लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा महोबा के निलम्बित पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार की एफआईआर रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक की याचिका खारिज करने का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह बात समझ से परे है कि प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्ट अफसर को बचाने की कोशिशें क्यों कर रही है. उन्होंने योगी सरकार से मांग की है कि अदालत से याचिका रद्द होने के बाद आईपीएस मणिलाल पाटीदार को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए.
साथ ही उन्होंने कहा कि, आखिर किसके इशारे पर योगी सरकार इस पुलिस अधिकारी पर मेहरबानी दिखा रही है. अपराध और अपराधियों पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली सरकार आखिर क्यों दागदार पुलिस पर मेहरबान है. साथ ही उन्होंने कहा कि, प्रदेश की योगी सरकार बताए कि खनन के अवैध कारोबार में उनके मंत्रिमंडल के कौन-कौन से मंत्री लिप्त हैं, जिनके संरक्षण के चलते आजतक दागी पुलिस अफसर को बचाया जा रहा है.
'खनन को लूट का अड्डा बनाए है सरकार'
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि अब जब इलाहबाद हाईकोर्ट ने आईपीएस मणिलाल पाटीदार की याचिका खारिज कर दी है तो सरकार को उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर हत्या और भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत मुक़दमा दर्ज करना चाहिए. उन्होंने कहा कि खनन विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा है, जिसमें ऊपर से लेकर नीचे तक विभागीय और पुलिस का अमला शामिल रहता है. इस गठजोड़ को तोड़ना और खनिज सम्पदा को बचाना सरकार का कर्तव्य है, लेकिन योगी सरकार इसे लूट का अड्डा बनाये हुए है.
'सरकार दे रही ढील'
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मणिलाल पाटीदार ने महोबा के पुलिस अधीक्षक रहते कथित तौर से खनन के ठेकेदार इंद्रमणि तिवारी से छह लाख रुपया बतौर रंगदारी मांगा था जिसकी उसने लिखित शिकायत भी की थी, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. उल्टा पुलिस अधीक्षक ने पीड़ित ठेकेदार को परेशान किया. जिसके बाद एक दिन ठेकेदार की लाश उसकी कार में मिली, उसे गोली मारी गयी थी. इसके बाद उसकी हत्या के आरोप में 10 सितम्बर 2020 को कोतवाली महोबा में एफआईआर दर्ज हुई थी. लेकिन, योगी सरकार ने लीपापोती की कोशिश करते हुए मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी. जिसने इसे आत्महत्या का मामला बता दिया. इसके बाद भ्रष्टाचार के आरोप में पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार को सस्पेंड तो कर दिया गया, लेकिन गिरफ्तार नहीं किया गया. भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली योगी सरकार ने इस पुलिस अफसर को इतनी ढील क्यों दी, यह एक बड़ा सवाल है.
'कानपुर में भी पुलिस ने दिलाई थी फिरौती'
उन्होंने कहा कि इससे पहले कानपुर की एक अधिकारी ने अपहरणकर्ता को फिरौती दिलवाने के नाम पर पीड़ित परिवार का घर तक बिकवा दिया था और फिर साजिश करके अपहरणकर्ताओं को पैसा भी दिलवा दिए, लेकिन पुलिस बच्चे की जान नहीं बचा पाई.
'उल्टा प्रदेश बन गया है उत्तर प्रदेश'
उन्होंने कहा कि योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश उल्टा प्रदेश बन गया है, न उनसे कानून व्यवस्था सम्भाली जा रही है और न ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लग रहा है. भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दिया जा रहा है जिसका सुबूत मणिलाल पाटीदार को दी जाने वाली ढील है.