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डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा के गढ़ में क्यों हारी बीजेपी? - लखनऊ पश्चिम विधानसभा

लखनऊ में बीजेपी को यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में ऐसी दो सीटों पर हार का सामना करना पड़ा, जो 2017 के चुनाव में बीजेपी ने जीती थीं. इनमें लखनऊ पश्चिम विधानसभा को डिप्टी सीएम रहे डॉ. दिनेश शर्मा का गढ़ माना जाता था, लेकिन यहां बीजेपी को सपा से शिकस्त मिली.

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bjp defeated in deputy cm dinesh sharma area
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Published : Mar 23, 2022, 5:01 AM IST

लखनऊ: 2017 में लखनऊ महानगर की जीती गई पांच में से दो सीट पर इस चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. इनमें से एक लखनऊ पश्चिम विधानसभा सीट है. यहां डिप्टी सीएम रहे डॉ. दिनेश शर्मा का पैतृक आवास है. इसे उनका गढ़ माना जाता है. यहां कई जनसभाएं डॉ. दिनेश शर्मा ने की थीं. इसके बावजूद यहां भाजपा को हार का सामना पड़ा. इन दोनों सीटों पर भितरघात भी जमकर हुआ. यहां कई मंडल अध्यक्ष और पार्षद पर आरोप लगा कि उन्होंने सपा प्रत्याशी की बैकडोर से मदद की.

लखनऊ की पश्चिम और मध्य सीट पर भाजपा ने 2017 में जीत हासिल की थी. मगर 2022 में ये दोनों सीटें भाजपा से सपा ने छीन लीं. लखनऊ की इन दो सीटों पर डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का कार्यक्षेत्र होने के बावजूद पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. बताया जा रहा है कि पांच साल के डिप्टी सीएम के कार्यकाल में दिनेश शर्मा ने कार्यकर्ताओं और आम लोगों का काम कराने में आनाकानी की. वो नियमों का हवाला देते रहे. इसी वजह से उनका जनाधार घटता गया.


लखनऊ पश्चिम विधानसभा में भाजपा के जमीनी नेता अंजनी श्रीवास्तव ने चुनाव लड़ा था. मगर वे सपा नेता अरमान से चुनाव हार गए. लखनऊ पश्चिम इलाके में डॉ. दिनेश शर्मा का पैतृक आवास ऐशबाग में है. ये उनका कार्यक्षेत्र भी है, मगर भाजपा के प्रत्याशी को यहां हार का सामना करना पड़ा. भाजपा महानगर के सूत्रों का कहना है कि अनेक मंडल अध्यक्ष और पार्षद भाजपा का अंदर ही अंदर विरोध कर रहे थे. नेतृत्व ने इसका संज्ञान नहीं लिया और भाजपा प्रत्याशी हार गए.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव परिणाम पर एक नजर


इसी तरह से लखनऊ मध्य विधानसभा से भाजपा के कार्यकर्ता रजनीश गुप्ता भी सपा नेता रविदास मेहरोत्रा से हार गए हैं. कहा जा रहा है कि यहां भी अनेक वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा के प्रत्याशी को हराने की ठान रखी थी. इस वजह से यहां बीजेपी हार हुई. इस बारे में भाजपा महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा से पक्ष लेने के लिए कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कॉल नहीं पिक की.

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लखनऊ: 2017 में लखनऊ महानगर की जीती गई पांच में से दो सीट पर इस चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. इनमें से एक लखनऊ पश्चिम विधानसभा सीट है. यहां डिप्टी सीएम रहे डॉ. दिनेश शर्मा का पैतृक आवास है. इसे उनका गढ़ माना जाता है. यहां कई जनसभाएं डॉ. दिनेश शर्मा ने की थीं. इसके बावजूद यहां भाजपा को हार का सामना पड़ा. इन दोनों सीटों पर भितरघात भी जमकर हुआ. यहां कई मंडल अध्यक्ष और पार्षद पर आरोप लगा कि उन्होंने सपा प्रत्याशी की बैकडोर से मदद की.

लखनऊ की पश्चिम और मध्य सीट पर भाजपा ने 2017 में जीत हासिल की थी. मगर 2022 में ये दोनों सीटें भाजपा से सपा ने छीन लीं. लखनऊ की इन दो सीटों पर डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का कार्यक्षेत्र होने के बावजूद पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. बताया जा रहा है कि पांच साल के डिप्टी सीएम के कार्यकाल में दिनेश शर्मा ने कार्यकर्ताओं और आम लोगों का काम कराने में आनाकानी की. वो नियमों का हवाला देते रहे. इसी वजह से उनका जनाधार घटता गया.


लखनऊ पश्चिम विधानसभा में भाजपा के जमीनी नेता अंजनी श्रीवास्तव ने चुनाव लड़ा था. मगर वे सपा नेता अरमान से चुनाव हार गए. लखनऊ पश्चिम इलाके में डॉ. दिनेश शर्मा का पैतृक आवास ऐशबाग में है. ये उनका कार्यक्षेत्र भी है, मगर भाजपा के प्रत्याशी को यहां हार का सामना करना पड़ा. भाजपा महानगर के सूत्रों का कहना है कि अनेक मंडल अध्यक्ष और पार्षद भाजपा का अंदर ही अंदर विरोध कर रहे थे. नेतृत्व ने इसका संज्ञान नहीं लिया और भाजपा प्रत्याशी हार गए.

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इसी तरह से लखनऊ मध्य विधानसभा से भाजपा के कार्यकर्ता रजनीश गुप्ता भी सपा नेता रविदास मेहरोत्रा से हार गए हैं. कहा जा रहा है कि यहां भी अनेक वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा के प्रत्याशी को हराने की ठान रखी थी. इस वजह से यहां बीजेपी हार हुई. इस बारे में भाजपा महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा से पक्ष लेने के लिए कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कॉल नहीं पिक की.

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