लखनऊ : राजधानी के क्रिश्चियन और सेंटीनियल इंटर कॉलेज की अरबों रुपये की संपत्तियों पर कब्जा करने का षड्यंत्र रचा गया. फर्जी कागज तैयार किए गए. झूठे किरदार खड़े किए गए. यह सारा खेल मेथाडिस्ट चर्च लखनऊ के बिशप फिलिप्स मसीह की मौत के साथ शुरू हुआ. उनके फर्जी हस्ताक्षर बनाकर इन संस्थाओं का संचालन करने वाली सोसाइटी पर दावेदारी की गई. डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स, सोसाइटीज एवं चिट्स लखनऊ मंडल कार्यालय को खरीदा गया और सारे फैसले हक में कराए गए.
इस पूरे खेल का पर्दाफाश एक आरटीई (सूचना के अधिकार) से सामने आई गोपनीय जांच रिपोर्ट में हुआ है. मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद मंडल आयुक्त के आदेश पर बनी तीन सदस्य जांच टीम की यह गोपनीय रिपोर्ट है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस रिपोर्ट के सामने आने के बावजूद अभी तक अधिकारी इसे दबाते रहे.
रिपोर्ट हुई वायरल : क्रिश्चियन और सेंटीनियल इंटर कॉलेज के इस पूरे प्रकरण में गोमती नगर के अभिजीत मसीह ने 25 जून को संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय से सूचना के अधिकार में कुछ जानकारियां मांगी थीं. आवेदनकर्ता ने मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश के आधार पर मंडलायुक्त द्वारा प्रकरण की जांच के लिए बनाई समिति की रिपोर्ट मांगी. इस आरटीआई के जवाब में जो जांच रिपोर्ट सामने आई है उसके तथ्य काफी चौंकाने वाले हैं. यह रिपोर्ट इस समय सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है.
अक्टूबर में शुरू हुई थी जांच : इस प्रकरण में लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज के प्रबंधक प्रो. रवि रोबर्ट लायल की तरफ से मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजा गया. इस पत्र के बाद अक्टूबर 2021 में लखनऊ मंडलायुक्त के आदेश पर तीन सदस्यीय समिति ने जांच की. 32 पेज की जांच रिपोर्ट में इस पूरे फर्जीवाड़े को परत दर परत उधेड़ कर रख दिया गया है. रिपोर्ट में जांच टीम ने डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स, सोसाइटीज एंड चिट्स लखनऊ मंडल से लेकर लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल अणिमा रिसाल सिंह तक को कटघरे में खड़ा किया गया है. अणिमा रिसाल सिंह के सभी दावों को कूटरचित और फर्जी बताया गया है.
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री और प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्रा ने बताया कि शिक्षा माफियाओं द्वारा क्रिश्चियन कॉलेज और सेंटीनियल कॉलेज के साथ चार अन्य संस्थाओं पर कब्जा करने के लिए फर्जी दस्तावेजों के सहारे खेल किया. माध्यमिक शिक्षा संघ के प्रयासों के बाद इसमें जांच की गई. रिपोर्ट में स्पष्ट है कि फर्जी अभिलेखों के आधार पर यह समिति बनाई गई. अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. संगठन की तरफ से इसको लेकर संघर्ष जारी रखा जाएगा.
लगाए थे यह आरोप : शिकायतकर्ता प्रो. आरआर लायल की तरफ से आरोप लगाए गए थे कि अणिमा रिसाल सिंह की ओर से फर्जी दस्तावेजों के सहारे सोसाइटी को कब्जा करने का षड्यंत्र किया जा रहा है. इसके लिए फिलिप्स मसीह की कोरोना संक्रमण से हुई मृत्यु का फायदा उठाया गया.
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रिपोर्ट में लिखा गया है कि मुख्यमंत्री को सम्बोधित प्रो. रवि रोबर्ट लायल के पत्र 11 अक्टूबर 2021 के काम में सभी सम्बन्धित पक्षों तथा जिला विद्यालय निरीक्षक, लखनऊ एवं डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटीज एवं चिट्स लखनऊ द्वारा प्रस्तुत अभिलेख, आख्या एवं तथ्यों के अनुशीलन एवं परीक्षण से शिकायतकर्ताओं के कथन की पुष्टि होती है. जांच में सामने आया है कि अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने के लिए अणिमा रिसाल सिंह ने बिशप फिलिप्स मसीह के जो हस्ताक्षर प्रस्तुत किए वह भी फर्जी हैं.
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