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अस्पताल की ओपीडी में डायरिया से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ी, जानिये क्या करें?

जिला अस्पताल की ओपीडी में डायरिया के मरीज बढ़ रहे हैं. सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉ. वीके गुप्ता ने बताया कि जुलाई और अगस्त में यह आंकड़ा 70 से 80 फीसदी तक पहुंच जाता है.

अस्पताल की ओपीडी
अस्पताल की ओपीडी
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Published : Jun 27, 2022, 4:51 PM IST

Updated : Jun 27, 2022, 5:04 PM IST

लखनऊ : जिला अस्पताल की ओपीडी में डायरिया के मरीज बढ़ रहे हैं. सिविल अस्पताल के बाल रोग विभाग में कमजोरी महसूस होने और पेट खराब होने के मामले में 40 से 50 फीसदी की वृद्धि हुई है. परिजन बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. अस्पताल की ओपीडी में काफी भीड़ भी है. पीडियाट्रिशियन के मुताबिक, ज्यादातर बच्चों में दस्त, उल्टी और बुखार की शिकायत है और वह शारीरिक रूप से कमजोर हो चुके हैं.

सिविल अस्पताल के सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉ. वीके गुप्ता ने बताया कि मौजूदा समय में डायरिया से पीड़ित बच्चे अस्पताल की ओपीडी में आ रहे हैं. वहीं संचारी रोग बरसात के मौसम में काफी फैलता है. जुलाई और अगस्त में यह आंकड़ा 70 से 80 फीसदी तक पहुंच जाता है, क्योंकि बरसात में आये दिन बच्चे डायरिया, हैजा, कालरा, डेंगू और निमोनिया से प्रभावित होते हैं.

जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

डॉ. वीके गुप्ता ने बताया कि डायरिया पाचन से संबंधित बीमारी है. जिसमें बच्चे को दस्त आना शुरू हो जाते हैं. इसका इलाज बेहद जरूरी है. डायरिया में भी लगातार दस्त आते हैं. जिसके कारण बच्चा डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाता है. कमजोरी की वजह से ग्लूकोज की नौबत आ जाती है. लापरवाही व इलाज न होने से यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है.

डायरिया के प्रमुख कारण : पीडियाट्रिशियन डॉक्टर ने बताया कि डायरिया बीमारी की सबसे बड़ी वजह वायरस है. जो हाथों पर बुरा प्रभाव डालता है. जिसे वायरल गैस्ट्रो एंड्रॉइड व आंतों का फ्लू भी कहा जाता है. इंफेक्शन, खाने में बेएहतियाती, किसी दवा के नकारात्मक प्रभाव, कुछ खाने से एलर्जी, वायरल इंफेक्शन, रेडिएशन थेरेपी, फूड प्वाइजनिंग, गंदगी और बासी बचा हुआ खाना खाने से डायरिया होता है. इस स्थिति में बच्चों का ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है.

डायरिया के लक्षण : डॉ. वीके गुप्ता ने बताया कि जब बच्चे को दस्त होता है तो इसके कई लक्षण सामने आते हैं. बहुत ज्यादा उल्टी आना, पेट में दर्द, पेट में सूजन, पानी की कमी, बच्चे को बार-बार बुखार, बदहजमी, बार-बार उबकई आना इसके प्रमुख लक्षण हैं.

ये भी पढ़ें : अफसरों और समितियों के पदाधिकारियों से मिले एलडीए वीसी, कहा जनता को ना हो तकलीफ

ऐसे करें बच्चे का देखभाल

- बच्चे को 3 से 4 घंटे से ज्यादा एक ही डायपर ना पहनाएं.
- बार-बार दस्त या ढंग से खाना न खाने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
- बच्चे को हल्का गुनगुना पानी पिलाएं.
- दूध पिलाते समय बोतल और निपल को गर्म पानी से धूलें.
- खानपान का विशेष ख्याल रखें.
- बच्चे को पतली दाल पिलाएं.

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लखनऊ : जिला अस्पताल की ओपीडी में डायरिया के मरीज बढ़ रहे हैं. सिविल अस्पताल के बाल रोग विभाग में कमजोरी महसूस होने और पेट खराब होने के मामले में 40 से 50 फीसदी की वृद्धि हुई है. परिजन बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. अस्पताल की ओपीडी में काफी भीड़ भी है. पीडियाट्रिशियन के मुताबिक, ज्यादातर बच्चों में दस्त, उल्टी और बुखार की शिकायत है और वह शारीरिक रूप से कमजोर हो चुके हैं.

सिविल अस्पताल के सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉ. वीके गुप्ता ने बताया कि मौजूदा समय में डायरिया से पीड़ित बच्चे अस्पताल की ओपीडी में आ रहे हैं. वहीं संचारी रोग बरसात के मौसम में काफी फैलता है. जुलाई और अगस्त में यह आंकड़ा 70 से 80 फीसदी तक पहुंच जाता है, क्योंकि बरसात में आये दिन बच्चे डायरिया, हैजा, कालरा, डेंगू और निमोनिया से प्रभावित होते हैं.

जानकारी देतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

डॉ. वीके गुप्ता ने बताया कि डायरिया पाचन से संबंधित बीमारी है. जिसमें बच्चे को दस्त आना शुरू हो जाते हैं. इसका इलाज बेहद जरूरी है. डायरिया में भी लगातार दस्त आते हैं. जिसके कारण बच्चा डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाता है. कमजोरी की वजह से ग्लूकोज की नौबत आ जाती है. लापरवाही व इलाज न होने से यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है.

डायरिया के प्रमुख कारण : पीडियाट्रिशियन डॉक्टर ने बताया कि डायरिया बीमारी की सबसे बड़ी वजह वायरस है. जो हाथों पर बुरा प्रभाव डालता है. जिसे वायरल गैस्ट्रो एंड्रॉइड व आंतों का फ्लू भी कहा जाता है. इंफेक्शन, खाने में बेएहतियाती, किसी दवा के नकारात्मक प्रभाव, कुछ खाने से एलर्जी, वायरल इंफेक्शन, रेडिएशन थेरेपी, फूड प्वाइजनिंग, गंदगी और बासी बचा हुआ खाना खाने से डायरिया होता है. इस स्थिति में बच्चों का ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है.

डायरिया के लक्षण : डॉ. वीके गुप्ता ने बताया कि जब बच्चे को दस्त होता है तो इसके कई लक्षण सामने आते हैं. बहुत ज्यादा उल्टी आना, पेट में दर्द, पेट में सूजन, पानी की कमी, बच्चे को बार-बार बुखार, बदहजमी, बार-बार उबकई आना इसके प्रमुख लक्षण हैं.

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ऐसे करें बच्चे का देखभाल

- बच्चे को 3 से 4 घंटे से ज्यादा एक ही डायपर ना पहनाएं.
- बार-बार दस्त या ढंग से खाना न खाने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
- बच्चे को हल्का गुनगुना पानी पिलाएं.
- दूध पिलाते समय बोतल और निपल को गर्म पानी से धूलें.
- खानपान का विशेष ख्याल रखें.
- बच्चे को पतली दाल पिलाएं.

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Last Updated : Jun 27, 2022, 5:04 PM IST
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