लखनऊ: राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के तमाम बड़े महानगरों में वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. इसपर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और यूपी के मुख्य सचिव फटकार लगाई है. उन्हें तलब किया गया और कहा गया कि वह प्रदूषण रोकने के लिए एक्शन प्लान तैयार करें.
उत्तर प्रदेश में किन कारणों से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है इसको लेकर अभी तक कोई प्रबंधन या फिर कोई स्टडी ही नहीं की गई है. वायु प्रदूषण को लेकर कोई रिपोर्ट आदि भी नहीं बनाई जा सकी है, जिससे इस बार रोक लगाने को लेकर काम किया जा सके.
राजधानी लखनऊ सहित तमाम शहरों में लगातार बढ़ रहे एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़े लगातार लखनऊ से तमाम शहरों में खतरनाक स्तर पर पहुंचते रहे, जिसको लेकर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने राज्य सरकार को फटकार लगाई. नाराजगी जाहिर की थी लेकिन कंट्रोल नहीं किया जा सका.
यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तैयार किया प्लान
वायु प्रदूषण उत्तर प्रदेश में किन कारणों से बढ़ रहा है. उसको लेकर कोई भी नहीं की जा सकी है. डीजल वाहनों से पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ रहा है. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्टडी करके पूरा एक्शन प्लान तैयार करने की बात कर रहा है.
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन जेपीएस राठौर ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि इसके कारण नहीं पता नहीं चले. हम एक स्टडी कर रहे हैं. पूरे एक्शन प्लान तैयार करेंगे, जिससे किन कारणों से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. उसका पता लगाएंगे और फिर वायु प्रदूषण रोकने को लेकर राज्य सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से कठोर कदम उठाए जाएंगे.
इसे भी पढ़ें- योगी को वहां पहुंचाऊंगा, जहां भीख मांगने की ट्रेनिंग दी जाती है: ओमप्रकाश राजभर
पिछले कुछ महीनों में लखनऊ में एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार खतरनाक स्तर पर पहुंच गया. कई बार तो 500 तक एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंच गया. यूपी के गाजियाबाद, नोएडा, आगरा, कानपुर, वाराणसी सही तमाम शहरों में कभी 402 कभी 500 तो कई बार तो 700 तक को एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंचा और लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हुई.