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ई रेंट एग्रीमेंट से होगा लाभ, जानिए क्यों हो रही है चर्चा - ई रेंट एग्रीमेंट व्यवस्था

प्रदेश सरकार ने ई रेंट एग्रीमेंट व्यवस्था (e rent agreement system) लागू की है. एक ओर सरकार दावा कर रही है कि इससे किराएदारी के लिए ई रेंट एग्रीमेंट कराने वाले लोगों को काफी लाभ होगा और उनका समय भी बचेगा. वहीं दूसरी ओर विशेषज्ञों का दावा है कि इस व्यवस्था से एक खास तबके को ही ज्यादा लाभ मिलेगा.

उत्तर प्रदेश सरकार
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Published : Sep 21, 2022, 8:18 PM IST

लखनऊ : हाल ही में प्रदेश सरकार ने ई रेंट एग्रीमेंट व्यवस्था (e rent agreement system) लागू की है. एक ओर सरकार दावा कर रही है कि इससे किराएदारी के लिए ई रेंट एग्रीमेंट कराने वाले लोगों को काफी लाभ होगा और उनका समय भी बचेगा. वहीं दूसरी ओर विशेषज्ञों का दावा है कि इस व्यवस्था से एक खास तबके को ही ज्यादा लाभ मिलेगा. कम पढ़े लिखे ग्रामीण आबादी के लोगों को इसका खास लाभ नहीं मिलेगा. गौरतलब है कि योगी सरकार ने प्रदेश में नागरिकों को कई तरह की सेवाएं ऑनलाइन देकर उनके जीवन को सुगम बनाने का प्रयास किया है. ई रेंट एग्रीमेंट उसी मुहिम का हिस्सा है. फिलहाल इसकी शुरुआत गौतमबुद्ध नगर से हुई है और जल्द ही अन्य जिलों में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी.


मौजूदा रेंट एग्रीमेंट की व्यवस्था (e rent agreement system) के तहत किराएदार को पहले डीड राइटर से संपर्क साधना पड़ता था. इसके बाद स्टांप पेपर खरीदने, उसकी नोटरी कराने के बाद दोनों पार्टियों के रेंट एग्रीमेंट पर सिग्नेचर होते थे. प्रस्तावित ऑनलाइन व्यवस्था में अब किराएदार को सिर्फ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित एग्रीमेंट पोर्टल पर जाकर अपने नाम और मोबाइल के जरिए लॉगिन करके लीज डिटेल भरनी होगी. उदाहरण के तौर पर गौतमबुद्ध नगर में www.gbnagar.nic.in नाम से साइट विकसित की गई है. इस पर प्रॉपर्टी की डिटेल भरने के बाद स्टांप ड्यूटी अदा करते ही लीज डीड की प्रिंट कॉपी मिल जाएगी. पोर्टल पर रेंट डिटेल भरते ही स्टांप ड्यूटी का ऑटोमैटिक कैलकुलेशन हो जाएगा.


माना जा रहा है कि नई व्यवस्था प्रदेश के लिए राजस्व का भी अच्छा जरिया बनेगी. गौतमबुद्ध नगर में मौजूदा व्यवस्था के तहत प्रतिवर्ष कम से कम 1.5 लाख लीज डीड होती हैं. स्टांप ड्यूटी के जरिए इस प्रक्रिया से प्रति वर्ष 1.5 करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है. वहीं, प्रस्तावित लीज डीड के जरिए प्रत्येक 15 हजार से अधिक मासिक किराए पर दो प्रतिशत स्टांप ड्यूटी के जरिए 3600 रुपये प्राप्त होंगे. कुल मिलाकर सरकार को सिर्फ गौतमबुद्ध नगर से 54 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति होगी. पूरे प्रदेश में व्यवस्था लागू होने के बाद सरकार को बड़ी राशि के रूप में राजस्व प्राप्त होगा.

