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नाराज शिक्षकों ने सरकार के विरोध में जमकर लगाए नारे, सौंपा ज्ञापन

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (Uttar Pradesh Secondary Teachers Association) के नेतृत्व में सोमवार को प्रदेश के हजारों शिक्षकों ने शिक्षा निदेशक माध्यमिक के कार्यालय के समक्ष धरना दिया. सरकार के वादा खिलाफी से नाराज शिक्षकों ने सरकार के विरोध में जमकर नारे लगाए. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह व संचालन महामंत्री राम बाबू शास्त्री ने किया.

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Published : Aug 22, 2022, 9:07 PM IST

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ

लखनऊ : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (Uttar Pradesh Secondary Teachers Association) के नेतृत्व में सोमवार को प्रदेश के हजारों शिक्षकों ने शिक्षा निदेशक माध्यमिक के कार्यालय के समक्ष धरना दिया. सरकार के वादा खिलाफी से नाराज शिक्षकों ने सरकार के विरोध में जमकर नारे लगाए. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह व संचालन महामंत्री राम बाबू शास्त्री ने किया. धरने के उपरान्त प्रान्तीय संरक्षक राज बहादुर सिंह चन्देल के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को सम्बोधित नौ सूत्रीय ज्ञापन शिक्षा निदेशक माध्यमिक सरिता तिवारी को प्रेषित किया गया.


नौ सूत्रीय ज्ञापन में एनपीएस समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की गई. 9 मार्च 2019 को सरकार के साथ हुई निम्न सहमति के बिंदुओं को लागू किया जाए. तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण आदेश 22 मार्च 2016 के बिन्दु 8 की बाधा को समाप्त करते हुए विनियमितीकरण किया जाए और अद्यतन कार्यरत शिक्षकों को भी विनियमित किया जाए. मान्यता की धारा 7 क (क) को 7 (4) में संशोधित करते हुए वित्तविहीन विद्यालय में कार्य शिक्षकों की सेवा शर्त निर्धारित कर मानदेय ₹15000 प्रतिमाह आरटीजीएस प्रणाली से किया जाए. माध्यमिक विद्यालय में लंबित अवशेष का भुगतान शीघ्रता से जांच कराकर तीन माह में सुनिश्चित किया जाए. माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत सभी शिक्षकों कर्मचारियों को चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाए. माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा एवं मूल्यांकन की सभी स्तर के पारिश्रमिक की दरों में वृद्धि की जाए और इसे सीबीएसई के समतुल्य किया जाए.

मांग पत्र में स्थानांतरण की ऑनलाइन प्रक्रिया में आवश्यक संशोधन करते हुए सरलीकरण करने की मांग की गई है. बीते दो सत्रों से ऑफलाइन व ऑनलाइन की लंबित स्थानांतरण प्रक्रिया को तत्काल लागू किया जाए. वर्ष 2019 से लंबित हाईस्कूल की मान्यताओं का शासनादेश शीघ्र निर्गत किया जाए. विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की सेवाएं उनकी प्रथम नियुक्ति के दिनांक से जोड़कर उनका लाभ दिया जाए. माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा एवं मूल्यांकन आदि सभी प्रकार के पारिश्रमिक अवशेषों के बकाया का भुगतान किया जाए.

यह भी पढ़ें : केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने की मुकदमा स्थानांतरण की मांग
धरने में पूर्व एमएलसी लवकुश मिश्रा, सुरेश तिवारी, डा. महेन्द्र नाथ राय, जगदीश प्रसाद ब्यास, मार्कण्डेय सिंह, अनिरुद्ध तिवारी, महेश चन्द्र यादव, संजय द्विवेदी, विनोद मिश्रा, अरूण कुमार सिंह, देव स्वरूप त्रिवेदी, वाचस्पति पाण्डेय, रविंद्र सिंह, राजेश चौधरी, इन्द्रपाल सिंह, अशोक कुमार श्रीवास्तव, नर्सिंग बहादुर सिंह, नरेन्द्र सिंह, संत सेवक सिंह, अजय प्रताप सिंह, गिरजानन्द यादव, रणजीत सिंह, प्रमोद सिंह, विमलेंद्र, एससी रस्तोगी, हरमिलन शाही, राम मोहन शाही, सतेंद्र शुक्ला, गुलाब चन्द्र मौर्या, गिरेन्द्र कुशवाहा, जगदीश वाथम, जय प्रकाश शर्मा, शैलेश सिंह, कमल मोहन पाण्डेय, महिपाल सिंह, राजेश चौधरी, मनोज सिंह, दिनेश सिंह राणा समेत अन्य लोग मौजूद रहे.

