लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दसवीं मोहर्रम पर मंगलवार को निकाले जाने वाले ताजिया जुलूसों के चलते सुरक्षा बढ़ा दी गई है. लखनऊ DGP मुख्यालय ने सभी जिलों को अलर्ट करते हुए सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक नहीं होने की हिदायत दी है. सभी ताजिया जुलूसों को बॉक्स नुमा सुरक्षा घेरे में कर्बला तक ले जाया जाएगा. पुराने लखनऊ में इमामबाड़ा से तालकटोरा कर्बला तक पुलिसकर्मी तैनात हैं.
DGP मुख्यालय (Lucknow DGP headquarters) ने सभी जिलों को 152 कंपनी पीएसी और 11 कंपनी केंद्रीय बल मुहैया कराए हैं. संवेदनशीलता की वजह से लखनऊ कमिश्नरेट को 12 एएसपी, 34 डीएसपी, 40 इंस्पेक्टर, 175 सब इंस्पेक्टर, 10 महिला सब इंस्पेक्टर, 600 हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल, 150 ट्रेनी कांस्टेबल अलग से दिए गए हैं. प्रदेश में इस बार 8 हजार 9 सौ 35 ताजियों की स्थापना की गई हैं. मोहर्रम की दसवीं तारीख यौम-ए-आशूरा को ताजियों को कर्बला ले जाकर दफनाता जाएगा. दो वर्षों बाद जुलूस निकाले जाने के कारण अतिरिक्त सतर्कता बतरने के निर्देश दिए गए हैं.
विभिन्न परंपराओं के अनुसार ताजिए 23 अगस्त तक संबंधित कर्बलाओं में दफन किये जाएंगे और कुल 34 हजार 2 सौ 93 जुलूस निकाले जाने प्रस्तावित हैं. इसमें सबसे अधिक 36 हजार 7 सौ 55 ताजिए गोरखपुर जोन में स्थापित हैं, जबकि सबसे अधिक 23 हजार 15 जुलूस बरेली जोन में निकाले जाने प्रस्तावित हैं. डीजीपी मुख्यालय के अनुसार मस्जिदों के इमामों, धर्मगुरुओं और अंजुमनों के साथ बैठकें करके शासन के इस निर्देश से अवगत करा दिया गया है.
सीसीटीवी कैमरों को सक्रिय कराने और ड्रोन कैमरा से चेकिंग कराने के निर्देश भी दिये गये हैं. मोहर्रम के जुलूसों में बाक्स फार्मेट में चारों तरफ पुलिस के जवानों की ड्यूटी रहेगी. जुलूस के आगे पीछे राजपत्रित अधिकारी मौजूद रहेंगे. जुलूस के मार्गों की सुरक्षा के लिए श्वान दल और बम निरोधक दस्ते से सघन जांच कराने के निर्देश दिये गये हैं. एटीएस के कमांडो भी (up ATS deployed) अलर्ट पर रखे गए हैं. साथ ही सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों जैसे ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम आदि पर सतर्क दृष्टि रखी जा रही है.
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