यह भी पढ़ें : अभी तक नहीं मिल सका कार्यालय व गाड़ी, कैसे काम करेगी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स

नई व्यवस्था में सीधे मकान या बिल्डिंग के मालिक के साथ किराएदार ऑनलाइन अनुबंध कर सकेंगे. इससे आम नागरिकों समेत व्यापारियों को राहत मिलेगी. उन्हें मौजूदा जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा, बल्कि ऑनलाइन महज पांच मिनट में वो कांट्रैक्ट लेटर हासिल करने में सक्षम होंगे.

यह भी पढ़ें : इस बार क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में लग सकती है परमिट पर मुहर

लखनऊ : हाल ही में प्रदेश सरकार ने ई रेंट एग्रीमेंट व्यवस्था (e rent agreement system) लागू की है. एक ओर सरकार दावा कर रही है कि इससे किराएदारी के लिए ई रेंट एग्रीमेंट कराने वाले लोगों को काफी लाभ होगा और उनका समय भी बचेगा. वहीं दूसरी ओर विशेषज्ञों का दावा है कि इस व्यवस्था से एक खास तबके को ही ज्यादा लाभ मिलेगा. कम पढ़े लिखे ग्रामीण आबादी के लोगों को इसका खास लाभ नहीं मिलेगा. गौरतलब है कि योगी सरकार ने प्रदेश में नागरिकों को कई तरह की सेवाएं ऑनलाइन देकर उनके जीवन को सुगम बनाने का प्रयास किया है. ई रेंट एग्रीमेंट उसी मुहिम का हिस्सा है. फिलहाल इसकी शुरुआत गौतमबुद्ध नगर से हुई है और जल्द ही अन्य जिलों में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी.


मौजूदा रेंट एग्रीमेंट की व्यवस्था (e rent agreement system) के तहत किराएदार को पहले डीड राइटर से संपर्क साधना पड़ता था. इसके बाद स्टांप पेपर खरीदने, उसकी नोटरी कराने के बाद दोनों पार्टियों के रेंट एग्रीमेंट पर सिग्नेचर होते थे. प्रस्तावित ऑनलाइन व्यवस्था में अब किराएदार को सिर्फ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित एग्रीमेंट पोर्टल पर जाकर अपने नाम और मोबाइल के जरिए लॉगिन करके लीज डिटेल भरनी होगी. उदाहरण के तौर पर गौतमबुद्ध नगर में www.gbnagar.nic.in नाम से साइट विकसित की गई है. इस पर प्रॉपर्टी की डिटेल भरने के बाद स्टांप ड्यूटी अदा करते ही लीज डीड की प्रिंट कॉपी मिल जाएगी. पोर्टल पर रेंट डिटेल भरते ही स्टांप ड्यूटी का ऑटोमैटिक कैलकुलेशन हो जाएगा.


माना जा रहा है कि नई व्यवस्था प्रदेश के लिए राजस्व का भी अच्छा जरिया बनेगी. गौतमबुद्ध नगर में मौजूदा व्यवस्था के तहत प्रतिवर्ष कम से कम 1.5 लाख लीज डीड होती हैं. स्टांप ड्यूटी के जरिए इस प्रक्रिया से प्रति वर्ष 1.5 करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है. वहीं, प्रस्तावित लीज डीड के जरिए प्रत्येक 15 हजार से अधिक मासिक किराए पर दो प्रतिशत स्टांप ड्यूटी के जरिए 3600 रुपये प्राप्त होंगे. कुल मिलाकर सरकार को सिर्फ गौतमबुद्ध नगर से 54 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति होगी. पूरे प्रदेश में व्यवस्था लागू होने के बाद सरकार को बड़ी राशि के रूप में राजस्व प्राप्त होगा.

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नई व्यवस्था में सीधे मकान या बिल्डिंग के मालिक के साथ किराएदार ऑनलाइन अनुबंध कर सकेंगे. इससे आम नागरिकों समेत व्यापारियों को राहत मिलेगी. उन्हें मौजूदा जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा, बल्कि ऑनलाइन महज पांच मिनट में वो कांट्रैक्ट लेटर हासिल करने में सक्षम होंगे.

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