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यूपी पुलिस का डिजिटल वॉलेंटियर सी प्लान ऐप बनेगा मददगार, जानिये कैसे करेगा काम

2017 में सत्ता संभालने के बाद सीएम योगी ने प्रदेश के सभी मोहल्ले के संभ्रांत नागरिकों और ओपीनियन लीडर्स को चिन्हित करने और उन्हें पुलिस के डेटाबेस से ऑनलाइन जोड़ने की कल्पना की थी. 2019 में सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सी प्लान ऐप को लॉन्च किया था.

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Published : Sep 12, 2022, 1:27 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में इस साल नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित स्थानीय निकाय चुनाव ( civic elections) को लेकर यूपी पुलिस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस चुनाव में स्थानीय स्तर पर खींचतान होने की आशंका सबसे ज्यादा बनी रहती है. ऐसे में यूपी पुलिस का डिजिटल वॉलेंटियर सी प्लान ऐप (Digital Volunteer C Plan App) काफी मददगार साबित होने जा रहा है. 2017 में सत्ता संभालने के बाद सीएम योगी ने प्रदेश के सभी मोहल्ले के संभ्रांत नागरिकों और ओपीनियन लीडर्स को चिन्हित करने और उन्हें पुलिस के डेटाबेस से ऑनलाइन जोड़ने की कल्पना की थी. 2019 में सीएम सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सी प्लान ऐप को लॉन्च किया था. आज इस ऐप के जरिए यूपी पुलिस के पास करीब 15 लाख डिजिटल वॉलेंटियर्स (15 lakh digital volunteers) की फौज खड़ी हो गई है.



प्रदेश के हर इलाके से जुड़े डिजिटल वॉलेंटियर्स अपने अपने क्षेत्र की संवेदनशील गतिविधियों और स्थानीय स्तर पर पांव पसार रही अफवाहों के बारे में तत्काल पुलिस विभाग को सूचित करते हैं, जिससे किसी भी प्रकार की हिंसा और अपराध को समय रहते ही काबू करने में काफी मदद मिलती है. यह ऐसे लोग होते हैं, जो किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में पुलिस के मददगार बनकर समाज में शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए तत्पर रहते हैं. पुलिस मुख्यालय से इन डिजिटल वॉलेंटियर्स से कभी भी आसानी से संपर्क स्थापित किया जा सकता है. साथ ही थाना स्तर पर इन डिजिटल वॉलेंटियर्स का वाट्सएप ग्रुप भी सक्रिय रहता है.


सी प्लान एप को कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत आमजन से सीधा संवाद स्थापित करने और समाज में लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन रखने के लिए पब्लिक की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से बनाया गया है. ऐप के जरिए ना सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में, बल्कि शहरी कस्बों और मोहल्लों के संभ्रांत लोगों से भी पुलिस मुख्यालय से सीधा संपर्क आसानी से किया जा सकता है. ऐप का संचालन सीधे लखनऊ स्थित पुलिस हेडक्वार्टर से होता है. इसे डीजीपी के कंट्रोल रूम और यूपी 112 के कंट्रोल रूम से भी जोड़ा गया है. दोनों कंट्रोल रूम 24 घंटे काम करते हैं. सी प्लान ऐप आम जनता के लिए नहीं है. इसे केवल पुलिसकर्मी ही इस्तेमाल कर सकते हैं. पुलिसकर्मियों के स्मार्ट फोन पर इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद संबंधित थाने का सीयूजी नंबर दर्ज करना होता है. सीयूजी नंबर दर्ज करने के बाद उस मोबाइल नंबर पर ओटीपी आता है. ओटीपी अंकित करते ही ऐप सक्रिय हो जाता है.


यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के अनुसार, सी प्लान ऐप के जरिए पुलिस ने अब तक उत्तर प्रदेश के लगभग 15 लाख डिजिटल वॉलेंटियर्स (15 lakh digital volunteers) को अपने डेटाबेस में जोड़ने का काम पूरा कर लिया है. हमारा लक्ष्य साल के अंत तक 20 लाख डिजिटल वॉलेंटियर्स को जोड़ने का है. स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए हर मोहल्ले से 10-10 संभ्रांत लोगों के नाम, नंबर और पते अपडेट किए जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें : लक्ष्मीकांत वाजपेयी पुलिसकर्मियों पर बरसे, बोले- जो इनको माल खिलाते हैं, वही इनको पसंद आते हैं


गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इस बार 17 नगर निगमों में मेयर तथा पार्षदों के साथ ही 200 नगर पालिका परिषद और 535 नगर पंचायतों में चेयरमैन साथ सभासदों का चुनाव होने हैं. वार्ड और मोहल्ले की राजनीति में हिंसा और उत्पात की सबसे ज्यादा गुंजाइश बनी रहती है, ऐसे में डिजिटल वॉलेंटियर्स सी प्लान ऐप पुलिस की आंख, कान और नाक साबित होंगे.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में इस साल नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित स्थानीय निकाय चुनाव ( civic elections) को लेकर यूपी पुलिस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस चुनाव में स्थानीय स्तर पर खींचतान होने की आशंका सबसे ज्यादा बनी रहती है. ऐसे में यूपी पुलिस का डिजिटल वॉलेंटियर सी प्लान ऐप (Digital Volunteer C Plan App) काफी मददगार साबित होने जा रहा है. 2017 में सत्ता संभालने के बाद सीएम योगी ने प्रदेश के सभी मोहल्ले के संभ्रांत नागरिकों और ओपीनियन लीडर्स को चिन्हित करने और उन्हें पुलिस के डेटाबेस से ऑनलाइन जोड़ने की कल्पना की थी. 2019 में सीएम सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने सी प्लान ऐप को लॉन्च किया था. आज इस ऐप के जरिए यूपी पुलिस के पास करीब 15 लाख डिजिटल वॉलेंटियर्स (15 lakh digital volunteers) की फौज खड़ी हो गई है.



प्रदेश के हर इलाके से जुड़े डिजिटल वॉलेंटियर्स अपने अपने क्षेत्र की संवेदनशील गतिविधियों और स्थानीय स्तर पर पांव पसार रही अफवाहों के बारे में तत्काल पुलिस विभाग को सूचित करते हैं, जिससे किसी भी प्रकार की हिंसा और अपराध को समय रहते ही काबू करने में काफी मदद मिलती है. यह ऐसे लोग होते हैं, जो किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में पुलिस के मददगार बनकर समाज में शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए तत्पर रहते हैं. पुलिस मुख्यालय से इन डिजिटल वॉलेंटियर्स से कभी भी आसानी से संपर्क स्थापित किया जा सकता है. साथ ही थाना स्तर पर इन डिजिटल वॉलेंटियर्स का वाट्सएप ग्रुप भी सक्रिय रहता है.


सी प्लान एप को कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत आमजन से सीधा संवाद स्थापित करने और समाज में लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन रखने के लिए पब्लिक की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से बनाया गया है. ऐप के जरिए ना सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में, बल्कि शहरी कस्बों और मोहल्लों के संभ्रांत लोगों से भी पुलिस मुख्यालय से सीधा संपर्क आसानी से किया जा सकता है. ऐप का संचालन सीधे लखनऊ स्थित पुलिस हेडक्वार्टर से होता है. इसे डीजीपी के कंट्रोल रूम और यूपी 112 के कंट्रोल रूम से भी जोड़ा गया है. दोनों कंट्रोल रूम 24 घंटे काम करते हैं. सी प्लान ऐप आम जनता के लिए नहीं है. इसे केवल पुलिसकर्मी ही इस्तेमाल कर सकते हैं. पुलिसकर्मियों के स्मार्ट फोन पर इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद संबंधित थाने का सीयूजी नंबर दर्ज करना होता है. सीयूजी नंबर दर्ज करने के बाद उस मोबाइल नंबर पर ओटीपी आता है. ओटीपी अंकित करते ही ऐप सक्रिय हो जाता है.


यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के अनुसार, सी प्लान ऐप के जरिए पुलिस ने अब तक उत्तर प्रदेश के लगभग 15 लाख डिजिटल वॉलेंटियर्स (15 lakh digital volunteers) को अपने डेटाबेस में जोड़ने का काम पूरा कर लिया है. हमारा लक्ष्य साल के अंत तक 20 लाख डिजिटल वॉलेंटियर्स को जोड़ने का है. स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए हर मोहल्ले से 10-10 संभ्रांत लोगों के नाम, नंबर और पते अपडेट किए जा रहे हैं.

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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में इस बार 17 नगर निगमों में मेयर तथा पार्षदों के साथ ही 200 नगर पालिका परिषद और 535 नगर पंचायतों में चेयरमैन साथ सभासदों का चुनाव होने हैं. वार्ड और मोहल्ले की राजनीति में हिंसा और उत्पात की सबसे ज्यादा गुंजाइश बनी रहती है, ऐसे में डिजिटल वॉलेंटियर्स सी प्लान ऐप पुलिस की आंख, कान और नाक साबित होंगे.

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