ETV Bharat / city

SPGI की रिपोर्टः पीएम केयर्स से मिले वेंटीलेटर बच्चों के इलाज के लिए नहीं उपयुक्त

कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Covid) में बच्चों के इलाज के लिए अस्पतालों के पीकू-नीकू वार्ड में पीएम केयर्स (PM Cares) से मिले वेंटीलेटर लगाए जा रहे हैं. एसपीजीआई की एक्सपर्ट टीम ने इन वेंटिलेंटिरों को बच्चों के इलाज के लिए उपयुक्त नहीं बताया है.

वेंटिलेटर.
वेंटिलेटर.
author img

By

Published : Jul 31, 2021, 5:43 AM IST

लखनऊ: कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Covid) में बच्चों के इलाज के लिए प्रदेश के अस्पतालों में पीकू-नीकू वार्ड बनाए जा रहे हैं. इन वार्डों में बेड वेंटीलेटर की सुविधा से लैस किए जा रहे हैं. इन वार्डों के लिए पीएम केयर्स (PM Cares) से भी वेंटीलेटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. एसपीजीआई की एक्सपर्ट टीम ने पीएम केयर्स (PM Cares) से मिले वेंटीलेटर को बच्चों के इलाज के लिए उपयुक्त नहीं पाया है. ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों को झटका लग गया है.

कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को खतरा अधिक होने की आशंका जताई गई है. ऐसे में गम्भीर बच्चों के इलाज जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज में पीकू-नीकू तैयार किए जा रहे हैं. इनमें वेंटीलेटर भी लगाए जा रहे हैं. प्रदेश भर में पीकू-नीकू के करीब 6600 बेड तैयार हो गए हैं. इनमें 1800 के करीब पीएम केयर फंड से वेंटीलेंटर भेजे गए हैं. पीजीआई की एक्सपर्ट कमेटी ने 10 किलो वजन से कम बच्चों के इलाज के लिए ये वेंटिलेटर को उपयुक्त नहीं पाया है. टीम ने ये वेंटीलेटर सिर्फ वयस्क मरीजों के इलाज के लिए उपयुक्त बताया है. ऐसे में महामारी से निपटने के लिये बड़ा झटका लगा है.

इसे भी पढ़ें-SNMC की रिसर्च में दावाः कोरोना वैक्सीन से ब्लैक फंगस का बचाव, पढे़ं पूरी रिसर्च

पीजीआई की रिपोर्ट उजागर होते ही राजधानी के अस्पतालों में भी मंथन शुरू हो गया है. बलरामपुर अस्पताल में पीएम केयर फंड से 40 वेंटिलेटर भेजे गए हैं. केजीएमयू में 10 लोहिया संस्थान में करीब 15 वेंटिलेटर भेजे गए थे. यहां वेंटीलेटर चेक किए गए तो वेंटिलेटर चलने पर तेज आवाज कर रहे हैं. पीजीआई की कमेटी के अनुसार इससे मरीजों के साथ डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ को दिक्कत हो सकती है. ऐसे में पीएम केयर के वेंटिलेटर से गंभीर संक्रमित छोटे बच्चों का इलाज प्रभावित हो सकता है.

लखनऊ: कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Covid) में बच्चों के इलाज के लिए प्रदेश के अस्पतालों में पीकू-नीकू वार्ड बनाए जा रहे हैं. इन वार्डों में बेड वेंटीलेटर की सुविधा से लैस किए जा रहे हैं. इन वार्डों के लिए पीएम केयर्स (PM Cares) से भी वेंटीलेटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. एसपीजीआई की एक्सपर्ट टीम ने पीएम केयर्स (PM Cares) से मिले वेंटीलेटर को बच्चों के इलाज के लिए उपयुक्त नहीं पाया है. ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों को झटका लग गया है.

कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को खतरा अधिक होने की आशंका जताई गई है. ऐसे में गम्भीर बच्चों के इलाज जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज में पीकू-नीकू तैयार किए जा रहे हैं. इनमें वेंटीलेटर भी लगाए जा रहे हैं. प्रदेश भर में पीकू-नीकू के करीब 6600 बेड तैयार हो गए हैं. इनमें 1800 के करीब पीएम केयर फंड से वेंटीलेंटर भेजे गए हैं. पीजीआई की एक्सपर्ट कमेटी ने 10 किलो वजन से कम बच्चों के इलाज के लिए ये वेंटिलेटर को उपयुक्त नहीं पाया है. टीम ने ये वेंटीलेटर सिर्फ वयस्क मरीजों के इलाज के लिए उपयुक्त बताया है. ऐसे में महामारी से निपटने के लिये बड़ा झटका लगा है.

इसे भी पढ़ें-SNMC की रिसर्च में दावाः कोरोना वैक्सीन से ब्लैक फंगस का बचाव, पढे़ं पूरी रिसर्च

पीजीआई की रिपोर्ट उजागर होते ही राजधानी के अस्पतालों में भी मंथन शुरू हो गया है. बलरामपुर अस्पताल में पीएम केयर फंड से 40 वेंटिलेटर भेजे गए हैं. केजीएमयू में 10 लोहिया संस्थान में करीब 15 वेंटिलेटर भेजे गए थे. यहां वेंटीलेटर चेक किए गए तो वेंटिलेटर चलने पर तेज आवाज कर रहे हैं. पीजीआई की कमेटी के अनुसार इससे मरीजों के साथ डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ को दिक्कत हो सकती है. ऐसे में पीएम केयर के वेंटिलेटर से गंभीर संक्रमित छोटे बच्चों का इलाज प्रभावित हो सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.