लखनऊ: 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी हर स्तर पर अपनी चुनावी रणनीति को आगे बढ़ा रही है. जनता के बीच नाराजगी कम करने को लेकर बीजेपी ने एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक चला है. यह मास्टर स्ट्रोक है कोरोना के संकट काल के दौरान कोविड-19 प्रोटोकोल का उल्लंघन को लेकर दर्ज हुए मुकदमे की वापसी को लेकर.
योगी सरकार ने फैसला किया है कि कोविड उल्लंघन और आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत दर्ज तीन लाख दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाएगा. जिन लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए हैं, उन्हें बड़ी राहत मिलेगी. ऐसे में बीजेपी चुनाव से पहले लोगों की नाराजगी कम करने के प्रयास कर रही है.
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में महज कुछ महीने बचे हैं. भारतीय जनता पार्टी और योगी आदित्यनाथ सरकार चिंतित है. सरकार के स्तर पर तमाम कारणों से जनता नाराज है. भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से प्रदेश नेतृत्व को तमाम सर्वे से यह फीडबैक मिला है कि जनता नाराज है. इसमें सबसे बड़ा कारण महंगाई है. कोरोना के दौरान लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए गए और उनसे भारी जुर्माना वसूला गया. वह लोग भी सरकार से स्वाभाविक रूप से नाराज हैं.
लोगों के मूड को समझते हुए भाजपा सरकार ने तीन लाख दर्ज मुकदमों को वापस करने का फैसला किया है. न्याय विभाग की तरफ से इसको लेकर पिछले दिनों नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. जानकार बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार जनता की नाराजगी को दूर करने को लेकर हर स्तर पर प्रयास कर रही है. जिन लोगों के मुकदमे वापस होंगे सरकार और बीजेपी संगठन के लोग, उनसे संपर्क करते हुए समर्थन मांगेंगे. देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी की यह रणनीति कितनी सफल होती है और इस मास्टर स्ट्रोक से बीजेपी को चुनावी पिच में कितना फायदा मिल पाता है.
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उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने ईटीवी भारत से कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल उल्लंघन और आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत दर्ज 3 लाख मुकदमों को वापस करने का फैसला किया गया है. यह कोई अपराध नहीं था. यह सिर्फ कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन था, जिसको लेकर हमने इन मुकदमों को वापस लेने का फैसला किया है. विपक्ष हमेशा हर बात पर राजनीति करता रहता है. भारतीय जनता पार्टी की सरकार जनता के हित को लेकर काम कर रही है और उसी कड़ी में यह फैसला किया गया है.