लखनऊ: मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. योग से न सिर्फ आप शारीरिक तौर पर बल्कि मानसिक तौर पर भी फिट होते हैं. योग के जरिए आप अपने मन और ध्यान को एक चित्त कर सकते हैं. एक्सपर्ट ने बताया कि किस रोग के लिए कौन सा योगासन सबसे ज्यादा मददगार है. लखनऊ विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ योगा के विभागाध्यक्ष अमरजीत यादव ने बताया कि विवि की ओर से तमाम पार्कों में निशुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है. जहां पर हमारे विश्वविद्यालय के ट्रेनर मौजूद हैं. योगा हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है. उन्होंने कहा कि जब आप कभी डॉक्टर से मिलने जाते हैं तो आप उनसे बातों ही बातों में यह भी जानने की कोशिश करें कि कौन सा योगासन किस रोग में मददगार साबित होता है.
योगा ट्रेनर सौमिल शर्मा ने बताया कि योग हमारे लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है. उन्होंने बताया कि बहुत सारे योगासन हमें अनेकों बीमारियों से बचाते हैं. कोरोना काल में सभी ने योग के महत्व को समझाया. उन्होंने बताया कि उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) की बीमारी को दूर करने में योग काफी मददगार है. योग व ध्यान की मदद से हाइपरटेंशन को दूर किया जा सकता है.
एक्सपर्ट द्वारा बताए गए कुछ योगासन:
प्राणायाम: योग याज्ञवल्क्य संहिता में प्राण (आती सांस) और अपान (जाती सांस) के प्रति सजगता के संयोग को प्राणायाम बताया है. सांस की डोर से हम तन-मन दोनों को साध सकते हैं. हठयोग ग्रंथ कहता है 'चले वाते, चलं चित्तं' यानी तेज सांस होने से हमारा चित्त-मन तेज होता है और सांस को लयबद्ध करने से चित्त में शांति आती है.
ध्यान: धारणा लगातार बनी रह जाती है तो ध्यान घटित होता है. ध्यान के नाम पर जो भी विधि या प्रक्रिया हम अपनाते हैं वो महज हमें धारणा यानी एकाग्रता की ओर ले जा सकती है. जैसे-नींद से पहले हम तैयारी करते हैं, लेकिन यह तैयारी नींद की गारंटी नहीं है, वो अचानक आती है यानी घटित होती है.
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सर्वांगासन : सर्वांगासन करने से शरीर के प्रत्येक अंग पर प्रभाव पड़ता है. इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और शरीर को ढीला छोड़ दें. जब पांव जमीन से 30 डिग्री का कोण बनाने लगे तब वहां पर पांच सेकेंड के लिए रुक जायें. पांव को साठ डिग्री कोण तक उठाइये और पांच सेकेंड के लिए रुक जाइये. पांव को सीधा रखते हुए सिर की ओर लाइए जब 120 डिग्री का कोण बनाने लगे. इस अवस्था में पैरों को ऊपर की ओर ले जाएं, जहां तक संभव हो पैर और धड़ दोनों को एक सीध में रखें और धड़ को दोनों हाथों से सहारा दें. इसे ही सर्वांगासन कहा जाता है. यह ह्रदय रोग व रक्तचाप में सबसे ज्यादा मददगार होता है.
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