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अमृत सरोवर निर्माण में लखीमपुर अव्वल, गोरखपुर दूसरे व प्रतापगढ़ तीसरे स्थान पर

ग्राम्य विकास विभाग के निदेशक जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि योगी सरकार के निर्देश पर उत्तर प्रदेश ने विभिन्न ग्राम पंचायत में 15497 अमृत सरोवर (Amrit Sarovar) को चिंह्नित कर 8462 से अधिक अमृत सरोवर विकसित कर पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है.

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Published : Sep 12, 2022, 12:02 PM IST

Updated : Sep 12, 2022, 12:35 PM IST

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की महत्वाकांक्षी योजना अमृत सरोवर (Amrit Sarovar) के निर्माण में देश के सभी राज्यों को पीछे छोड़ते हुए उत्तर प्रदेश पहले पायदान पर है. उत्तर प्रदेश आठ हजार से अधिक अमृत सरोवर का निर्माण करके पहले स्थान पर है, जबकि मध्य प्रदेश दूसरे, जम्मू-कश्मीर तीसरे, राजस्थान चौथे और तमिलनाडु पांचवें स्थान पर है. वहीं प्रदेश में लखीमपुर खीरी ने 256 अमृत सरोवर का निर्माण कर पहला स्थान प्राप्त किया है, जबकि गोरखपुर दूसरे और प्रतापगढ़ तीसरे स्थान पर हैं.


ग्राम्य विकास विभाग के निदेशक जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि योगी सरकार के निर्देश पर उत्तर प्रदेश ने विभिन्न ग्राम पंचायत में 15497 अमृत सरोवर को चिंह्नित कर 8462 से अधिक अमृत सरोवर विकसित कर पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है, जबकि देश के अन्य राज्यों में अमृत सरोवर के विकास का रेशियो आधा भी नहीं है. मध्य प्रदेश ने 5994 अमृत सरोवर को चिह्नित कर 1668 का काम पूरा कर देश में दूसरा स्थान हासिल किया है, जबकि मध्य प्रदेश में 3705 अमृत सरोवर के विकास का काम चल रहा है. आकड़ों पर गौर करें तो मध्य प्रदेश ने जितने अमृत सरोवर को विकसित करने के लिए चिंह्नित किया उससे कई गुना अधिक अमृत सरोवर का विकास उत्तर प्रदेश कर चुका है. वहीं जम्मू कश्मीर 3699 अमृत सरोवर को चिंह्नित कर 1458 का काम पूरा कर देश में तीसरे स्थान पर है, जबकि 406 अमृत सरोवर को विकसित करने पर काम चल रहा है. इसके अलावा राजस्थान 5097 अमृत सरोवर को चिंह्नित कर 898 का काम पूरा कर देश में चौथे पायदान पर है, जबकि 2385 पर काम चल रहा है. वहीं तमिलनाडु ने 3765 अमृत सरोवर चिंह्नित कर 818 का काम पूरा कर देश में पांचवां स्थान हासिल किया है, जबकि 763 पर काम चल रहा है.


पूरे देश में उत्तर प्रदेश ही ऐसा राज्य है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना अमृत सरोवर का विकास कार्य युद्धस्तर पर हो रहा है. इतना ही नहीं देश में उत्तर प्रदेश में ही सबसे ज्यादा एक लाख 20 हजार अमृत सरोवर का विकास होना है. इस आकड़े के आस-पास भी देश के अन्य राज्य नहीं हैं. उत्तर प्रदेश की अगर बात करें तो यहां लखीमपुर खीरी में 315 अमृत सरोवर को चिंह्नित कर 256 का काम पूरा कर प्रदेश में पहले स्थान पर है, जबकि 25 पर काम चल रहा है. वहीं गारखपुर में 312 अमृत सरोवर चिंह्नित किए गए, जिसमें से 244 का काम पूरा कर प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है, जबकि 18 पर काम चल रहा है. इसके साथ ही प्रतापगढ़ में 282 सरोवर चिंह्नित किए गए, जिसमें से 231 का काम पूरा कर प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है. शेष पर युद्धस्तर पर काम चल रहा है.


ग्राम्य विकास के डायरेक्टर जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पहले चरण में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत प्रदेश के 75 जिलों में 75 अमृत सरोवर को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे समय से पहले पूरा कर लिया गया. अमृत सरोवर के विकास से ग्रामीणों को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं. इसके साथ ही किसानों की आय भी बढ़ी है. दरअसल, गांव में अमृत सरोवर के विकास से किसानों को सिंचाई की व्यवस्था आराम से मिल रही है. इसके अलावा ग्रामीण अमृत सरोवर में मछली पालन कर अपनी आय बढ़ा रहे हैं.

यह भी पढ़ें : ग्रेटर नोएडा में वर्ल्ड डेयरी समिट-2022 का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

ग्राम्य विकास डायरेक्टर प्रियदर्शी ने बताया कि प्रथम चरण में अमृत सरोवर का विकास पूरा होने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर दूसरे चरण में प्रदेश की सभी 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में कम से कम दो अमृत सरोवर (कुल 1 लाख 20 हजार) विकसित करने का लक्ष्य रखा गया, जिसके सापेक्ष आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 7500 अमृत सरोवरों को विकसित किया गया.

यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश में दिनभर चलेगी तेज हवा, आंधी पानी के साथ बिजली गिरने की भी चेतावनी

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की महत्वाकांक्षी योजना अमृत सरोवर (Amrit Sarovar) के निर्माण में देश के सभी राज्यों को पीछे छोड़ते हुए उत्तर प्रदेश पहले पायदान पर है. उत्तर प्रदेश आठ हजार से अधिक अमृत सरोवर का निर्माण करके पहले स्थान पर है, जबकि मध्य प्रदेश दूसरे, जम्मू-कश्मीर तीसरे, राजस्थान चौथे और तमिलनाडु पांचवें स्थान पर है. वहीं प्रदेश में लखीमपुर खीरी ने 256 अमृत सरोवर का निर्माण कर पहला स्थान प्राप्त किया है, जबकि गोरखपुर दूसरे और प्रतापगढ़ तीसरे स्थान पर हैं.


ग्राम्य विकास विभाग के निदेशक जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि योगी सरकार के निर्देश पर उत्तर प्रदेश ने विभिन्न ग्राम पंचायत में 15497 अमृत सरोवर को चिंह्नित कर 8462 से अधिक अमृत सरोवर विकसित कर पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है, जबकि देश के अन्य राज्यों में अमृत सरोवर के विकास का रेशियो आधा भी नहीं है. मध्य प्रदेश ने 5994 अमृत सरोवर को चिह्नित कर 1668 का काम पूरा कर देश में दूसरा स्थान हासिल किया है, जबकि मध्य प्रदेश में 3705 अमृत सरोवर के विकास का काम चल रहा है. आकड़ों पर गौर करें तो मध्य प्रदेश ने जितने अमृत सरोवर को विकसित करने के लिए चिंह्नित किया उससे कई गुना अधिक अमृत सरोवर का विकास उत्तर प्रदेश कर चुका है. वहीं जम्मू कश्मीर 3699 अमृत सरोवर को चिंह्नित कर 1458 का काम पूरा कर देश में तीसरे स्थान पर है, जबकि 406 अमृत सरोवर को विकसित करने पर काम चल रहा है. इसके अलावा राजस्थान 5097 अमृत सरोवर को चिंह्नित कर 898 का काम पूरा कर देश में चौथे पायदान पर है, जबकि 2385 पर काम चल रहा है. वहीं तमिलनाडु ने 3765 अमृत सरोवर चिंह्नित कर 818 का काम पूरा कर देश में पांचवां स्थान हासिल किया है, जबकि 763 पर काम चल रहा है.


पूरे देश में उत्तर प्रदेश ही ऐसा राज्य है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना अमृत सरोवर का विकास कार्य युद्धस्तर पर हो रहा है. इतना ही नहीं देश में उत्तर प्रदेश में ही सबसे ज्यादा एक लाख 20 हजार अमृत सरोवर का विकास होना है. इस आकड़े के आस-पास भी देश के अन्य राज्य नहीं हैं. उत्तर प्रदेश की अगर बात करें तो यहां लखीमपुर खीरी में 315 अमृत सरोवर को चिंह्नित कर 256 का काम पूरा कर प्रदेश में पहले स्थान पर है, जबकि 25 पर काम चल रहा है. वहीं गारखपुर में 312 अमृत सरोवर चिंह्नित किए गए, जिसमें से 244 का काम पूरा कर प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है, जबकि 18 पर काम चल रहा है. इसके साथ ही प्रतापगढ़ में 282 सरोवर चिंह्नित किए गए, जिसमें से 231 का काम पूरा कर प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है. शेष पर युद्धस्तर पर काम चल रहा है.


ग्राम्य विकास के डायरेक्टर जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पहले चरण में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत प्रदेश के 75 जिलों में 75 अमृत सरोवर को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे समय से पहले पूरा कर लिया गया. अमृत सरोवर के विकास से ग्रामीणों को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं. इसके साथ ही किसानों की आय भी बढ़ी है. दरअसल, गांव में अमृत सरोवर के विकास से किसानों को सिंचाई की व्यवस्था आराम से मिल रही है. इसके अलावा ग्रामीण अमृत सरोवर में मछली पालन कर अपनी आय बढ़ा रहे हैं.

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ग्राम्य विकास डायरेक्टर प्रियदर्शी ने बताया कि प्रथम चरण में अमृत सरोवर का विकास पूरा होने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर दूसरे चरण में प्रदेश की सभी 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में कम से कम दो अमृत सरोवर (कुल 1 लाख 20 हजार) विकसित करने का लक्ष्य रखा गया, जिसके सापेक्ष आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 7500 अमृत सरोवरों को विकसित किया गया.

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Last Updated : Sep 12, 2022, 12:35 PM IST
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