लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल का एक चिकित्सक एक लावारिस मरीज का सहारा बन गया. चिकित्सक ने पहले अपने खर्चे पर मरीज का इलाज कराया और जब मरीज पूरी तरह से ठीक हो गई तो उसे उसके परिवारजनों से मिलवाने में भी अहम भूमिका निभाई.
- बलरामपुर अस्पताल में माह भर पहले एक युवती को किसी ने गंभीर हालत में छोड़ दिया था.
- किशोरी के शरीर में खून की कमी थी और उसके पैरों में सूजन के साथ शरीर पर चोट के निशान भी थे.
- बलरामपुर अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. विष्णु कुमार ने युवती की दवाइयों से लेकर खाने-पीने और कपड़े की व्यव्स्था की.
- तकरीबन 10 दिन के इलाज के बाद युवती की हालत सुधरी तो उसने अपना पता बताया.
हालत में सुधार के बाद युवती ने अपना पता कानपुर और पिता का नाम सरल और खुद का नाम राजकुमारी बताया. पुलिस से मदद से राजकुमारी के घर का पता किया गया. युवती कानपुर के रतन लाल नगर पुलिस चौकी क्षेत्र की की रहने वाली हैं. पुलिस की सूचना पर युवती के पिता रामसरन बलरामपुर अस्पताल पहुंचे. यहां उन्होंने बताया कि बेटी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. पहले वह अपने भाई के साथ इलाज कराने अस्पताल गई और वहीं से गायब हो गई थी. इस पर थाने में बेटी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. बेटी के मिलने पर पिता ने चिकित्सक और अन्य सभी का आभार व्यक्त किया.