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गठबंधन वोटबैंक में सेंध लगाने को राजभर ने चली चाल, उतारे अपने उम्मीदवार - ओमप्रकाश राजभर

बीजेपी के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 39 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने राजभर के साथ मिलकर रणनीति के साथ ऐसी चाल चली है जिससे कि गठबंधन के वोटबैंक में सेंधमारी की जा सके.

राजभर ने भाजपा की रणनीति पर उतारे उम्मीदवार
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Published : Apr 17, 2019, 9:04 PM IST

लखनऊ: ओमप्रकाश राजभर योगी सरकार में मंत्री हैं और वह पिछले काफी समय से बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. बीजेपी की रणनीति के अनुसार सपा-बसपा गठबंधन की पार्टी में बिखराव करने और उसमे सेंध लगाने के उद्देश्य से राजभर की पार्टी बड़ा काम कर सकती है.

भाजपा की रणनीति से गठबंधन में लगेगी सेंध

⦁ बीजेपी के लिए अब राजभर के पार्टी के उम्मीदवार बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.
⦁ सपा-बसपा गठबंधन के वोटों में सेंध लगाने में राजभर के उम्मीदवार कामयाब होंगे और जिसका सीधा-सीधा फायदा बीजेपी को होगा.
⦁ ओमप्रकाश राजभर बीजेपी की चुनावी राह आसान करने के लिए भाजपा के खिलाफ अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतार दिए हैं, जिससे सपा-बसपा के गठबंधन को मिलने वाले वोटों में सेंध लगाई जा सके और बीजेपी की चुनावी राह आसान हो जाए.

राजभर ने भाजपा की रणनीति पर उतारे उम्मीदवार

बीजेपी ने राजभर को मनाने का प्रयास किया है, लेकिन वह नहीं माने और अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतार दिए. बीजेपी खुलकर लड़ाई लड़ती है. राजभर को मनाने का प्रयास किया गया, लेकिन वह नहीं माने. यह कोई बीजेपी की रणनीति नहीं है और न ही वह बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा रहे हैं.

- डॉ मनोज मिश्र, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी

लखनऊ: ओमप्रकाश राजभर योगी सरकार में मंत्री हैं और वह पिछले काफी समय से बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. बीजेपी की रणनीति के अनुसार सपा-बसपा गठबंधन की पार्टी में बिखराव करने और उसमे सेंध लगाने के उद्देश्य से राजभर की पार्टी बड़ा काम कर सकती है.

भाजपा की रणनीति से गठबंधन में लगेगी सेंध

⦁ बीजेपी के लिए अब राजभर के पार्टी के उम्मीदवार बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.
⦁ सपा-बसपा गठबंधन के वोटों में सेंध लगाने में राजभर के उम्मीदवार कामयाब होंगे और जिसका सीधा-सीधा फायदा बीजेपी को होगा.
⦁ ओमप्रकाश राजभर बीजेपी की चुनावी राह आसान करने के लिए भाजपा के खिलाफ अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतार दिए हैं, जिससे सपा-बसपा के गठबंधन को मिलने वाले वोटों में सेंध लगाई जा सके और बीजेपी की चुनावी राह आसान हो जाए.

राजभर ने भाजपा की रणनीति पर उतारे उम्मीदवार

बीजेपी ने राजभर को मनाने का प्रयास किया है, लेकिन वह नहीं माने और अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतार दिए. बीजेपी खुलकर लड़ाई लड़ती है. राजभर को मनाने का प्रयास किया गया, लेकिन वह नहीं माने. यह कोई बीजेपी की रणनीति नहीं है और न ही वह बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा रहे हैं.

- डॉ मनोज मिश्र, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी

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लखनऊ। बीजेपी के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ 39 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं ओमप्रकाश राजभर योगी सरकार के मंत्री हैं और वह पिछले काफी समय से बीजेपी से नाराज चल रहे हैं उन्हें योगी सरकार का बागी मंत्री भी कहा जाता है। लेकिन जिस प्रकार की जानकारी बीजेपी के अंदर से मिल रही है वह चौंकाने वाली है भारतीय जनता पार्टी ने बहुत ही सोची समझी रणनीति के साथ ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के अपने ही खिलाफ उम्मीदवार घोषित कराने में सफलता हासिल की है।

बीजेपी की रणनीति के अनुसार सपा बसपा गठबंधन के ऑटो में बिखराव करने और उसमें सेंध लगाने के उद्देश्य से राजभर की पार्टी बड़ा काम कर सकती है पूर्वांचल की तमाम ऐसी सीटें हैं जहां राजभर वोटों की अधिकता है और अगर राजभर भले ही बीजेपी के साथ रहते और एक सीट मिल जाती तब भी सारा वोट बीजेपी को मिल पाता यह कह पाना बहुत ही मुश्किल था, बीजेपी के लिए अब राजभर के पार्टी के उम्मीदवार बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे तो भी राजभर समाज या ओबीसी के राजभर की पार्टी को जो मिलेंगे सपा बसपा गठबंधन जाने से रोकेंगे ऐसे में सपा बसपा गठबंधन के वोटों में सेंध लगाने में राजभर के उम्मीदवार कामयाब होंगे तो इसका सीधा-सीधा फायदा बीजेपी को ही होगा और बीजेपी की चुनावी राह आसान होगी।



Body:इसके अलावा सबसे बड़ी बात जो चौंकाने वाली है कि अगर ओम प्रकाश राजभर बीजेपी का पूरी तरह से साथ छोड़ देते तो उनका मंत्री पद भी जाता और जो तीन निगम और आयोग में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के नेताओं को बीजेपी ने समायोजित करते हुए सम्मानित किया है यह भी खाली करना पड़ता है ऐसे में राजनीतिक रूप से ओमप्रकाश राजभर को काफी नुकसान होता यही कारण है कि ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी की सोची-समझी रणनीति के अनुसार समय-समय पर बगावत किया और सीटें और गठबंधन ना होने का बहाना बनाते हुए बीजेपी के खिलाफ उम्मीदवार उतार दिए खास बात यह भी है कि ओमप्रकाश राजभर ने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया अगर वह बीजेपी से इतना ही नाराज है और जैसा कि वह पिछले काफी समय से इस्तीफा देने की धमकी देते रहे हैं तो इसमें सवाल यह है कि उन्होंने इस्तीफा क्यों नहीं दिया।
बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि ओमप्रकाश राजभर बीजेपी की चुनावी राह आसान करने के लिए भाजपा के खिलाफ अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतार दिए जिससे सपा बसपा के गठबंधन को मिलने वाले वोटों में सेंध लगे और बीजेपी की चुनावी राह आसान हो सके।
बाइट
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ मनोज मिश्र ने ईटीवी से कहा कि बीजेपी ने राजभर को मनाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माने और उम्मीदवार उतार दिए बीजेपी कोई छुपा खेल नहीं खेलती बीजेपी खुलकर लड़ाई लड़ती है राजभर को मनाने का प्रयास हुआ लेकिन वह नहीं माने, यह कोई बीजेपी की रणनीति नहीं है और ना ही कोई मतलब है कि वह बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा रहे हैं।




Conclusion:
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