लखनऊ: UP STF ने STF कर्मचारी व पुलिसकर्मी बनकर ठगी करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गैंग के मास्टर माइंड राशिद अहमद, विजय प्रधान व सपा के पूर्व जिला पंचायत सदस्य अजीत मौर्या हैं. इसमें अजित मौर्य हाल ही में कोरोना काल में जेल से पैरोल पर छूटकर ठगी और लूट की वारदात अंजाम दे रहा था.
ADG एसटीएफ की मानें तो इस गिरोह का जाल उत्तर प्रदेश, मुम्बई, बिहार और दिल्ली समेत कई राज्यों में फैला है. पूछताछ में आरोपियों ने 8 अगस्त को डॉक्टर समेत ठगी-लूट की कई वारदात कबूली हैं. आरोपियों के हवाला कारोबार से जुड़े होने के भी पुख्ता प्रमाण मिले हैं. आरोपियों के पास से 4.32 लाख कैश समेत छह मोबाइल, टाटा सफारी एसयूवी और बाइक बरामद की गई. आरोपियों के खिलाफ PGI, मोहनलालगंज, कृष्णानगर और गोमतीनगर में ठगी के केस दर्ज हैं.
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आरोपियों ने बताया कि जब पार्टी पैसा लेकर आती थी तो इनके साथी एसटीएफ और पुलिस बनकर सामने आ जाते थे. उसी समय वो पार्टी से पैसा छीन कर फरार हो जाते थे. आरोपियों ने कानुपर जाजमऊ क्षेत्र में भी दस लाख और पांच लाख की ठगी-लूट की वारदात कबूली हैं. आरोपियों का कहना है कि ज्यादातर मामलों में ठगी के शिकार पीड़ित पुलिस व मुकदमे के चक्कर में नहीं पड़ते हैं. एसटीएफ का कहना है कि जिला पंचायत सदस्य अजीत मौर्य जेल गया था, कोविड-19 के कारण पैरोल पर छूट कर आया था.
राशिद अहमद उर्फ अजय शर्मा पुत्र जाहिद अली फतेहपुर के ग्राम मुल्लनपुर थाना हथिग्राम फतेहपुर हाल इमामगंज, आबनगर थाना कोतवाली का रहने वाला है. विजय प्रधान पुत्र श्यामलाल सिक्किम के ग्राम चिसोपानी, पोस्ट व थाना जोरथंग, जनपद नामची का रहने वाला है जबकि अजीत मौर्य पुत्र ठुनमुन मौर्या गोंडा के ग्राम जलालपुर थाना खोडारे मनकापुर का रहने वाला है.