मथुरा: विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के दिन मंगला आरती के दौरान देर रात भीड़ के चलते भगदड़ के दौरान 2 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. इसके बाद सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच के लिए 2 सदस्य टीम बनाई थी. फिलहाल मंदिर के हादसे की जांच की जा रही है. वहीं, बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर की चर्चा भी जोरों से चल रही है. इसके लिए शासन प्रशासन ने साधु संतों के साथ स्थानीय लोगों से भी उनके सुझाव लिए हैं.
इसी संबंध में धर्म रक्षा संघ ने मंगलवार को एक बैठक का आयोजन किया. इसमें व्यापारियों के साथ साधु-संतों ने अपने-अपने सुझाव रखे. इस दौरान धर्म रक्षा संघ राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा कि अगर कॉरिडोर बनने से किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं होती है, लोगों का व्यापार प्रभावित नहीं होता है तो इस फैसले का स्वागत किया जाएगा. अगर इसके विपरीत कार्य होता है तो पूरी ताकत के साथ इसका विरोध किया जाएगा.
धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा कि प्रशासन के लोग कारीडोर और बांके बिहारी मंदिर में दर्शनार्थियों की सुविधा के विषय में दावे तो बहुत बड़े-बड़े कर रहे हैं. लेकिन, कॉरिडोर के पक्ष या विपक्ष में सही निर्णय डीपीआर बनने के बाद ही लिया जा सकेगा. यदि कॉरिडोर का निर्माण जन भावना के अनुकूल होगा तो उसका समर्थन किया जाएगा और यदि जन भावना के विपरीत हुआ तो उसका विरोध भी पूरी ताकत के साथ किया जाएगा.
व्यापारी नेता नीरज गौतम ने कहा कि विकास कार्यों का हम स्वागत करते हैं. लेकिन, विकास के नाम पर प्रभावित होने वाले व्यापारियों के धंधे व्यापार और रोजी-रोटी पर किसी भी प्रकार का संकट नहीं आना चाहिए. बांके बिहारी मंदिर के सेवा अधिकारी देवेंद्र नाथ गोस्वामी ने कहा कि किसी भी कीमत पर बांके बिहारी मंदिर का सरकारीकरण नहीं होना चाहिए. मंदिर की व्यवस्था पूर्ववत गोस्वामी कमेटी से ही होनी चाहिए.
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