लखनऊ: विकास के इस स्मार्ट युग में मोबाइल पर सब कुछ मौजूद है. यू-ट्यूब के जमाने में एक क्लिक पर मनचाही कविता का जखीरा मिल जाता है. ऐसे में कवियों के लिए खुद को साबित करने की चुनौती रहती है. पूरे देश में 21 मार्च को विश्व कविता दिवस मनाया जाता है. इसी मौके पर राजधानी लखनऊ के युवा कवि पंकज प्रसून ने कोरोना वायरस को लेकर कविता सुनाई और अपने विचार प्रस्तुत किए.
शहर के केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) में तकनीकी अधिकारी पद पर काम कर रहे पंकज प्रसून किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. जाने-माने कवि पंकज प्रसून के हास्य-व्यंग्य के तीरों में अक्सर विज्ञान की ही बातें रहती हैं. हाल ही में महिला दिवस के मौके पर न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर ने इनकी कविता पढ़ी थी.
आयोजित हुआ पहला विज्ञान कवि सम्मेलन
पंकज प्रसून ने बताया कि पहला मौका था जब ऐसी पहली महफिल सजी, जिसमें कोई रिमोट सेंसिंग पर कविता सुना रहा था, तो कोई कोलेस्ट्रॉल पर, कोई इंजीनियरिंग पर तो कोई गुरुत्वाकर्षण पर अपने विचार रख रहा था. पंकज प्रसून ने बताया कि उन्होंने एक कविता लिखी जिसका नाम 'लड़की लड़ाका होती है' रखा. इस शीर्षक पर कई लोगों ने विवाद भी किया. इस पर उन्होंने सफाई दी कि महिला नौ महीने पेट के अंदर लड़कर आई है और पूरी जिंदगी समाज से लड़ती है.
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कोरोना पर भी सुनाई कविता
विश्व कविता दिवस के मौके पर इस युवा कविता ने एक नई कविता सुनाई. इस कविता के द्वारा उन्होंने पूरे देश को एक संदेश दिया. उन्होंने कहा कि डरने की कोई जरूरत नहीं है बस बचाव करें. राजधानी के युवा कवि तमाम मुद्दों को अपने कविताएं प्रस्तुत कर चुके हैं.