लखनऊ : परिवहन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का ही नतीजा है कि वाहन स्वामियों पर 1900 करोड़ रुपए टैक्स बकाया है, लेकिन दशकों से यह टैक्स वसूल नहीं किया जा सका है. मजबूरन विभाग को कुछ भी मिल जाए इसलिए एकमुश्त समाधान योजना लानी पड़ी, लेकिन यहां भी अफसरों की शिथिलता के चलते विभाग को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिल रही है. 1900 करोड़ रुपये के टैक्स बकाए में एक माह से ऊपर का समय हो गया है, लेकिन छह परसेंट भी वसूली नहीं हो पाई है. इस बकाए टैक्स में अगर एक मुश्त समाधान योजना में सौ पर्सेंट पेनाल्टी 900 करोड़ रुपए हटा भी दी जाए तो फिर भी परिवहन विभाग का शुद्ध 1000 करोड़ रुपए टैक्स वाहन स्वामियों पर बकाया है. अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते ये कर वसूल नहीं हो पा रहा है. यही वजह है कि जो विभाग एकमुश्त समाधान योजना एक महीने के लिए लाया था उसे एक महीने और बढ़ाना पड़ गया.
परिवहन विभाग के इतिहास में पहली बार एक मुश्त समाधान योजना लागू की गई है. योजना लागू करने के पीछे उद्देश्य यही है कि कैसे भी टैक्स बकायेदारों से सैकड़ों करोड़ रुपए की वसूली हो सके. ओटीएस योजना के तहत बकायेदारों को 100 प्रतिशत पेनाल्टी की छूट दी जा रही है. तीन किस्तों में टैक्स का भुगतान करने का मौका भी दिया जा रहा है. हालांकि अभी भी परिवहन विभाग की तरफ से जो आंकड़े दिए गए हैं उसके मुताबिक टैक्स बकायेदार ओटीएस योजना से भी लाभान्वित होकर अपना टैक्स अदा करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. इससे सरकार की योजना भी परिवहन विभाग में साकार होती नजर नहीं आ रही है. 38 हजार बकायेदारों में से अब तक ओटीएस योजना का लाभ लेने वाले बकायेदारों का आंकड़ा 1500 ही पहुंचा है. फिलहाल, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ओटीएस योजना का लाभ लेकर भी अगर बकाएदार टैक्स नहीं जमा करते हैं तो चेकिंग अभियान के दौरान कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उत्तर प्रदेश की राजधानी की बात की जाए तो एक अप्रैल 2020 तक कुल 38,120 वाहनों पर परिवहन विभाग का सिर्फ लखनऊ में ही साढ़े 76 करोड़ से ज्यादा का बकाया है. अभी तक कुल 1497 आवेदन आरटीओ कार्यालय में आए हैं. 961 लोगों ने इस योजना का लाभ उठाते हुए टैक्स जमा किया है. इससे परिवहन विभाग को लगभग 352.28 लाख रुपए वसूल हुए हैं. इसी तरह अगर पूरे लखनऊ जोन के सभी जिलों की बात की जाए तो 60,240 वाहन स्वामियों पर टैक्स का 12751.61 लाख रुपए से ज्यादा का बकाया है. अभी तक 2712 वाहन स्वामियों ने एक मुश्त समाधान योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है. हमसे 1692 लोगों ने एक मुश्त समाधान योजना का लाभ उठाया है और इससे लखनऊ जोन में कुल 634.51 एक लाख रुपए की वसूली हुई है.
परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में बकाएदारों पर कुल 19 सौ करोड़ रुपए परिवहन विभाग का टैक्स बकाया है. इनमें से तमाम ऐसे बकायदार हैं जो खोजे ही नहीं मिल रहे हैं. कई बार नोटिस भी दिया गया है, लेकिन सामने नहीं आए. ऐसे टैक्स बकायेदारों से ही टैक्स वसूलने के लिए एक मुश्त समाधान योजना लाई गई, लेकिन यह टैक्स बकाएदार अभी भी सामने नहीं आ रहे हैं. अगर इस एक मुश्त समाधान योजना का लाभ बकाएदार ले लेते हैं तो पेनाल्टी के तौर पर 900 करोड़ रुपए का लाभ उन्हें ही मिलेगा. 1000 करोड़ रुपए शुद्ध तौर पर परिवहन विभाग का टैक्स वसूल हो जाएगा, लेकिन अभी भी इस योजना में लाभ लेने वाले आवेदकों की संख्या काफी कम है. कुल बकाए का छह फीसद भी अभी तक वसूल नहीं हो पाया है.
एक मुश्त समाधान योजना का लाभ लेने के लिए आरटीओ कार्यालय आए आवेदक हरदेव प्रसाद बताते हैं कि उनके पास छह कमर्शियल गाड़ियां हैं, काफी समय से लाखों रुपए का टैक्स बकाया हो गया है. परिवहन विभाग में एक मुश्त समाधान योजना निकाली है तो इसका लाभ लेने के लिए आरटीओ कार्यालय में आवेदन किया है. इस योजना से पेनाल्टी छूट जाएगी, जिससे काफी राहत मिलेगी.
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वाहन स्वामी परशुराम यादव बताते हैं कि उनकी दो गाड़ियां हैं. एक गाड़ी तो छूट गई, लेकिन एक गाड़ी सीज कर दी गई थी. काफी समय से वह थाने में ही बंद है. टैक्स भी काफी बकाया है. अब एक मुश्त समाधान योजना का लाभ लेने के लिए यहां आवेदन किया है. इससे अब पेनाल्टी छूट जाएगी, जिससे टैक्स जमा करने में काफी राहत मिलेगी.
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