ETV Bharat / city

कफ सिरप को लेकर यूपी में अलर्ट जारी, डिप्टी सीएम ने 24 घंटे में मांगी रिपोर्ट

डब्ल्यूएचओ (WHO) ने मेडेन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड (Maiden Pharmaceutical Ltd) के चार कफ सिरप को असुरक्षित घोषित किया है. स्वास्थ्य मंत्री डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक से पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी है.

author img

By

Published : Oct 7, 2022, 5:57 PM IST

Updated : Oct 7, 2022, 6:23 PM IST

डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम

लखनऊ : डब्ल्यूएचओ (WHO) ने मेडेन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड (Maiden Pharmaceutical Ltd) के चार कफ सिरप को असुरक्षित घोषित किया है. इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ ने इन चार सिरप को लेकर यूपी में भी अलर्ट जारी किया है. यह चार कफ सिरप प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन (Promethazine Oral Solution), कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप (Kofexmalin Baby Cough Syrup), मकॉफ बेबी कफ सिरप (Makoff Baby Cough Syrup) और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप (Magrip N Cold Syrup) अगर राजधानी के बाजारों में दिखता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी. स्वास्थ्य मंत्री डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक से पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी है. साफ तौर पर उन्होंने कहा है कि राजधानी समेत प्रदेश के किसी भी जिले में अगर यह चार सिरप बिक रही है तो उसे प्रतिबंधित करें.

डिप्टी सीएम ने कहा कि मानक के खिलाफ चल रही दवा कंपनी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए. उन्होंने स्वास्थ्य निदेशालय के महानिदेशक से 24 घंटे के भीतर पूरी रिपोर्ट मांगी है और साथ ही यह जांच के आदेश दिया है कि राजधानी समेत प्रदेश के किसी अन्य जिले के बाजार में इस कंपनी के प्रतिबंधित कफ सिरप की बिक्री तो नहीं हो रही है.



वहीं इस पूरे मामले में स्वास्थ्य निदेशालय की डीजी हेल्थ डॉक्टर लिली सिंह ने बताया कि कफ सिरप में कई इनग्रेडिएंट होते हैं और इनकी एक सीमित मात्रा होती है. अगर सीमित मात्रा से अधिक इनग्रेडिएंट की मात्रा होती है तो वह खतरनाक साबित हो सकता है. मानक से अधिक इनग्रेडिएंट वाली दवाएं जानलेवा भी होती हैं. कई बार यह पेट की समस्याओं को बढ़ा देता है तो कई बार यह किडनी इंफेक्शन कर देता है, इसलिए कफ सिरप में एक सीमित इनग्रेडिएंट की मात्रा होती है. राजधानी के बाजारों में फिलहाल यह सिरप नहीं मिली है. हमारी टीम इस पर कार्य कर रही है. अगर ऐसी शिकायत आती है या बाजार में सिरप कहीं भी दिखाई देता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी.

एफएसडीए के उप आयुक्त एके जैन के अनुसार, मेडेन फार्मास्युटिकल्स से बने चारों कफ सिरप (Cough Syrup) सिर्फ निर्यात के लिए हैं. यूपी में इनकी बिक्री नहीं की जाती है. इसके बावजूद एहतियात के तौर पर सभी ड्रग इंस्पेक्टरों को सिरप की बिक्री के जांच के निर्देश दिए गए हैं. जहां भी यह सिरप मिलेंगे, उन्हें जब्त कर नमूनों की जांच कराई जाएगी. इसके अलावा प्रदेश में बिक्री की अनुमति न होने के बावजूद यह सिरप मिले तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें : यूपी में एसटीपी और जैव विविधता संरक्षण के लिए मिले 482 करोड़

कफ सिरप क्यों हैं असुरक्षित : डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कफ सिरप (Cough Syrup) के 23 नमूनों की जांच कराई थी. इन चारों सिरप में डायथाईलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा मानक से ज्यादा मिली है. यह मीठा पदार्थ है. इसमें न तो खुशबू होती है और न ही रंग. मीठा होने के कारण बच्चे इसे आसानी से पी लेते हैं. इनकी मात्रा मानक के अनुसार न होने से पेट दर्द, पेशाब न होने, किडनी की समस्या, मानसिक स्थिति गड़बड़ जैसी समस्याएं होती हैं.

