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स्लॉटर हाउस बने रोहिंग्याओं का ठिकाना, मानव तस्करों की तलाश में जुटी UP ATS - up ats

स्लॉटर हाउस आजकल यूपी में रोहिंग्याओं के छिपने का ठिकाना बन गए हैं. मानव तस्करी कर रहे विदेशी एजेंट्स की जड़ें तलाश रही UP ATS ने अब तक आठ बांग्लादेशी और रोहिंग्या तस्करों को गिरफ्तार किया है.

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Published : Aug 4, 2021, 3:02 AM IST

लखनऊ: स्लॉटर हाउस आजकल यूपी में रोहिंग्याओं के छिपने का ठिकाना बन गए हैं. मानव तस्करी में शामिल आठ बांग्लादेशी और रोहिंग्या तस्करों को ATS गिरफ्तार कर चुकी है. खास बात यह कि इनमें 4 की गिरफ्तारी बरेली, आगरा व उन्नाव के स्लॉटर हाउस से हुई थी.

UP ATS के सूत्रों को मानें तो यूपी के स्लॉटर हाउस में अब भी अवैध तरीके से घुसपैठ कर आए कई रोहिंग्या काम कर रहे हैं. सच्चाई पता लगाने के लिए UP ATS ने सोमवार को पकड़े गए दोनों तस्करों के रिमांड की अर्जी कोर्ट में डाली थी. ATS इन आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार की मानें तो प्रदेश के कुछ चुनिंदा स्लॉटर हाउसों में घुसपैठियों के काम करने का इनपुट मिला है.

UP ATS की टीम प्रदेशभर के स्लॉटर हाउस की छानबीन कर रही है, लेकिन इनपुट की पुष्टि होने के बाद ही इस पर कार्रवाई की जाएगी. ADG ने बताया कि 2 अगस्त को ATS ने बरेली की मारिया मीट फैक्ट्री से बांग्लादेशी नागरिक आले मियां और अब्दुल शकूर को गिरफ्तार किया था. दोनों आरोपियों ने बताया था कि अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गैंग के सरगना और उसके रिश्तेदार मोहम्मद नूर ने 4 हजार टका (बांग्लादेशी मुद्रा) में सरहद पार करायी और कूटरचित पहचान पत्र, पैन कार्ड व बैंक अकाउंट बनवाकर उसकी बरेली स्थित मीट फैक्ट्री में नौकरी लगवा दी. इससे पहले आगरा व उन्नाव स्लॉटर हाउस से पकड़े गए दो आरोपियों को भी मोहम्मद नूर सरहद पार करा कर यहां लाया था और मीट फैक्ट्री में नौकरी भी दिलाई थी.

सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश में 100 से ज्यादा अवैध तरीके से घुसपैठ करके आए रोहिंग्या और बांग्लादेशी स्लॉटर हाउसों में काम कर रहे हैं. ATS उन्हें चिन्हित करके, शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. ATS की तीन टीम प्रदेशभर के स्लॉटर हाउसों की डिटेल खंगाल रही हैं. ATS के निशाने पर पश्चिमी यूपी के बरेली, बिजनौर, अमरोहा और चांदपुर समेत कई अवैध स्लॉटर हाउस हैं.

ये भी पढ़ें- दहेज देना स्वीकार करने के बाद भी पीड़ित के खिलाफ नहीं चलाया जा सकता केस : हाईकोर्ट



वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में यूपी के स्लॉटर हाउस बड़ा चुनावी मुद्दा बने थे. भारतीय जनता पार्टी का अवैध स्लॉटर हाउस पर ताला लगवानी प्रमुख एजेंडा था. वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार बनी और मुख्यमंत्री योगी आदित् नाथ ने दर्जनों अवैध बूचड़खानों में ताला लगवा दिया. लेकिन, समय बीतने के साथ ही कड़ाई के साथ लीगल स्लॉटर हाउस चलाने के निर्देश दिए गए.

मवेशियों पर काम करने वाली NGO की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 355 बूचड़खाने हैं. जिनमें कई बूचड़खाने अवैध रूप से चल रहे हैं. शहरों की अगर बात की जाए तो मेरठ में 4, अलीगढ़ में 3, उन्नाव में 4, कानपुर में 3, सहारनपुर में 2 समेत तमाम जिलों में साढ़े तीन सौ से ज्यादा स्लॉटर हाउस संचालित हैं. इस रोजगार से 15-20 हजार लोग जुड़े हैं. NGO का दावा है कि, हर साल इन बूचड़खानों से यूपी सरकार को करीब 11 हजार 350 करोड़ रुपये की कमाई होती है.


