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तबादलों की आंच में लोक निर्माण विभाग तपा, कामकाज ठप

लोक निर्माण विभाग तबादले की आंच में तप रहा है. विभाग में पिछले तीन महीने में तीन बार विभागाध्यक्ष बदला जा चुका है. जिनमें से एक निलंबित और एक रिटायर हो गए हैं. जो रिटायर हुए वे केवल आठ दिन के लिये ही विभागाध्यक्ष बनाए गए.

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Published : Aug 5, 2022, 5:40 PM IST

लखनऊ : लोक निर्माण विभाग (public works department) तबादला घोटाले की आंच में तप रहा है. विभाग में पिछले तीन महीने में तीन बार विभागाध्यक्ष बदला जा चुका है. जिनमें से एक निलंबित और एक रिटायर हो गए हैं. जो रिटायर हुए वे केवल आठ दिन के लिये ही विभागाध्यक्ष बनाए गए. वहीं निलंबित हुए विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता ने पेमेंट की व्यवस्था को बदल दिया था. जिसकी वजह से अब विभाग की जगह ट्रेजरी से भुगतान किया जा रहा है. तीन महीने से विभाग में लगातार पेमेंट रुके हुए हैं. जिसकी वजह से निर्माण कार्य बाधित हो रहे हैं. दूसरी ओर कार्य स्वीकृति के अधिकांश मामले रुके हुए हैं.


यूपी पीडब्ल्यूडी (PWD) में पिछले महीने की 2 तारीख को तबादलों के संबंध में जांच का आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने दिया था. जांच के बाद विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता, मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी सहित पांच अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था. उसके बाद में एचपी सिंगल को पीडब्ल्यूडी में विभागाध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन वे केवल आठ दिन में ही रिटायर होने वाले थे. इसके बाद में एक अगस्त को संदीप कुमार को विभागाध्यक्ष बनाया गया. इस तरह से तीन बार विभागाध्यक्ष बदला गया. जिसकी वजह से काम रुके हुए हैं.

डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अध्यक्ष एनडी द्विवेदी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी में कोई भी काम नहीं हो पा रहा है. पूर्व विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता ने ट्रेजरी के जरिए भुगतान की जो व्यवस्था बनाई थी, उसकी वजह से जून से ही ठेकेदारों के भुगतान नहीं हो पा रहे हैं. जिससे सभी काम रूके हुए हैं. यह एक तरह की नोटबंदी की व्यवस्था है जो कि पीडब्ल्यूडी में लागू हो गई है. लेकिन इसका कोई भी विकल्प नहीं दिया गया.

यह भी पढ़ें : हम तकनीक का प्रयोग कर अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को अवसर दिलाएंगे: मंत्री असीम अरुण

उन्होंने बताया कि इसके अलावा अन्य फाइलें भी लंबित पड़ी हैं. अभी भी तबादला घोटाले की आंच कम नहीं हुई है. जांच जारी है इसलिए काम अभी भी नहीं हो रहे हैं. इस मुद्दे पर पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष संदीप कुमार का पक्ष लेने के लिए संवाददाता उनके कार्यालय पहुंचा तो उनको बैठक में व्यस्त बताया गया. मोबाइल पर कॉल करने पर भी रिसीव नहीं किया.
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लखनऊ : लोक निर्माण विभाग (public works department) तबादला घोटाले की आंच में तप रहा है. विभाग में पिछले तीन महीने में तीन बार विभागाध्यक्ष बदला जा चुका है. जिनमें से एक निलंबित और एक रिटायर हो गए हैं. जो रिटायर हुए वे केवल आठ दिन के लिये ही विभागाध्यक्ष बनाए गए. वहीं निलंबित हुए विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता ने पेमेंट की व्यवस्था को बदल दिया था. जिसकी वजह से अब विभाग की जगह ट्रेजरी से भुगतान किया जा रहा है. तीन महीने से विभाग में लगातार पेमेंट रुके हुए हैं. जिसकी वजह से निर्माण कार्य बाधित हो रहे हैं. दूसरी ओर कार्य स्वीकृति के अधिकांश मामले रुके हुए हैं.


यूपी पीडब्ल्यूडी (PWD) में पिछले महीने की 2 तारीख को तबादलों के संबंध में जांच का आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने दिया था. जांच के बाद विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता, मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी सहित पांच अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था. उसके बाद में एचपी सिंगल को पीडब्ल्यूडी में विभागाध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन वे केवल आठ दिन में ही रिटायर होने वाले थे. इसके बाद में एक अगस्त को संदीप कुमार को विभागाध्यक्ष बनाया गया. इस तरह से तीन बार विभागाध्यक्ष बदला गया. जिसकी वजह से काम रुके हुए हैं.

डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अध्यक्ष एनडी द्विवेदी ने बताया कि पीडब्ल्यूडी में कोई भी काम नहीं हो पा रहा है. पूर्व विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता ने ट्रेजरी के जरिए भुगतान की जो व्यवस्था बनाई थी, उसकी वजह से जून से ही ठेकेदारों के भुगतान नहीं हो पा रहे हैं. जिससे सभी काम रूके हुए हैं. यह एक तरह की नोटबंदी की व्यवस्था है जो कि पीडब्ल्यूडी में लागू हो गई है. लेकिन इसका कोई भी विकल्प नहीं दिया गया.

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उन्होंने बताया कि इसके अलावा अन्य फाइलें भी लंबित पड़ी हैं. अभी भी तबादला घोटाले की आंच कम नहीं हुई है. जांच जारी है इसलिए काम अभी भी नहीं हो रहे हैं. इस मुद्दे पर पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष संदीप कुमार का पक्ष लेने के लिए संवाददाता उनके कार्यालय पहुंचा तो उनको बैठक में व्यस्त बताया गया. मोबाइल पर कॉल करने पर भी रिसीव नहीं किया.
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