यह भी पढ़ें : लखनऊ पहुंचे त्राहिमाम फिल्म के एक्टर पंकज बैर, जानिये क्या कहा?

लखनऊ : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (Uttar Pradesh Secondary Teachers Association) के नेतृत्व में सोमवार को प्रदेश के हजारों शिक्षकों ने शिक्षा निदेशक माध्यमिक के कार्यालय के समक्ष धरना दिया. सरकार के वादा खिलाफी से नाराज शिक्षकों ने सरकार के विरोध में जमकर नारे लगाए. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह व संचालन महामंत्री राम बाबू शास्त्री ने किया. धरने के उपरान्त प्रान्तीय संरक्षक राज बहादुर सिंह चन्देल के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को सम्बोधित नौ सूत्रीय ज्ञापन शिक्षा निदेशक माध्यमिक सरिता तिवारी को प्रेषित किया गया.


नौ सूत्रीय ज्ञापन में एनपीएस समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की गई. 9 मार्च 2019 को सरकार के साथ हुई निम्न सहमति के बिंदुओं को लागू किया जाए. तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण आदेश 22 मार्च 2016 के बिन्दु 8 की बाधा को समाप्त करते हुए विनियमितीकरण किया जाए और अद्यतन कार्यरत शिक्षकों को भी विनियमित किया जाए. मान्यता की धारा 7 क (क) को 7 (4) में संशोधित करते हुए वित्तविहीन विद्यालय में कार्य शिक्षकों की सेवा शर्त निर्धारित कर मानदेय ₹15000 प्रतिमाह आरटीजीएस प्रणाली से किया जाए. माध्यमिक विद्यालय में लंबित अवशेष का भुगतान शीघ्रता से जांच कराकर तीन माह में सुनिश्चित किया जाए. माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत सभी शिक्षकों कर्मचारियों को चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाए. माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा एवं मूल्यांकन की सभी स्तर के पारिश्रमिक की दरों में वृद्धि की जाए और इसे सीबीएसई के समतुल्य किया जाए.

मांग पत्र में स्थानांतरण की ऑनलाइन प्रक्रिया में आवश्यक संशोधन करते हुए सरलीकरण करने की मांग की गई है. बीते दो सत्रों से ऑफलाइन व ऑनलाइन की लंबित स्थानांतरण प्रक्रिया को तत्काल लागू किया जाए. वर्ष 2019 से लंबित हाईस्कूल की मान्यताओं का शासनादेश शीघ्र निर्गत किया जाए. विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की सेवाएं उनकी प्रथम नियुक्ति के दिनांक से जोड़कर उनका लाभ दिया जाए. माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा एवं मूल्यांकन आदि सभी प्रकार के पारिश्रमिक अवशेषों के बकाया का भुगतान किया जाए.

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धरने में पूर्व एमएलसी लवकुश मिश्रा, सुरेश तिवारी, डा. महेन्द्र नाथ राय, जगदीश प्रसाद ब्यास, मार्कण्डेय सिंह, अनिरुद्ध तिवारी, महेश चन्द्र यादव, संजय द्विवेदी, विनोद मिश्रा, अरूण कुमार सिंह, देव स्वरूप त्रिवेदी, वाचस्पति पाण्डेय, रविंद्र सिंह, राजेश चौधरी, इन्द्रपाल सिंह, अशोक कुमार श्रीवास्तव, नर्सिंग बहादुर सिंह, नरेन्द्र सिंह, संत सेवक सिंह, अजय प्रताप सिंह, गिरजानन्द यादव, रणजीत सिंह, प्रमोद सिंह, विमलेंद्र, एससी रस्तोगी, हरमिलन शाही, राम मोहन शाही, सतेंद्र शुक्ला, गुलाब चन्द्र मौर्या, गिरेन्द्र कुशवाहा, जगदीश वाथम, जय प्रकाश शर्मा, शैलेश सिंह, कमल मोहन पाण्डेय, महिपाल सिंह, राजेश चौधरी, मनोज सिंह, दिनेश सिंह राणा समेत अन्य लोग मौजूद रहे.

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