वैसे देश में बूचड़खानों के लिए सबसे अधिक बदनाम यूपी असल में सबसे ज्यादा स्लॉटर हाउस के मामले में दूसरे नंबर पर है. यहां सिर्फ 355 बूचड़खाने हैं, जबकि इस फेहरिस्त में पहला नंबर महाराष्ट्र का है, जहां करीब 400 बूचड़खाने हैं.

लखनऊ: स्लॉटर हाउस आजकल यूपी में रोहिंग्याओं के छिपने का ठिकाना बन गए हैं. मानव तस्करी में शामिल आठ बांग्लादेशी और रोहिंग्या तस्करों को ATS गिरफ्तार कर चुकी है. खास बात यह कि इनमें 4 की गिरफ्तारी बरेली, आगरा व उन्नाव के स्लॉटर हाउस से हुई थी.

UP ATS के सूत्रों को मानें तो यूपी के स्लॉटर हाउस में अब भी अवैध तरीके से घुसपैठ कर आए कई रोहिंग्या काम कर रहे हैं. सच्चाई पता लगाने के लिए UP ATS ने सोमवार को पकड़े गए दोनों तस्करों के रिमांड की अर्जी कोर्ट में डाली थी. ATS इन आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार की मानें तो प्रदेश के कुछ चुनिंदा स्लॉटर हाउसों में घुसपैठियों के काम करने का इनपुट मिला है.

UP ATS की टीम प्रदेशभर के स्लॉटर हाउस की छानबीन कर रही है, लेकिन इनपुट की पुष्टि होने के बाद ही इस पर कार्रवाई की जाएगी. ADG ने बताया कि 2 अगस्त को ATS ने बरेली की मारिया मीट फैक्ट्री से बांग्लादेशी नागरिक आले मियां और अब्दुल शकूर को गिरफ्तार किया था. दोनों आरोपियों ने बताया था कि अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गैंग के सरगना और उसके रिश्तेदार मोहम्मद नूर ने 4 हजार टका (बांग्लादेशी मुद्रा) में सरहद पार करायी और कूटरचित पहचान पत्र, पैन कार्ड व बैंक अकाउंट बनवाकर उसकी बरेली स्थित मीट फैक्ट्री में नौकरी लगवा दी. इससे पहले आगरा व उन्नाव स्लॉटर हाउस से पकड़े गए दो आरोपियों को भी मोहम्मद नूर सरहद पार करा कर यहां लाया था और मीट फैक्ट्री में नौकरी भी दिलाई थी.

सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश में 100 से ज्यादा अवैध तरीके से घुसपैठ करके आए रोहिंग्या और बांग्लादेशी स्लॉटर हाउसों में काम कर रहे हैं. ATS उन्हें चिन्हित करके, शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. ATS की तीन टीम प्रदेशभर के स्लॉटर हाउसों की डिटेल खंगाल रही हैं. ATS के निशाने पर पश्चिमी यूपी के बरेली, बिजनौर, अमरोहा और चांदपुर समेत कई अवैध स्लॉटर हाउस हैं.

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वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में यूपी के स्लॉटर हाउस बड़ा चुनावी मुद्दा बने थे. भारतीय जनता पार्टी का अवैध स्लॉटर हाउस पर ताला लगवानी प्रमुख एजेंडा था. वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार बनी और मुख्यमंत्री योगी आदित् नाथ ने दर्जनों अवैध बूचड़खानों में ताला लगवा दिया. लेकिन, समय बीतने के साथ ही कड़ाई के साथ लीगल स्लॉटर हाउस चलाने के निर्देश दिए गए.

मवेशियों पर काम करने वाली NGO की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 355 बूचड़खाने हैं. जिनमें कई बूचड़खाने अवैध रूप से चल रहे हैं. शहरों की अगर बात की जाए तो मेरठ में 4, अलीगढ़ में 3, उन्नाव में 4, कानपुर में 3, सहारनपुर में 2 समेत तमाम जिलों में साढ़े तीन सौ से ज्यादा स्लॉटर हाउस संचालित हैं. इस रोजगार से 15-20 हजार लोग जुड़े हैं. NGO का दावा है कि, हर साल इन बूचड़खानों से यूपी सरकार को करीब 11 हजार 350 करोड़ रुपये की कमाई होती है.


वैसे देश में बूचड़खानों के लिए सबसे अधिक बदनाम यूपी असल में सबसे ज्यादा स्लॉटर हाउस के मामले में दूसरे नंबर पर है. यहां सिर्फ 355 बूचड़खाने हैं, जबकि इस फेहरिस्त में पहला नंबर महाराष्ट्र का है, जहां करीब 400 बूचड़खाने हैं.

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