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देश के बीस प्रतिशत खाद्यान्न की आपूर्ति करता है उत्तर प्रदेश : योगी

उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के 33वें स्थापना दिवस के अवसर पर राजधानी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने संस्थान से जुड़े हुए सभी वैज्ञानिकों और पदाधिकारियों को बधाई दी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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Published : Jun 14, 2022, 7:59 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है. प्रदेश में कृषि योग्य भूमि बारह प्रतिशत ही है. इसके बावजूद देश के बीस प्रतिशत खाद्यान्न की आपूर्ति उत्तर प्रदेश करता है. यह यहां की उर्वर भूमि और प्रचुर जल संसाधन की उपलब्धता की ओर हम सबका ध्यान आकृष्ट करता है. उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के 33वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बातें कहीं.

मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद 'उपकार' के स्थापना दिवस पर संस्थान से जुड़े हुए सभी वैज्ञानिकों और पदाधिकारियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि तैंतीस वर्ष की शानदार यात्रा किसी भी संस्था के लिए अपनी उपलब्धियों के मूल्यांकन का एक अवसर होता है. इस दौरान उन्होंने उपकार के अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता एवं महानिदेशक डॉ. संजय सिंह को धन्यवाद दिया. सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पोटेंशियल है. अभी हमें बहुत कुछ सामने लाना है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने वर्ष 2017 में फसल ऋण माफी के एक बड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ाया था. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे किसानों को उनकी फसल की लागत का डेढ़ गुना मूल्य (एमएसपी) प्राप्त हो, इसके लिए 2018 में उन्होंने जो एमएसपी की घोषणा की उसका लाभ आज उत्तर प्रदेश के किसान सफलतापूर्वक प्राप्त कर रहे हैं. रिकॉर्ड उत्पादन और किसानों से सीधे क्रय करने की व्यवस्था आज उत्तर प्रदेश में उपलब्ध है, लेकिन विगत पांच वर्ष के अंदर वैज्ञानिक पद्धति के माध्यम से कृषि विविधीकरण को जिस प्रकार आगे बढ़ाया गया, उसमें उपकार जैसी संस्थाओं के माध्यम से नई तकनीक, उन्नतशील बीज, 4 कृषि विश्वविद्यालयों, 89 कृषि विज्ञान केंद्रों ने जिस प्रकार जमीनी धरातल पर उतारने में सहयोग किया है, उससे किसानों की आय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण सहयोग मिला है.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में बीते पांच वर्ष के अंदर हमने 21 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई है. दशकों से लंबित सिंचाई परियोजनाओं को (बाणसागर, सरयू नहर, अर्जुन सहायक आदि) समयबद्ध ढंग से पूरा करके हमने किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने का प्रयास किया है. 2017 में देश का चीनी उद्योग बंदी की ओर अग्रसर था, लेकिन बीते पांच वर्ष में हमने बंद पड़ी चीनी मिलों को संचालित किया. कोरोना के बीच 120 चीनी मिलें चलती रहीं. पांच वर्ष में हमने गन्ना किसानों को एक लाख 75000 करोड़ का भुगतान करने में सफलता हासिल की.

ये भी पढ़ें : अखिलेश यादव बोले- भाजपा राज में उपचार नहीं, मिलता है तो सिर्फ इंतजार

कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, कृषि अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता सहित कई प्रगतिशील किसान व अन्य लोग उपस्थित रहे. कार्यक्रम में कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रदेशभर से आए बीस प्रगतिशील किसानों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित भी किया.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है. प्रदेश में कृषि योग्य भूमि बारह प्रतिशत ही है. इसके बावजूद देश के बीस प्रतिशत खाद्यान्न की आपूर्ति उत्तर प्रदेश करता है. यह यहां की उर्वर भूमि और प्रचुर जल संसाधन की उपलब्धता की ओर हम सबका ध्यान आकृष्ट करता है. उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के 33वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बातें कहीं.

मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद 'उपकार' के स्थापना दिवस पर संस्थान से जुड़े हुए सभी वैज्ञानिकों और पदाधिकारियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि तैंतीस वर्ष की शानदार यात्रा किसी भी संस्था के लिए अपनी उपलब्धियों के मूल्यांकन का एक अवसर होता है. इस दौरान उन्होंने उपकार के अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता एवं महानिदेशक डॉ. संजय सिंह को धन्यवाद दिया. सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पोटेंशियल है. अभी हमें बहुत कुछ सामने लाना है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने वर्ष 2017 में फसल ऋण माफी के एक बड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ाया था. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे किसानों को उनकी फसल की लागत का डेढ़ गुना मूल्य (एमएसपी) प्राप्त हो, इसके लिए 2018 में उन्होंने जो एमएसपी की घोषणा की उसका लाभ आज उत्तर प्रदेश के किसान सफलतापूर्वक प्राप्त कर रहे हैं. रिकॉर्ड उत्पादन और किसानों से सीधे क्रय करने की व्यवस्था आज उत्तर प्रदेश में उपलब्ध है, लेकिन विगत पांच वर्ष के अंदर वैज्ञानिक पद्धति के माध्यम से कृषि विविधीकरण को जिस प्रकार आगे बढ़ाया गया, उसमें उपकार जैसी संस्थाओं के माध्यम से नई तकनीक, उन्नतशील बीज, 4 कृषि विश्वविद्यालयों, 89 कृषि विज्ञान केंद्रों ने जिस प्रकार जमीनी धरातल पर उतारने में सहयोग किया है, उससे किसानों की आय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण सहयोग मिला है.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में बीते पांच वर्ष के अंदर हमने 21 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई है. दशकों से लंबित सिंचाई परियोजनाओं को (बाणसागर, सरयू नहर, अर्जुन सहायक आदि) समयबद्ध ढंग से पूरा करके हमने किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने का प्रयास किया है. 2017 में देश का चीनी उद्योग बंदी की ओर अग्रसर था, लेकिन बीते पांच वर्ष में हमने बंद पड़ी चीनी मिलों को संचालित किया. कोरोना के बीच 120 चीनी मिलें चलती रहीं. पांच वर्ष में हमने गन्ना किसानों को एक लाख 75000 करोड़ का भुगतान करने में सफलता हासिल की.

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कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, कृषि अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता सहित कई प्रगतिशील किसान व अन्य लोग उपस्थित रहे. कार्यक्रम में कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रदेशभर से आए बीस प्रगतिशील किसानों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित भी किया.

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