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शिकायतों का निस्तारण न होने पर सीएम योगी सख्त, अफसरों पर गिर सकती है गाज

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आम लोगों से जुड़ी शिकायतों की रोजाना खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं. शिकायतों के गुणवत्तापरक निस्तारण में लापरावाही पर कई जिले के अफसर रडार पर हैं. जिनको लेकर योगी सरकार सख्त नजर आ रही है.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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Published : Aug 20, 2022, 11:09 AM IST

Updated : Aug 20, 2022, 6:32 PM IST

लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है आम लोगों से जुड़ी शिकायतों का गुणवत्तापरक निस्तारण. इसीलिए सीएम योगी आदित्यनाथ खुद रोजाना आम लोगों से जुड़ी शिकायतों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जनता दर्शन, जनसुनवाई समाधान प्रणाली (आईजीआरएस) और सीएम हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों की रिपोर्ट रोजाना सीएम को सौंपी जा रही है. सीएम के पास आम लोगों की शिकायतों से जुड़ी हर जिले की रिपोर्ट है और इसी के आधार पर जिले के कई अफसर रडार पर हैं. जिन पर जल्द ही कई जिलों में अफसरों पर कार्रवाई होगी.

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, योगी 2.0 में आम लोगों की शिकायतों के निस्तारण में गुणवत्ता के आधार पर अफसरों को दंड और इनाम मिल रहा है. अच्छा काम करने वालों अफसरों को प्राइम पोस्टिंग मिल रही है, तो खराब प्रदर्शन करने वालों को किनारे भी किया जा रहा है. हाल ही में ऐसे कई अफसरों को निलंबित करने से लेकर प्रतिकूल प्रविष्टि तक दी गई है. सीएम योगी खुद जनता दर्शन में पहुंच रही हर शिकायतों की गहनता से परीक्षण कर रहे हैं. ऐसे मामले जिनमें कार्रवाई की आवश्यकता है, उन्हें संबंधित अधिकारी को भेजा जा रहा है. कुछ मामलों में निचले स्तर पर अधिकारियों की लापरवाही पर कार्रवाई भी की गई है.

ये भी पढ़ें- प्रोजेक्ट लटकाने की आदत स्वीकार नहीं, अधिकारी होंगे जिम्मेदार: सीएम योगी

गुणवत्तापरक निस्तारण न होने तक वापस हो रही रिपोर्ट. मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, सीएम योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन में इस साल चार अप्रैल से 16 अगस्त तक 28,715 जनशिकायतें आई हैं. इसमें से 26,258 मामलों का निस्तारण हो चुका है. 3,329 संवेदनशील मामलों में उसी दिन सीएम कार्यालय की ओर से फोन पर बात कर आख्या ली गई है. 2,677 मामलों में अनुमोदन किया गया है। 591 आख्याओं को संतोषजनक नहीं होने पर आपत्ति के साथ वापस किया गया है और तब तक वापस किया जा रहा है, जब तक गुणवत्तापरक निस्तारण न हो जाए.

सीएम के अधिकार क्षेत्र के बाहर की भी हो रहीं बार-बार शिकायतेंः मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में शिकायतों की ऐसी भी फेहरिस्त है, जो बार-बार की जाती हैं. इनमें ज्यादातर मामले ऐसे हैं, जो मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र के बाहर हैं. कई मामले चिकित्सकीय आर्थिक सहायता के होते हैं, जिनमें मुख्यमंत्री की ओर से संबंधित सूचीबद्ध अस्पताल में प्राथमिकता के आधार पर धनराशि भेजी जाती है. ऐसे आर्थिक सहायता के रोजाना पांच से 25 प्रार्थना-पत्र मिलते हैं. सीएम योगी ने कई बार तो जनता दर्शन में ही दिव्यांगों को व्हील चेयर, इलेक्ट्रिक स्टिक और श्रवण यंत्र आदि दिए हैं.

ये भी पढ़ें- सीएम योगी बोले, तीन साल पहले ही बलिया को मेडिकल कॉलेज मिल जाना चाहिए था

लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है आम लोगों से जुड़ी शिकायतों का गुणवत्तापरक निस्तारण. इसीलिए सीएम योगी आदित्यनाथ खुद रोजाना आम लोगों से जुड़ी शिकायतों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. जनता दर्शन, जनसुनवाई समाधान प्रणाली (आईजीआरएस) और सीएम हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों की रिपोर्ट रोजाना सीएम को सौंपी जा रही है. सीएम के पास आम लोगों की शिकायतों से जुड़ी हर जिले की रिपोर्ट है और इसी के आधार पर जिले के कई अफसर रडार पर हैं. जिन पर जल्द ही कई जिलों में अफसरों पर कार्रवाई होगी.

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, योगी 2.0 में आम लोगों की शिकायतों के निस्तारण में गुणवत्ता के आधार पर अफसरों को दंड और इनाम मिल रहा है. अच्छा काम करने वालों अफसरों को प्राइम पोस्टिंग मिल रही है, तो खराब प्रदर्शन करने वालों को किनारे भी किया जा रहा है. हाल ही में ऐसे कई अफसरों को निलंबित करने से लेकर प्रतिकूल प्रविष्टि तक दी गई है. सीएम योगी खुद जनता दर्शन में पहुंच रही हर शिकायतों की गहनता से परीक्षण कर रहे हैं. ऐसे मामले जिनमें कार्रवाई की आवश्यकता है, उन्हें संबंधित अधिकारी को भेजा जा रहा है. कुछ मामलों में निचले स्तर पर अधिकारियों की लापरवाही पर कार्रवाई भी की गई है.

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गुणवत्तापरक निस्तारण न होने तक वापस हो रही रिपोर्ट. मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, सीएम योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन में इस साल चार अप्रैल से 16 अगस्त तक 28,715 जनशिकायतें आई हैं. इसमें से 26,258 मामलों का निस्तारण हो चुका है. 3,329 संवेदनशील मामलों में उसी दिन सीएम कार्यालय की ओर से फोन पर बात कर आख्या ली गई है. 2,677 मामलों में अनुमोदन किया गया है। 591 आख्याओं को संतोषजनक नहीं होने पर आपत्ति के साथ वापस किया गया है और तब तक वापस किया जा रहा है, जब तक गुणवत्तापरक निस्तारण न हो जाए.

सीएम के अधिकार क्षेत्र के बाहर की भी हो रहीं बार-बार शिकायतेंः मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में शिकायतों की ऐसी भी फेहरिस्त है, जो बार-बार की जाती हैं. इनमें ज्यादातर मामले ऐसे हैं, जो मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र के बाहर हैं. कई मामले चिकित्सकीय आर्थिक सहायता के होते हैं, जिनमें मुख्यमंत्री की ओर से संबंधित सूचीबद्ध अस्पताल में प्राथमिकता के आधार पर धनराशि भेजी जाती है. ऐसे आर्थिक सहायता के रोजाना पांच से 25 प्रार्थना-पत्र मिलते हैं. सीएम योगी ने कई बार तो जनता दर्शन में ही दिव्यांगों को व्हील चेयर, इलेक्ट्रिक स्टिक और श्रवण यंत्र आदि दिए हैं.

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Last Updated : Aug 20, 2022, 6:32 PM IST
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