठन के पदाधिकारियों को रोक दिया गया और कहा गया कि बाहरी व्यक्तियों को विवादित स्थान पर जाने की अनुमति नहीं है. कोर्ट के आदेश मिलने के बाद प्रवेश करने दिया जाएगा.गौरतलब है कि राष्ट्रीय मुस्लिम मंच संगठन का गठन दो दशक पूर्व हुआ था, जिसमें देश के अलग-अलग राज्य और जिले से पदाधिकारी इस संगठन में शामिल हुए. वर्तमान हालातों को देखते हुए संगठन की ओर से पदाधिकारियों को प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भ्रमण करने के लिए भेजा गया. वहां की स्थिति और हालात लोगों के सामने बयां करें.

इसे भी पढ़ेंः ज्ञानवापी मामलाः एडवोकेट कमिश्नर को बदलने का फैसला अब 11 मई को होगा

संगठन पदाधिकारी कोमल ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर का दर्शन करने के बाद यह देखा गया कि मस्जिद जो बनी हुई है, वह अवैध है. हम किसी स्थान का नींव रखते हैं. इस मंदिर की नींव पूरी मस्जिद के नीचे दबी हुई है. मंदिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया है. मंदिर का भ्रमण करने के बाद बहुत सी चीजें हमने देखी और परखी है. उन्होंने मंदिर तोड़कर मस्जिदों का निर्माण किया गया है. हमलोग चाहते भाईचारा और अमन चाहते हैं. मुसलमान कभी नहीं चाहता कि देश में लड़ाई हो. मस्जिदों में कभी भी मंदिर की आकृतियां शंख शेषनाग की नहीं होती हैं. मस्जिद में लगे पत्थर मंदिर के ही हैं.

पदाधिकारी रेहाना खातून ने बताया कि सभी से अपील करती हूं कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारा बना रहे. हम लोगों ने श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर के दर्शन किए. पूर्व में विदेशियों ने मंदिरों को तोड़कर मस्जिदों का निर्माण किया. यहां तो कृष्ण भगवान की जन्म स्थली है. किसी की जगह पर इबादत नहीं हो सकती. हमारे अल्लाह ताला ने नहीं कहा है कि किसी की जगह पर नमाज पढ़े.

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मथुरा: आरएसएस की राष्ट्रीय मुस्लिम मंच संगठन के आठ सदस्य दल मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर दर्शन करने पहुंचे. वहीं, शाही ईदगाह मस्जिद में पुलिसकर्मियों ने पदाधिकारियों को भ्रमण करने से रोक दिया गया. संगठन के आह्वान पर देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों के भ्रमण पर पदाधिकारी निकले हैं.

आरएसएस की मुस्लिम विंग
मंगलवार को आरएसएस की राष्ट्रीय मुस्लिम मंच संगठन के आठ सदस्य दल श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर दर्शन करने पहुंचे, जिसमें तीन महिलाएं चार पुरुष शामिल हैं. दर्शन करने के बाद पदाधिकारियों ने शाही ईदगाह मस्जिद में भ्रमण करने जा रहे थे, तभी पुलिस कर्मियों की ओर से संगठन के पदाधिकारियों को रोक दिया गया और कहा गया कि बाहरी व्यक्तियों को विवादित स्थान पर जाने की अनुमति नहीं है. कोर्ट के आदेश मिलने के बाद प्रवेश करने दिया जाएगा.गौरतलब है कि राष्ट्रीय मुस्लिम मंच संगठन का गठन दो दशक पूर्व हुआ था, जिसमें देश के अलग-अलग राज्य और जिले से पदाधिकारी इस संगठन में शामिल हुए. वर्तमान हालातों को देखते हुए संगठन की ओर से पदाधिकारियों को प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भ्रमण करने के लिए भेजा गया. वहां की स्थिति और हालात लोगों के सामने बयां करें.

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संगठन पदाधिकारी कोमल ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर का दर्शन करने के बाद यह देखा गया कि मस्जिद जो बनी हुई है, वह अवैध है. हम किसी स्थान का नींव रखते हैं. इस मंदिर की नींव पूरी मस्जिद के नीचे दबी हुई है. मंदिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया है. मंदिर का भ्रमण करने के बाद बहुत सी चीजें हमने देखी और परखी है. उन्होंने मंदिर तोड़कर मस्जिदों का निर्माण किया गया है. हमलोग चाहते भाईचारा और अमन चाहते हैं. मुसलमान कभी नहीं चाहता कि देश में लड़ाई हो. मस्जिदों में कभी भी मंदिर की आकृतियां शंख शेषनाग की नहीं होती हैं. मस्जिद में लगे पत्थर मंदिर के ही हैं.

पदाधिकारी रेहाना खातून ने बताया कि सभी से अपील करती हूं कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारा बना रहे. हम लोगों ने श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर के दर्शन किए. पूर्व में विदेशियों ने मंदिरों को तोड़कर मस्जिदों का निर्माण किया. यहां तो कृष्ण भगवान की जन्म स्थली है. किसी की जगह पर इबादत नहीं हो सकती. हमारे अल्लाह ताला ने नहीं कहा है कि किसी की जगह पर नमाज पढ़े.

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