लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज के एक फैसले से उत्पादन निगम में तैनात अधिकारी पैदल हो गए हैं. बता दें कि उत्पादन निगमों में तैनात अफसरों को सरकारी गाड़ी अलॉट की गई थी, लेकिन जवाहरपुर और पनकी इकाइयों के अधिकारियों से गाड़ियां वापस ली जाने लगी है. इसके अलावा सभी उत्पादन इकाइयों को गाड़ी वापस करने के मौखिक आदेश दिए गए हैं. जिसके बाद उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ चेयरमैन की इस कार्रवाई का विरोध कर रहा है. बाकायदा इसके लिए एक पत्र भी मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री को लिखा गया है.
एक तरफ गर्मी के दौरान उत्पादन निगम की इकाइयां कोयले की किल्लत से जूझ रही हैं. वहीं, अब उत्पादन निगम के अधिकारियों के पास से गाड़ियां भी वापस ली जाने लगी है. जिससे अब आने वाले दिनों में उत्पादन और भी प्रभावित हो सकता है या ठप भी हो सकता है. बिजली विभाग के अधिकारी बताते हैं कि 1970 में बाकायदा बोर्ड की तरफ से एक आदेश जारी किया गया था. जिसके तहत खंडों पर अधिकारियों के लिए सरकारी गाड़ी अलॉट की गई थी. जिससे वे सही समय पर दफ्तर आ जा सकें और उपखंड का काम संपन्न कर सकें, लेकिन हाल ही में बैठक के दौरान चेयरमैन ने मौखिक तौर पर जरूरत के मुताबिक ही गाड़ियाें को रखने के निर्देश दे दिए हैं. विभागीय सूत्रों की मानें तो जवाहरपुर तापीय इकाई व पनकी तापीय इकाई की भी गाड़ियां हटाई गई हैं. इसके अलावा ओबरा, अनपरा, हरदुआगंज और पारीछा से भी गाड़ियों को हटाए जाने के निर्देश हैं.
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के महासचिव प्रभात सिंह की तरफ से इस मामले में मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखा गया है. बाकायदा इसकी प्रतिलिपि भी मुख्य निर्वाचन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा और प्रबंध निदेशक को भेजी गई है. महासचिव प्रभात सिंह बताते हैं कि अगर विद्युत ग्रह से वाहनों को हटाया जाता है तो सामान्य अनुरक्षण का कार्य और आकस्मिक अनुरक्षण के कार्य के लिए कर्मचारियों को आने में बहुत कठिनाई होगी. उन्होंने लिखा कि यह खेद का विषय है कि उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के सचेत किए जाने के बावजूद ताप बिजली ग्रहों से वाहनों को हटाए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है जो निंदनीय है. जवाहरपुर ताप बिजली परियोजना में वाहनों को हटाए जाने की कार्रवाई हुई है.
चेयरमैन को संबोधित इस लेटर में उन्होंने लिखा है कि आपको इस बात का अनुभव नहीं है कि वृहद ताप विद्युत परियोजनाओं में निर्माण की प्रक्रिया के दौरान एक परियोजना से वाहन हटाए जाने के बाद निर्माण की प्रगति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. उन्होंने कहा कि यह भी संज्ञान में आया है कि अन्य ताप विद्युत घर से भी वाहनों को बड़ी संख्या में हटाया जाने वाला है, जो ठीक नहीं है.
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