लखनऊ: राजधानी के बख्शी का तालाब तहसील के तहत ग्राम पंचायत चंदाकोडर में ग्रामीणों ने मंगलवार को धरना-प्रदर्शन व नारेबाजी की. ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों द्वारा मजदूरों पर एफआईआर दर्ज कराए जाने का विरोध जताया. बीकेटी स्थित अस्थि रोड पर बने क्षेत्रीय वन अधिकारी कार्यालय पर ग्रामीण एकत्र हुये. इस दौरान ग्रामीणों ने एफआईआर वापस किए जाने की मांग की. वहीं इस मामले में एसडीएम बीकेटी गोविंद मौर्य का कहना है कि धारा 144 लगी है इसलिए ग्रामीणों को समझाकर प्रदर्शन खत्म करा दिया गया है. वन विभाग और ग्राम पंचायत के लोगों से बातचीत हो गई है. लेखपाल से बोलकर कागजों को दिखाया जाएगा. उसके बाद उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी.
इस पूरे मामले में गणेश रावत ने बताया कि ग्राम पंचायत चंदाकोडर में एक तालाब है. उसी में वन विभाग का भी एक संयुक्त तालाब है. इस समय गर्मी के चलते तालाब सूख गया था. जानवरों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा था. जिसके बाद ग्राम पंचायत ने उसमें पानी भरवा दिया. पानी वन विभाग के बने तालाब में भी भर गया. वहीं वन विभाग के कर्मचारियों ने मजदूर संजय रावत, सोनू रावत, पवन रावत, रज्जन, प्रेम और बारू रावत के खिलाफ बीकेटी थाने में मुकदमा दर्ज करवा दिया. उनका आरोप है कि तालाब में खनन माफियाओं की साठगांठ से खुदाई का कार्य करवाया जाना था, लेकिन पानी भर जाने की वजह से खुदाई नहीं हो सकती है. इस वजह से वन विभाग ने मजदूरों पर मुकदमा दर्ज कराया है. उन्होंने कहा कि जब तक मजदूरों के खिलाफ मुकदमा वापस नहीं होगा. तब तक हम लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहेंगे. धरने में करीब 60 पुरूष व 30 महिलायें शामिल हुईं.
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इस पूरे मामले पर क्षेत्रीय वन अधिकारी आनंद प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि चंदाकोडर में वन विभाग की भूमि है. ग्रामीण उसे तालाब बता रहे हैं. उन्होंने बताया कि ग्रामीण उस जगह पर मछली पालने का कार्य करके जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं. जिसके चलते वन विभाग ने मजदूरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.
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