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धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की बनेगी नई पहचान : पर्यटन मंत्री - Kashi News

प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने अपने विभाग के कार्यों का सौ दिन का लेखा-जोखा पेश किया. मंत्री ने बताया कि विभाग विंध्यवासी दरबार, नैमिषारण्य धाम, देवीपाटन, बटेश्वर धाम और शीतला माता मंदिर आदि को संवारने के लिए भी काम कर रहा है.

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह
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Published : Jul 13, 2022, 4:07 PM IST

लखनऊ : प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने अपने विभाग के कार्यों का सौ दिन का लेखा-जोखा पेश किया. विभाग द्वारा किए गए अधिकांश कार्य धार्मिक पर्यटन पर केंद्रित दिखाई दिए. विकास योजनाओं में सभी धार्मिक स्थलों को कुछ न कुछ जरूर मिला है. मंत्री ने यह भी बताया कि विधानसभावार भी पर्यटन विकास के कार्यक्रम विभाग के पास हैं. पिछली सरकार में भी इस पर काम किया गया था. विकास कार्यों से अयोध्या, काशी और मथुरा का पुरातन वैभव फिर से लौटाया जा रहा है. वहीं रामायण परिपथ, कृष्ण परिपथ, बौद्ध परिपथ भी तैयार किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की नई पहचान बनेगी. मंत्री ने बताया कि विभाग विंध्यवासी दरबार, नैमिषारण्य धाम, देवीपाटन, बटेश्वर धाम और शीतला माता मंदिर आदि को संवारने के लिए भी काम कर रहा है. अयोध्या के दीपोत्सव, काशी की देव दीपावली और ब्रज के रंगोत्सव को वैश्विक पटल पर नई पहचान दिलाई गई है.

मंत्री ने बताया कि 'पर्यटन नीति-2018' के अंतर्गत चिह्नित किए गए बारह परिपथों जैसे रामायण परिपथ, बौद्ध परिपथ, कृष्ण या ब्रज परिपथ, बुंदेलखंड परिपथ, महाभारत परिपथ, सूफी परिपथ, क्राफ्ट परिपथ, स्वतंत्रता संग्राम परिपथ, जैन परिपथ, वाइल्ड एंड ईको टूरिज्म परिपथ, शक्तिपीठ सर्किट और आध्यात्मिक परिपथ का कार्य इन 100 दिनों में और आगे बढ़ा है. इन परिपथों में आने वाले सभी पर्यटक स्थलों के उच्चीकरण, नवीनीकरण और सुंदरीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. विदेशी सैलानियों के लिए भी प्रदेश आकर्षण के केंद्र के रूप में स्थापित हो सके, इसके लिए केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा प्रसाद व स्वदेश दर्शन स्कीम के अंतर्गत संचालित योजनाओं को पूरी तरह प्रभावी बनाया जा रहा है.

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा सौ दिन के लिए तैयार की गई कार्ययोजना के तहत 170 पर्यटन विकास की परियोजनाओं के लोकार्पण का लक्ष्य रखा गया था. जिसके सापेक्ष 172 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं. इसी क्रम में बुद्धिस्ट सर्किट योजना के अंतर्गत कपिलवस्तु में पर्यटन के आकर्षण केंद्र विकसित हो रहे हैं. यहां 40.95 करोड़ रुपये से लाइट एंड साउंड शो, बुद्धा थीम पार्क, मार्डन टायलेट, पार्किंग, टीएफसी सोलर लाइटिंग, साइनेज वेस्ट मैनेजमेंट, सीसीटीवी एवं वाई-फाई, हेलीपेड व टर्मिनल ब्लॉक लास्ट माइल कनेक्टिविटी का कार्य चल रहा है. उन्होंने बताया कि मथुरा जिले में 746 करोड़ रुपये से श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भव्य प्रकाश व्यवस्था का कार्य और गोवर्धन बाईपास मार्ग से गोवर्धन हेलीपोर्ट तक मार्ग का नव निर्माण कार्य किया गया है.


राज्य योजनांतर्गत अयोध्या में 21.92 करोड़ रुपये की लागत से नए मेमोरियल पार्क का निर्माण, 4.59 करोड़ से अमरोहा के वासुदेव मंदिर का पर्यटन विकास, 2.91 करोड़ से बस्ती में 84 कोसी परिक्रमा मार्ग व मखौड़ा धाम हरैया में फेज-2 का पर्यटन विकास किया जा रहा है. इसी तरह 1.91 करोड़ रुपय से बस्ती के ग्राम कसैला हरैया स्थित ऐतिहासिक स्थल तापसीधाम आश्रम, बस्ती के ही हरैया परशुराम में स्थित 1.58 करोड़ रुपये से श्रृंगीनारी मंदिर स्थल का पर्यटन विकास, 2.55 करोड़ रुपये से महाराजगंज फरेंदा में स्थित लेहड़ा देवी स्थल का पर्यटन विकास कार्य, 3.13 करोड़ रुपये से गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ परिसर में ड्रेनेज व शेड और मुख्य प्रवेश द्वार का जीर्णोद्धार कार्य किया गया है.

ये भी पढ़ें : नैमिषाण्य धाम में नज़र आएगी वैदिक शहर की झलक, अयोध्या-काशी और मथुरा की तरह चमकेगा यह तीर्थ

वहीं 1.39 करोड़ रुपये से बक्शीपुर गोरखपुर में श्रीचित्रगुप्त मंदिर स्थल का विकास और सौन्दर्यीकरण, 1.21 करोड़ रुपये से गोरखपुर में ही पिपराइच रोड के निकट बुढ़िया माई स्थल का सौंदर्यीकरण व पर्यटन विकास और 1.92 करोड़ रुपये से तरकुलहा देवी स्थल गोरखपुर का पर्यटन विकास और सौंदर्यीकरण के विकास कार्य किये गए हैं.

