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jansunwai samadhan portal : जानिए किस तरह की शिकायतों का होता है निस्तारण

प्रदेश सरकार ने लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए जनसुनवाई समाधान पोर्टल (jansunwai samadhan portal) की शुरुआत की थी. आइए जानते हैं कि क्या है मुख्यमंत्री जन सुनवाई पोर्टल? इस पर किस तरह की शिकायतें की जा सकती हैं?

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Published : Aug 13, 2022, 6:31 PM IST

लखनऊ : प्रदेश सरकार ने लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए जनसुनवाई समाधान पोर्टल (jansunwai samadhan portal) की शुरुआत की थी. उत्तर प्रदेश लोक सेवा शिकायत विभाग के तहत आने वाले इस पोर्टल के माध्यम से सरकार न सिर्फ प्रदेश की जनता की शिकायतों और उनकी समस्याओं को सुनकर उनका निस्तारण कराने की कोशिश करती है, बल्कि दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है. आइए जानते हैं कि क्या है मुख्यमंत्री जन सुनवाई पोर्टल? इस पर किस तरह की शिकायतें की जा सकती हैं?



प्रदेश के जिन लोगों का किसी सरकारी विभाग से संबंधित कोई कार्य नहीं हो रहा है या किसी प्रकार की कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे लोग मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं. इस पोर्टल पर शासकीय योजनाओं के बारे में, जनसाधारण की समस्या से जुड़ी शिकायतें और जनता की मांग से जुड़ी शिकायतें ही की जा सकती हैं. पोर्टल के साथ ही सरकार ने जनसुनवाई एप को भी जनता को समर्पित किया है. इसके माध्यम से शिकायत पंजीकरण, शिकायत की स्थिति, नियत समय पर कार्यवाही न होने पर मैसेज भेजने के अलावा अपनी प्रतिक्रिया देने की भी सुविधा है. एप पर दर्ज संख्यात्मक डेटा के अनुसार अब तक तीन करोड़, 67 लाख 26 हजार 698 शिकायतें मिली हैं.


इस पोर्टल पर शिकायत करने पर संबंधित विभाग समस्या का निस्तारण करता है. जब तक समस्या का निस्तारण नहीं होता तब तक ऑनलाइन माध्यम से यूपी जनसुनवाई कंप्लेंट स्टेटस देखा जा सकता है. जनसुनवाई की सुविधा को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 भी शुरू किया है. इस नंबर पर ऑनलाइन शिकायतें भी सुनीं जाती हैं. सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में सरकारी कामकाज में पारदर्शिता आए. इस पोर्टल के माध्यम से इन दोनों ही क्षेत्रों में सरकार ने उल्लेखनीय प्रगति की है.
यह भी पढ़ें : भाजपा के नए संगठन मंत्री धर्मपाल और राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल कल आएंगे लखनऊ
जनसुनवाई पोर्टल पर सूचना के अधिकार से संबंधित शिकायतों की सुनवाई नहीं की जाती है. न्यायपालिका में विचाराधीन प्रकरण, सुझाव, आर्थिक सहायता या नौकरी की मांग और सरकारी सेवकों के सेवा संबंधी प्रकरण आदि की सुनवाई नहीं की जाती है. यदि कोई व्यक्ति इस तरह की शिकायतें भेजता है, तो उन्हें खारिज कर दिया जाता है.

लखनऊ : प्रदेश सरकार ने लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए जनसुनवाई समाधान पोर्टल (jansunwai samadhan portal) की शुरुआत की थी. उत्तर प्रदेश लोक सेवा शिकायत विभाग के तहत आने वाले इस पोर्टल के माध्यम से सरकार न सिर्फ प्रदेश की जनता की शिकायतों और उनकी समस्याओं को सुनकर उनका निस्तारण कराने की कोशिश करती है, बल्कि दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है. आइए जानते हैं कि क्या है मुख्यमंत्री जन सुनवाई पोर्टल? इस पर किस तरह की शिकायतें की जा सकती हैं?



प्रदेश के जिन लोगों का किसी सरकारी विभाग से संबंधित कोई कार्य नहीं हो रहा है या किसी प्रकार की कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे लोग मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं. इस पोर्टल पर शासकीय योजनाओं के बारे में, जनसाधारण की समस्या से जुड़ी शिकायतें और जनता की मांग से जुड़ी शिकायतें ही की जा सकती हैं. पोर्टल के साथ ही सरकार ने जनसुनवाई एप को भी जनता को समर्पित किया है. इसके माध्यम से शिकायत पंजीकरण, शिकायत की स्थिति, नियत समय पर कार्यवाही न होने पर मैसेज भेजने के अलावा अपनी प्रतिक्रिया देने की भी सुविधा है. एप पर दर्ज संख्यात्मक डेटा के अनुसार अब तक तीन करोड़, 67 लाख 26 हजार 698 शिकायतें मिली हैं.


इस पोर्टल पर शिकायत करने पर संबंधित विभाग समस्या का निस्तारण करता है. जब तक समस्या का निस्तारण नहीं होता तब तक ऑनलाइन माध्यम से यूपी जनसुनवाई कंप्लेंट स्टेटस देखा जा सकता है. जनसुनवाई की सुविधा को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 भी शुरू किया है. इस नंबर पर ऑनलाइन शिकायतें भी सुनीं जाती हैं. सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में सरकारी कामकाज में पारदर्शिता आए. इस पोर्टल के माध्यम से इन दोनों ही क्षेत्रों में सरकार ने उल्लेखनीय प्रगति की है.
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जनसुनवाई पोर्टल पर सूचना के अधिकार से संबंधित शिकायतों की सुनवाई नहीं की जाती है. न्यायपालिका में विचाराधीन प्रकरण, सुझाव, आर्थिक सहायता या नौकरी की मांग और सरकारी सेवकों के सेवा संबंधी प्रकरण आदि की सुनवाई नहीं की जाती है. यदि कोई व्यक्ति इस तरह की शिकायतें भेजता है, तो उन्हें खारिज कर दिया जाता है.

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