लखनऊः माध्यमिक शिक्षा परिषद ने यूपी बोर्ड परीक्षा (UP Board Exam 2022) में अब प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों को भी प्रायोगिक परीक्षा कराने की छूट दी है. मंगलवार को जारी आदेश में सिर्फ राजकीय और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय के शिक्षकों को ही प्रायोगिक परीक्षा कराने का मौका दिया गया था. इसका विरोध देखने को मिला.
इसके बाद बोर्ड बैकफुट पर आ गया है. यूपी बोर्ड में 80 प्रतिशत काम निजी स्कूलों के शिक्षकों के भरोसे ही हो रहे हैं. ऐसे में प्रायोगिक परीक्षा से इन्हें शामिल किए बिना प्रायोगिक परीक्षाएं कराना संभव नहीं था. यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की प्रैक्टिकल परीक्षाएं दो चरणों में कराई जाएंगी. पहले चरण में 20 से 27 अप्रैल के बीच परीक्षा होंगी.
इस दौरान आगरा, बरेली, लखनऊ, सहारनपुर, झांसी, चित्रकूट, फैजाबाद, आजमगढ़, देवीपाटन तथा बस्ती मंडल में प्रायोगिक परीक्षा होगी. दूसरे चरण में 28 अप्रैल से 4 मई के बीच प्रैक्टिकल होंगे. इस दौरान अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी तथा गोरखपुर मंडल के इंटरमीडिएट कक्षाओं के बच्चे परीक्षा देंगे.
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इस बार के प्रैक्टिकल परीक्षा सीसीटीवी कैमरे की नजर में कराई जाएगी. बोर्ड की तरफ से परीक्षाओं को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं. नई व्यवस्था के तहत छात्रों को परीक्षा केंद्रों पर जाकर ही प्रैक्टिकल परीक्षाएं देनी होंगी. जिन केंद्रों के पास प्रयोगात्मक परीक्षा केंद्र की मान्यता नहीं है, वहां के बच्चों को नया परीक्षा केंद्र आवंटित किया जाएगा.
प्रैक्टिकल परीक्षाएं भी अब कैमरे की नजर में होंगी. इनकी रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखनी होगी. परीक्षक को परीक्षा केंद्र पर प्रैक्टिकल के लिए जाते समय अपना आधार कार्ड और पहचान पत्र दिखाना होगा. इनकी एक प्रति प्रिंसिपल अपने पास रिकॉर्ड के रूप में भी रखेंगे.
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