लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेश हितेश चंद्र अवस्थी आज सेवानिवृत्त हो गए. लेकिन, देश की सबसे बड़ी पुलिस फोर्स का अगला मुखिया कौन होगा. ये सवाल अभी बना हुआ है. फिलहाल डीजीपी का चार्ज एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार को सौंपा गया है. नए डीजीपी के नाम का एलान होने तक एडीजी प्रशांत कुमार ये जिम्मेदारी संभालेंगे. मंगलवार को इसके लिए तीन नामों के पैनल पर दिल्ली में UPSC (यूपीएससी) के नेतृत्व में हुई मैराथन बैठक में नए डीजीपी के नामों पर चर्चा हुई.
सूत्रों की मानें तो पैनल में फ्रंट लाइन में यूपी कैडर के आईपीएस में मौजूदा वक्त में वरिष्ठता में सबसे ऊपर 86 बैच के नासिर कमाल व 87 बैच के मुकुल गोयल केंद्र में तैनात हैं. इसके बाद 87 बैच के ही आरपी सिंह, विश्वजीत महापात्रा, जीएल मीना हैं. हालांकि, सूत्रों की मानें तो वरिष्ठता के हिसाब से मुकुल गोयल का नाम नंबर एक पर चल रहा है. मंगलवार देर शाम मुकुल गोयल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से आवास पर मुलाकात भी की. इससे मुकुल गोयल के DGP बनने की संभावना और भी बढ़ गई है.
इसके साथ ही वर्ष 1988 बैच के तीन IPS अफसरों के नाम उभर कर सामने आए हैं. इसमें पुलिस भर्ती बोर्ड के डीजी IPS आरके विश्वकर्मा, आनंद कुमार व डॉ. डीएस चौहान का नाम चल रहा है. चर्चा है कि, अगर केंद्र से कोई नाम नहीं थोपा गया तो उत्तर प्रदेश का नया DGP 1988 बैच होगा. हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रहा है. इसके अलावा एक और नाम पर 1988 बैच के ही IPS अनिल अग्रवाल पर भी विचार चल रहा है. 30 जून शाम तक नए DGP के नाम की घोषणा की जा सकती है.
IPS मुकुल गोयल प्रबल दावेदार
1987 बैच के मुकुल गोयल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बीएसएफ के एडीजी हैं. उनका रिटायरमेंट फरवरी 2024 में है. मुकुल गोयल के लिए जोरदार लॉबिंग भी हो रही है और वह सरकार के भी विश्वास पात्र मानें जाते हैं. अपराध नियंत्रण के साथ पश्चिमी यूपी के किसानों और वैश्य समाज में भी उनकी अच्छी पकड़ है. ऐसे में किसान आंदोलन में फंसी बीजेपी सरकार को मझदार से निकालने में भी मुकुल गोयल काफी लाभदायक हो सकते हैं. मुकुल गोयल मूल रूप से उत्तर प्रदेश के शामली जनपद के रहने वाले हैं. उन्होंने आईआईटी दिल्ली से बीटेक और एमबीए की पढ़ाई की है.
यूपी में बड़ी जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं मुकल गोयल
अपने कार्यकाल के दौरान वे गोरखपुर, आजमगढ़, सहारनपुर, मेरठ और वाराणसी के पुलिस कप्तान भी रह चुके हैं. मुकल गोयल आगरा, कानपुर और बरेली रेंज के डीआईजी और बरेली जोन के आईजी भी रह चुके हैं. इसके साथ ही वे यूपी में एडीजी रेलवे रह चुकैं और उन्होंने सीबीसीआईडी भी काम किया है. मुकुल गोयल अखिलेश यादव सरकार के दौरान यूपी के एडीजी कानून-व्यवस्था भी रह चुके हैं. इसके अलावा मुकुल गोयल केंद्र में आईटीबीपी और एनडीआरएफ में भी काम कर चुके हैं.
मुकुल गोयल के पिता की आज है पुण्य तिथि
सूबे के डीजीपी बनने की दौड़ में शामिल आईपीएस मुकुल गोयल मूल रूप से जनपद शामली के रहने वाले हैं. करीब 25 साल से उनकी मां हेमलता गोयल शहर के मोहल्ला भरतिया कॉलोनी में रहतीं हैं. जहां आईपीएस के ममेरे भाई कारोबारी राहुल गोयल उनका ख्याल रखते हैं. मुकुल गोयल के के पिता महेंद्र गोयल का 6 साल पूर्व निधन हो चुका है, जिनकी बुधवार को पुण्यतिथि भी है.
