लखनऊ: योगी मंत्रिमंडल ने धान खरीद को लेकर बुधवार को बड़ा फैसला किया है. अब किसानों को खरीद के बाद 72 घंटे में भुगतान किया जाएगा. यही नहीं प्रदेश में चार हजार धान खरीद केंद्र बनाएंगे और एक अक्टूबर से खरीद शुरू होगी. मंत्रिमंडल ने प्रदेश में पीपीपी के आधार पर 16 नए मेडिकल कॉलेज और मऊ में एटीएस का नया केंद्र खोलने का भी फैसला किया है.
भारत सरकार ने खरीफ फसल वर्ष 2021-22 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत कॉमन धान का समर्थन मूल्य 1940 रुपए प्रति क्विंटल व ग्रेड-ए का समर्थन मूल्य 1960 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है. इसके तहत लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर व मंडल बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी में धान क्रय की अवधि एक अक्टूबर से 31 जनवरी तक व लखनऊ संभाग के जनपद लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव व चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर एवं प्रयागराज मण्डलों में एक नवम्बर से 28 फरवरी तक होगी.
धान खरीद से पहले कृषक पंजीयन तथा समस्त क्रय एजेंसियों पर ऑनलाइन धान क्रय की प्रक्रिया अनिवार्य की गई है. किसानों से धान खरीद कम्प्यूटराइज्ड सत्यापित खतौनी, फोटोयुक्त पहचान प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड के आधार पर की जाएगी. सभी क्रय एजेन्सियां धान के मूल्य का भुगतान भारत सरकार के पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से क्रय के 72 घंटे के अंदर करेंगी. बिक्री के लिए लाए गए निर्धारित गुणवत्ता के धान का क्रय किया जाएगा, परन्तु क्रय के लिए बोरों एवं कृषकों के भुगतान के लिए वित्तीय व्यवस्था के प्रबन्ध को ध्यान में रखकर सम्भावित क्रय लक्ष्य 70 लाख मीटिक टन निर्धारित किया गया है.
चार हजार क्रय केंद्र स्थापित किए जाएंगे. जिसमें खाद्य विभाग की विपणन शाखा के 1100, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ (पीसीएफ) के 1500, उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड (पीसीयू) के 600, उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के 200, उप्र उपभोक्ता सहकारी संघ (यूपीएसएस) के 300 तथा भारतीय खाद्य निगम के 300 क्रय केंद्र शामिल हैं.
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क्रय केंद्रों की रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर के माध्यम से जियो टैगिंग की जाएगी. जनपद में स्थापित सभी एजेंसियों के क्रय केंद्रों का नाम व पता, लोकेशन, प्रभारी का नाम व मोबाइल नंबर जिले की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा. मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के 16 जिलों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के आधार पर मेडिकल कॉलेजों को विकसित करने पर स्वीकृति प्रदान की. बागपत, बलिया, भदोही, चित्रकूट, हमीरपुर, हाथरस, कासगंज, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मऊ, रामपुर, सम्भल, संतकबीरनगर, शामली एवं श्रावस्ती में शासकीय एवं निजी क्षेत्र के अन्तर्गत कोई भी मेडिकल कॉलेज स्थापित नहीं है. इन जिलों में पीपीपी के आधार पर मेडिकल कॉलेज खोले जाने का निर्णय लिया गया है.
मंत्रिपरिषद ने मऊ की तहसील सदर के ग्राम परदहां में एटीएस के अधिकारियों, स्टाफ कार्यालय एवं फील्ड इकाई की स्थापना के लिए भवन व एटीएस कमांडो के बैरक के लिए आवंटित किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है.