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एसटीएफ ने किया खुलासा : Whatsapp गैंग कर रहा था करोड़ों की ठगी, बैंक-कंपनियों को लगाया चूना

अहमदाबाद में ओसियन मार्ट का मालिक बनकर एक करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है. गिरोह व्हाट्सएप के जरिये कार एजेंसियों का मालिक बनकर बैंकों से लाखों रुपये ट्रांसफर करवाता था.

गिरोह का मास्टरमाइंड
गिरोह का मास्टरमाइंड
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Published : Jun 24, 2022, 9:20 PM IST

लखनऊ : गुजरात के अहमदाबाद ओसियन मार्ट का मालिक बनकर एक करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है. यह गिरोह लखनऊ में भी कई बार फर्जीवाड़ा कर चुका है. गिरोह कार एजेंसियों का मालिक बनकर बैंकों से लाखों रुपये ट्रांसफर करवाता था. ठगी करने वाला यह गिरोह व्हाट्सएप पर चल रहा था.

जेल से छूटने पर की एक करोड़ की ठगी : यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार को पारा इलाके से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड तौसीब अहमद को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ के मुताबिक, तौसीब के गैंग सदस्यों ने लखनऊ जेल से छूटने के बाद अहमदाबाद में एक करोड़ की ठगी की थी.

एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि तौसीब के गिरोह ने मर्सडीज बेंज कार एजेंसी लखनऊ का मालिक व सुगोई मोटर्स प्राइवेट कंपनी का चीफ फाइनेंस ऑफिसर बनकर नेट बैंकिंग के जरिये लगभग 78 लाख रुपये की ठगी की थी. हालांकि गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.

Whatsapp डीपी लगा करते थे ठगी : गिरफ्तार हुए तौसीब ने एसटीएफ की पूछताछ में बताया कि उसके गिरोह के सदस्य दिल्ली, एनसीआर, लखनऊ, गोपालगंज व सिवान बिहार में फैले हुए हैं. उसने बताया कि हम लोग पहले फर्जी नाम व पते पर बैंक खाते खुलवाते हैं उसके बाद शहरों की बड़ी कंपनी के मालिकों की जानकारी इंटरनेट के जरिये इकट्ठा करते हैं. जानकारी मिलने के बाद मालिक की फोटो व्हाट्सएप डीपी में लगाकर कंपनी के एकाउंटेंट या बैंक मैनेजर को कॉल कर ये भरोसा दिलाते हैं कि वो कंपनी के मालिक बोल रहे हैं. इसके बाद इमरजेंसी होने का झांसा देकर, धोखे से अलग अलग बैंक खातों मे रुपये डलवाते हैं. पूछताछ में तौसीब ने बताया कि जब रुपये बैंक खातों में आ जाते हैं तब उन खातों से हम लोग इंटरनेट बैंकिंग के जरिये दूसरे जाली खातों में ट्रांसफर कर देते हैं. उसके बाद अलग-अलग शहरों में फैले गिरोह के सदस्य एटीएम से रुपये निकाल लेते हैं.

Whatsapp कॉल से चलता था गैंग : गिरोह के मास्टरमाइंड ने एसटीएफ को बताया कि वो गिरोह के सदस्यों से बात करने के लिए इंटरनेट कॉल या व्हाट्सएप कॉल का ही इस्तेमाल करता था. उसने बताया कि वो जयपुर में साल 2021 में महिंद्रा एजेंसी का मालिक बनकर 49 लाख की ठगी कर चुका है. जयपुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया था.

ये भी पढ़ें : यूपी में जुमे की नमाज को लेकर अलर्ट जारी, 20 जिले संवेदनशील घोषित

बैंक कर्मियों की भी जांच : यूपी एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि गिरोह के सदस्यों को कम्पनियों के मालिकों के बैंक खातों के स्टेटमेंट की जानकारी व एकाउंट ऑपरेट करने वाले व्यक्ति के नम्बर की जानकारी कैसे हो रही है, उसके सम्बन्ध में बैंक कर्मियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है.

लखनऊ : गुजरात के अहमदाबाद ओसियन मार्ट का मालिक बनकर एक करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है. यह गिरोह लखनऊ में भी कई बार फर्जीवाड़ा कर चुका है. गिरोह कार एजेंसियों का मालिक बनकर बैंकों से लाखों रुपये ट्रांसफर करवाता था. ठगी करने वाला यह गिरोह व्हाट्सएप पर चल रहा था.

जेल से छूटने पर की एक करोड़ की ठगी : यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार को पारा इलाके से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड तौसीब अहमद को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ के मुताबिक, तौसीब के गैंग सदस्यों ने लखनऊ जेल से छूटने के बाद अहमदाबाद में एक करोड़ की ठगी की थी.

एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि तौसीब के गिरोह ने मर्सडीज बेंज कार एजेंसी लखनऊ का मालिक व सुगोई मोटर्स प्राइवेट कंपनी का चीफ फाइनेंस ऑफिसर बनकर नेट बैंकिंग के जरिये लगभग 78 लाख रुपये की ठगी की थी. हालांकि गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.

Whatsapp डीपी लगा करते थे ठगी : गिरफ्तार हुए तौसीब ने एसटीएफ की पूछताछ में बताया कि उसके गिरोह के सदस्य दिल्ली, एनसीआर, लखनऊ, गोपालगंज व सिवान बिहार में फैले हुए हैं. उसने बताया कि हम लोग पहले फर्जी नाम व पते पर बैंक खाते खुलवाते हैं उसके बाद शहरों की बड़ी कंपनी के मालिकों की जानकारी इंटरनेट के जरिये इकट्ठा करते हैं. जानकारी मिलने के बाद मालिक की फोटो व्हाट्सएप डीपी में लगाकर कंपनी के एकाउंटेंट या बैंक मैनेजर को कॉल कर ये भरोसा दिलाते हैं कि वो कंपनी के मालिक बोल रहे हैं. इसके बाद इमरजेंसी होने का झांसा देकर, धोखे से अलग अलग बैंक खातों मे रुपये डलवाते हैं. पूछताछ में तौसीब ने बताया कि जब रुपये बैंक खातों में आ जाते हैं तब उन खातों से हम लोग इंटरनेट बैंकिंग के जरिये दूसरे जाली खातों में ट्रांसफर कर देते हैं. उसके बाद अलग-अलग शहरों में फैले गिरोह के सदस्य एटीएम से रुपये निकाल लेते हैं.

Whatsapp कॉल से चलता था गैंग : गिरोह के मास्टरमाइंड ने एसटीएफ को बताया कि वो गिरोह के सदस्यों से बात करने के लिए इंटरनेट कॉल या व्हाट्सएप कॉल का ही इस्तेमाल करता था. उसने बताया कि वो जयपुर में साल 2021 में महिंद्रा एजेंसी का मालिक बनकर 49 लाख की ठगी कर चुका है. जयपुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया था.

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बैंक कर्मियों की भी जांच : यूपी एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि गिरोह के सदस्यों को कम्पनियों के मालिकों के बैंक खातों के स्टेटमेंट की जानकारी व एकाउंट ऑपरेट करने वाले व्यक्ति के नम्बर की जानकारी कैसे हो रही है, उसके सम्बन्ध में बैंक कर्मियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है.

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