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लखनऊ : प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने अपने विभाग के कार्यों का सौ दिन का लेखा-जोखा पेश किया. विभाग द्वारा किए गए अधिकांश कार्य धार्मिक पर्यटन पर केंद्रित दिखाई दिए. विकास योजनाओं में सभी धार्मिक स्थलों को कुछ न कुछ जरूर मिला है. मंत्री ने यह भी बताया कि विधानसभावार भी पर्यटन विकास के कार्यक्रम विभाग के पास हैं. पिछली सरकार में भी इस पर काम किया गया था. विकास कार्यों से अयोध्या, काशी और मथुरा का पुरातन वैभव फिर से लौटाया जा रहा है. वहीं रामायण परिपथ, कृष्ण परिपथ, बौद्ध परिपथ भी तैयार किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की नई पहचान बनेगी. मंत्री ने बताया कि विभाग विंध्यवासी दरबार, नैमिषारण्य धाम, देवीपाटन, बटेश्वर धाम और शीतला माता मंदिर आदि को संवारने के लिए भी काम कर रहा है. अयोध्या के दीपोत्सव, काशी की देव दीपावली और ब्रज के रंगोत्सव को वैश्विक पटल पर नई पहचान दिलाई गई है.

मंत्री ने बताया कि 'पर्यटन नीति-2018' के अंतर्गत चिह्नित किए गए बारह परिपथों जैसे रामायण परिपथ, बौद्ध परिपथ, कृष्ण या ब्रज परिपथ, बुंदेलखंड परिपथ, महाभारत परिपथ, सूफी परिपथ, क्राफ्ट परिपथ, स्वतंत्रता संग्राम परिपथ, जैन परिपथ, वाइल्ड एंड ईको टूरिज्म परिपथ, शक्तिपीठ सर्किट और आध्यात्मिक परिपथ का कार्य इन 100 दिनों में और आगे बढ़ा है. इन परिपथों में आने वाले सभी पर्यटक स्थलों के उच्चीकरण, नवीनीकरण और सुंदरीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. विदेशी सैलानियों के लिए भी प्रदेश आकर्षण के केंद्र के रूप में स्थापित हो सके, इसके लिए केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा प्रसाद व स्वदेश दर्शन स्कीम के अंतर्गत संचालित योजनाओं को पूरी तरह प्रभावी बनाया जा रहा है.

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा सौ दिन के लिए तैयार की गई कार्ययोजना के तहत 170 पर्यटन विकास की परियोजनाओं के लोकार्पण का लक्ष्य रखा गया था. जिसके सापेक्ष 172 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं. इसी क्रम में बुद्धिस्ट सर्किट योजना के अंतर्गत कपिलवस्तु में पर्यटन के आकर्षण केंद्र विकसित हो रहे हैं. यहां 40.95 करोड़ रुपये से लाइट एंड साउंड शो, बुद्धा थीम पार्क, मार्डन टायलेट, पार्किंग, टीएफसी सोलर लाइटिंग, साइनेज वेस्ट मैनेजमेंट, सीसीटीवी एवं वाई-फाई, हेलीपेड व टर्मिनल ब्लॉक लास्ट माइल कनेक्टिविटी का कार्य चल रहा है. उन्होंने बताया कि मथुरा जिले में 746 करोड़ रुपये से श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भव्य प्रकाश व्यवस्था का कार्य और गोवर्धन बाईपास मार्ग से गोवर्धन हेलीपोर्ट तक मार्ग का नव निर्माण कार्य किया गया है.


राज्य योजनांतर्गत अयोध्या में 21.92 करोड़ रुपये की लागत से नए मेमोरियल पार्क का निर्माण, 4.59 करोड़ से अमरोहा के वासुदेव मंदिर का पर्यटन विकास, 2.91 करोड़ से बस्ती में 84 कोसी परिक्रमा मार्ग व मखौड़ा धाम हरैया में फेज-2 का पर्यटन विकास किया जा रहा है. इसी तरह 1.91 करोड़ रुपय से बस्ती के ग्राम कसैला हरैया स्थित ऐतिहासिक स्थल तापसीधाम आश्रम, बस्ती के ही हरैया परशुराम में स्थित 1.58 करोड़ रुपये से श्रृंगीनारी मंदिर स्थल का पर्यटन विकास, 2.55 करोड़ रुपये से महाराजगंज फरेंदा में स्थित लेहड़ा देवी स्थल का पर्यटन विकास कार्य, 3.13 करोड़ रुपये से गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ परिसर में ड्रेनेज व शेड और मुख्य प्रवेश द्वार का जीर्णोद्धार कार्य किया गया है.

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वहीं 1.39 करोड़ रुपये से बक्शीपुर गोरखपुर में श्रीचित्रगुप्त मंदिर स्थल का विकास और सौन्दर्यीकरण, 1.21 करोड़ रुपये से गोरखपुर में ही पिपराइच रोड के निकट बुढ़िया माई स्थल का सौंदर्यीकरण व पर्यटन विकास और 1.92 करोड़ रुपये से तरकुलहा देवी स्थल गोरखपुर का पर्यटन विकास और सौंदर्यीकरण के विकास कार्य किये गए हैं.

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