यह भी पढ़ें : यूपी में बारिश और ओलावृष्टि को लेकर CM योगी का आदेश, अफसर फील्ड पर रहें सक्रिय

लखनऊ : डब्ल्यूएचओ (WHO) ने मेडेन फार्मास्यूटिकल लिमिटेड (Maiden Pharmaceutical Ltd) के चार कफ सिरप को असुरक्षित घोषित किया है. इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ ने इन चार सिरप को लेकर यूपी में भी अलर्ट जारी किया है. यह चार कफ सिरप प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन (Promethazine Oral Solution), कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप (Kofexmalin Baby Cough Syrup), मकॉफ बेबी कफ सिरप (Makoff Baby Cough Syrup) और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप (Magrip N Cold Syrup) अगर राजधानी के बाजारों में दिखता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी. स्वास्थ्य मंत्री डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक से पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी है. साफ तौर पर उन्होंने कहा है कि राजधानी समेत प्रदेश के किसी भी जिले में अगर यह चार सिरप बिक रही है तो उसे प्रतिबंधित करें.

डिप्टी सीएम ने कहा कि मानक के खिलाफ चल रही दवा कंपनी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए. उन्होंने स्वास्थ्य निदेशालय के महानिदेशक से 24 घंटे के भीतर पूरी रिपोर्ट मांगी है और साथ ही यह जांच के आदेश दिया है कि राजधानी समेत प्रदेश के किसी अन्य जिले के बाजार में इस कंपनी के प्रतिबंधित कफ सिरप की बिक्री तो नहीं हो रही है.



वहीं इस पूरे मामले में स्वास्थ्य निदेशालय की डीजी हेल्थ डॉक्टर लिली सिंह ने बताया कि कफ सिरप में कई इनग्रेडिएंट होते हैं और इनकी एक सीमित मात्रा होती है. अगर सीमित मात्रा से अधिक इनग्रेडिएंट की मात्रा होती है तो वह खतरनाक साबित हो सकता है. मानक से अधिक इनग्रेडिएंट वाली दवाएं जानलेवा भी होती हैं. कई बार यह पेट की समस्याओं को बढ़ा देता है तो कई बार यह किडनी इंफेक्शन कर देता है, इसलिए कफ सिरप में एक सीमित इनग्रेडिएंट की मात्रा होती है. राजधानी के बाजारों में फिलहाल यह सिरप नहीं मिली है. हमारी टीम इस पर कार्य कर रही है. अगर ऐसी शिकायत आती है या बाजार में सिरप कहीं भी दिखाई देता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी.

एफएसडीए के उप आयुक्त एके जैन के अनुसार, मेडेन फार्मास्युटिकल्स से बने चारों कफ सिरप (Cough Syrup) सिर्फ निर्यात के लिए हैं. यूपी में इनकी बिक्री नहीं की जाती है. इसके बावजूद एहतियात के तौर पर सभी ड्रग इंस्पेक्टरों को सिरप की बिक्री के जांच के निर्देश दिए गए हैं. जहां भी यह सिरप मिलेंगे, उन्हें जब्त कर नमूनों की जांच कराई जाएगी. इसके अलावा प्रदेश में बिक्री की अनुमति न होने के बावजूद यह सिरप मिले तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें : यूपी में एसटीपी और जैव विविधता संरक्षण के लिए मिले 482 करोड़

कफ सिरप क्यों हैं असुरक्षित : डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कफ सिरप (Cough Syrup) के 23 नमूनों की जांच कराई थी. इन चारों सिरप में डायथाईलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा मानक से ज्यादा मिली है. यह मीठा पदार्थ है. इसमें न तो खुशबू होती है और न ही रंग. मीठा होने के कारण बच्चे इसे आसानी से पी लेते हैं. इनकी मात्रा मानक के अनुसार न होने से पेट दर्द, पेशाब न होने, किडनी की समस्या, मानसिक स्थिति गड़बड़ जैसी समस्याएं होती हैं.

यह भी पढ़ें : यूपी में बारिश और ओलावृष्टि को लेकर CM योगी का आदेश, अफसर फील्ड पर रहें सक्रिय

Last Updated : Oct 7, 2022, 6:23 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.