लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण में एक और समायोजन घोटाला हुआ है. छोटे प्लॉट के बदले घोटाला करके अफसर बाबू के गठजोड़ ने बेशकीमती बड़ा भूखंड आवंटित कर दिया है. मामले का खुलासा हुआ तो अब स्पेशल टास्क फोर्स ने जांच शुरू की है. जांच के दौरान इस मामले में एसटीएफ को और अधिक मामले मिले हैं.
इसमें ऐसे ही करीब 30 अन्य मामले सामने आए हैं जिनमें फाइल और अन्य कागज एलडीए से गायब हैं. इसके बाद अब एलडीए के कई अफसरों और कर्मचारियों के नाम सामने आ सकते हैं. इसकी वजह से एलडीए में इस पूरे मामले में खलबली मची हुई है. एसटीएफ इस प्रकरण में कई लोगों से पूछताछ भी कर सकती है. एलडीए संबंधित पत्रावलियों की तलाश तेजी से की जा रही है.
इस मामले में 30 वर्ग मीटर का प्लॉट आवंटन हुआ था जबकि आवंटी को बदले में 200 वर्ग मीटर का प्लॉट समायोजित किया गया है. इसके साथ अब 30 भूखंड की फाइलें गायब बताई जा रही हैं. न तो इनके मूल आवंटी का पता चल रहा है और न ही समायोजन के संबंधित कागज मिल रहे हैं. साल 1990 से साल 2005 तक एलडीए की कानपुर रोड, रश्मिखंड और बसंतकुंज योजना निर्बल आय वर्ग के लोगों को 30 वर्ग मीटर के प्लॉट आवंटित किए गए थे. जो आवंटी किस्तें जमा नहीं कर सके, उनका आवंटन निरस्त करने की कार्यवाही की गई. इसकी जगह समायोजन की कार्यवाही शुरू की गई है. इस मामले में अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा का कहना है कि जरूरी दस्तावेजों की तलाश को लेकर कार्यवाही की जा रही है.
रजिस्ट्री विभाग से हासिल किए जाएंगे दस्तावेज : एलडीए में दस्तावेज गायब हैं. इसलिए लखनऊ विकास प्राधिकरण के इन कागजों की तलाश रजिस्ट्री विभाग में की जाएगी. सभी प्लॉट की रजिस्ट्री हो चुकी है. इसलिए सारे कागज रजिस्ट्री विभाग में उपलब्ध हैं. वहां से इन कागजों को हासिल किया जाएगा. इसके बाद आगे की कार्यवाही और तेजी पकड़ेगी. सारा मामला फाइलों के सामने आते ही खुल जाएगा.
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एलडीए में करीब 800 फाइलें गायब : इस भूखंड घोटाले के अतिरिक्त लखनऊ विकास प्राधिकरण में 800 प्लॉट की फाइल गायब हैं. सैकड़ों लोग इस वजह से एलडीए के चक्कर काट रहे हैं.
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