लखनऊ: सरोजिनी नगर विधानसभा सीट चुनावी जंग काफी रोचक होती नजर आ रही है. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी की स्वाति सिंह विधायक हैं. बीते दिनों स्वाति सिंह के पति और दयाशंकर सिंह की इस सीट पर दावेदारी की खबरें चर्चा में रहीं. दयाशंकर सिंह उत्तर प्रदेश भाजपा में प्रदेश उपाध्यक्ष हैं.
सियासी गलियारों से अब एक नई तस्वीर उभरने लगी है. चर्चा यह है कि पति-पत्नी की इस दावेदारी को देखते हुए बीजेपी किसी तीसरे चेहरे को चुनावी मैदान में उतार सकती है. चर्चा है कि पार्टी किसी यादव चेहरे को टिकट देने की तैयारी कर रही है. इन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाकर लखनऊ की सरोजिनी नगर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है. इससे एक ओर जहां विवाद खत्म हो जाएगा. वहीं क्षेत्र के यादव मतदाताओं को साधा जा सकता है.
वहीं, पार्टी का एक बड़ा तबका यहां स्थानीय व्यक्ति को ही टिकट देने पर जोर दे रहा है. असल में सरोजिनी विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय लोगों में स्वाति सिंह को लेकर काफी नाराजगी है. बीते दिनों ईटीवी भारत के कार्यक्रम में भी स्थानीय लोगों ने स्वाति सिंह के क्षेत्र में न आने की बात को लेकर नाराजगी जताई थी.
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सरोजिनी नगर विधानसभा चुनाव में 5,57,376 मतदाता हैं, जो इस बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने जा रहे हैं. 2017 के चुनाव के मुकाबले इस बार करीब 58,000 वोटर अधिक है. इस विधानसभा क्षेत्र में दलित और ओबीसी काफी संख्या है. इस सीट के अतीत में झांके तो आप पाएंगे कि यहां के मतदाताओं ने अब तक ब्राह्मण चेहरों पर ज्यादा भरोसा जताया है.
1967 से अब तक इस क्षेत्र के मतदाताओं ने करीब 14 विधानसभा चुनाव देखे हैं. इसमें 7 बार ब्राह्मण चेहरे को चुनकर विधानसभा तक पहुंचाया. ब्राह्मणों में भी यह सीट सिर्फ दो परिवार शारदा प्रताप शुक्ला और विजय कुमार त्रिपाठी के बीच ही रही है. विजय कुमार त्रिपाठी कांग्रेस के टिकट से करीब चार बार विधानसभा में पहुंचे. वहीं, शारदा प्रताप शुक्ला ने कभी समाजवादी पार्टी, कभी जनता दल तो कभी निर्दलीय ही चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.
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