हाईस्कूल तक की पढ़ाई हुई धनबाद
मूल रूप से जनपद शामली निवासी आईपीएस मुकुल गोयल का जन्म तो शामली में हुआ था, लेकिन इनकी हाईस्कूल तक की शिक्षा-दीक्षा झारखंड के धनबाद में हुई है. मुकुल गोयल के पिता महेंद्र कुुमार गोयल की पोस्टिंग धनबाद में थी और वे परिवार के साथ हाईस्कूल तक धनबाद में ही रहे. मुकुल गोयल के परिवार में मां हेमलता गोयल के साथ ही इकलौती बहन शिखा (अमेरिका में रहतीं हैं) और छोटा भाई मोहित गोयल है. भाई वर्तमान में अपने परिवार के साथ मुंबई में रहते हैं और वे वहां एक एक कॉलेज में डीन हैं, जो पूर्व में नेवी में रह चुके हैं. इसके साथ ही उनके परिवार में पत्नी सोनू गोयल और दो बेटियां भी हैं. दोनों बेटियां अभी पढ़ाई कर रही हैं. धनबाद के बाद मुकुल गोयल का परिवार के साथ दिल्ली आ गया, जहां उन्होंने आईआईटी तक की शिक्षा ग्रहण की. इसके बाद वे सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गए और आईपीएस बने.
ये भी हैं दावेदार
केंद्र से UPSC ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में तैनात 1986 बैच के आईपीएस नासिर कमाल, बीएसएफ के एडीजी व 1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल और यूपी के डीजी ईओडब्ल्यू-एसआईटी और 1987 बैच के आईपीएस डॉ.आरपी सिंह के नामों का पैनल यूपी सरकार को भेजा गया है. सीनियरिटी के हिसाब से भेजे गए इन तीन नामों में से ही एक को यूपी सरकार डीजीपी बनाएगी. हालांकि इनमे मुकुल गोयल के डीजीपी बनने की संभावना सबसे प्रबल बताई जा रही है.
एडीजी प्रशांत कुमार ने संभाला डीजीपी का चार्ज
प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था ने बुधवार को डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के रिटायर होने के बाद यूपी पुलिस के मुखिया का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया है. वे 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. डीजीपी का अतिरिक्त चार्ज संभालने के बाद उन्होंने कहा कि अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पहले से ही शासन की प्राथमिकता है. पुलिस अपनी पूरी क्षमता से शासन की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश करेगी.
यूपी पुलिस सबसे अच्छी कोरोना वॉरियर
एडीजी कानून-व्यवस्था ने कहा कि कोरोना महामारी के समय में पुलिस ने जो कार्य किए, उसकी हर जगह प्रशंसा हुई है. पुलिस ने अपने सेवा भाव से लोगों का दिल जीता है. यूपी पुलिस सबसे अच्छी कोरोना वॉरियर है. यही वजह है कि यूपी में पुलिस के लोग कम संख्या में संक्रमित हुए. पुलिस कर्मियों को कोरोना से बचाव के लिए जरूरी किट्स दिए गए. प्रवासी मजदूरों का आगमन भी पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती रही, लेकिन इस प्रकरण में भी पुलिस ने बेहतर प्रबंधन किया. फील्ड के सभी पुलिस अधिकारी अब पूरी तरह से इस चुनौती से निपटने के लिए तैयार हो चुके हैं. डीजीपी ने पहले ही पुलिस बल को यह संदेश दे दिया था कि मजदूरों की समस्याओं को बहुत ही संवेदनशीलता व मानवीयता दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है.
लंबे समय तक एडीजी जोन मेरठ के पद पर तैनात रहे प्रशांत कुमार अपराधियों से सख्ती से निपटने के लिए जाने जाते रहे हैं. उनके कार्यकाल में मेरठ जोन में आने वाले जिलों में पुलिस ने कुख्यात अपराधियों के साथ सीधा मोर्चा लिया. पुलिस के साथ मुठभेड़ में कई कुख्यात अपराधी मारे भी गए. पिछले तीन वर्षों में अपराधियों के साथ सर्वाधिक मुठभेड़ मेरठ जोन में हुई. इससे पहले वर्ष 2007 में वह मेरठ रेंज के डीआईजी के पद पर भी तैनात रह चुके थे. वह भदोही, पौड़ी गढ़वाल (अब उतराखंड का हिस्सा), सोनभद्र, जौनपुर, गाजियाबाद, फैजाबाद (अब अयोध्या), बाराबंकी और सहारनपुर जिले में पुलिस कप्तान के रूप में भी काम कर चुके हैं.