लखनऊ: ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय (Khwaja Moinuddin Chishti Language University) में पुरुष छात्रावास की समस्याओं और प्रॉक्टोरियल बोर्ड के मनमाने रवैये से परेशान छात्रों का प्रदर्शन सोमवार को भी जारी रहा. छात्रों ने कहा कि मौजूदा प्रॉक्टोरियल बोर्ड को हटाकर नए बोर्ड का गठन किया जाए. मौजूदा प्रॉक्टोरियल बोर्ड बिना जांच के छात्रों को हॉस्टल से निष्कासित कर रहा है.
इस प्रदर्शन में हॉस्टल के 96 छात्र शमिल हुए. छात्रों ने नया प्रॉक्टोरियल बोर्ड बनाने की मांग की. छात्रों ने कहा कि उनको बिना कारण बताए हॉस्टल से निकाला जा रहा है. इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने पर छात्रों को धमकी दी जा रही है. जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करके छात्रों अपमानित किया जा रहा है.
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि हॉस्टल में नियुक्त गार्ड को पर्सनल नौकर और गुंडों की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रॉक्टर के कहने पर गार्ड्स हमसे मारपीट करते हैं. हम पर लाठियां बरसाई जाती हैं. हॉस्टल के गार्ड्स प्रॉक्टर के निजी काम करते हैं.
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छात्रों ने कहा कि हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को अपशब्द कहे जाते हैं. जब इसकी शिकायत की जाती है, तो हॉस्टल से निष्कासित करने की धमकी दी जाती है. हॉस्टल में सफाई ठीक से नहीं की जा रही है. शिकायत के बावजूद इन अव्यवस्थाओं को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गयी. कहा जाता है कि विश्वविद्यालय गरीब है.
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