ETV Bharat / city

पशुधन फर्जीवाड़े मामले में एक और आरोपी संतोष मिश्रा गिरफ्तार - livestock fraud case arrested by stf

पशुधन विभाग में आटा सप्लाई का टेंडर दिलाने के नाम पर की गई 9 करोड़ रुपये की ठगी मामले में एसटीएफ को सफलता मिली है. एसटीएफ ने गिरोह के सदस्य संतोष मिश्रा को गिरफ्तार किया है, जो खुद को पत्रकार बताकर ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों की मदद कर रहा था.

संतोष मिश्रा
संतोष मिश्रा
author img

By

Published : Sep 19, 2020, 5:14 PM IST

लखनऊ: पशुधन विभाग में आटा सप्लाई का टेंडर दिलाने के नाम पर की गई 9 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में जहां लखनऊ पुलिस ने बीते दिनों चार्जशीट दाखिल की है, वहीं गिरोह के सदस्य संतोष मिश्रा को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. संतोष मिश्रा खुद को पत्रकार बताकर ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों की मदद कर रहा था.

एसटीएफ की पूछताछ में संतोष मिश्रा ने बताया है कि वह एक चैनल में पत्रकार था और रिपोर्टिंग के सिलसिले में सचिवालय आता-जाता रहता था. इस दौरान उसकी भेंट प्रयागराज के रहने वाले चंद्रशेखर पांडे से हुई, जिसने इसे पशुधन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम हुई ठगी के मुख्य आरोपी आशीष राय से मिलाया. पूछताछ में संतोष मिश्रा ने बताया है कि आशीष राय ने उसे बताया था कि वह एआर एंटरटेनमेंट कंपनी चलाता है.

संतोष मिश्रा ने बताया कि आशीष राय महंगी लग्जरी गाड़ी और गनर लेकर चलता था, जिसके प्रभाव में वह आ गया और आशीष राय से जान-पहचान बढ़ने लगी. इस बीच घर आने-जाने के साथ पैसों का लेन-देन भी होने लगा. आशीष राय ने संतोष मिश्रा को प्रभाव में लेने के लिए संतोष मिश्रा के पारिवारिक कार्यक्रम में 3 लाख रुपये भी दिए थे. पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि आशीष राय के कहने पर ही संतोष मिश्रा को एक निजी चैनल में स्टेट हेड के पद पर नौकरी दी गई थी. संतोष मिश्रा ने यह बात भी कबूली है कि आशीष राय का सचिवालय में काफी प्रभाव था. लिहाजा वह फर्जी दस्तावेज तैयार कर ठगी की घटनाओं को अंजाम देता था और अगर कोई मामला फंसता था तो मुझे फोन कर उसे मैनेज करने के लिए कहता था.

एसटीएफ की पूछताछ में संतोष मिश्रा ने यह बात कबूली है कि साल 2018 में आशीष राय द्वारा मनजीत बाटी को टेंडर दिलाने के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख रुपये लिए थे. इसको मैनेज करने के लिए आशीष राय ने मुझसे संपर्क किया था. इसके लिए आशीष ने संतोष मिश्रा को 12 लाख रुपये दिए थे. वहीं संतोष मिश्रा ने आशीष राय को आश्वासन दिया था कि वह इस मामले को मैनेज कर देगा. इस बीच लॉकडाउन में संतोष मिश्रा ने आशीष राय से डेढ़ लाख रुपये और लिए थे.

एसटीएफ की पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि गोसाईगंज में अलास्का रियल एस्टेट डेवलपर्स कंपनी बनाकर लोगों से ठगी करने वाले हरिओम यादव से भी संतोष मिश्रा के संपर्क थे और जमीन में पैसा लगाने और 5 प्रतिशत ब्याज का लालच देकर लोगों से 29 करोड़ की धोखाधड़ी करने के मामले को मैनेज करने के लिए आरोपी हरिओम यादव ने संतोष मिश्रा को डेढ़ करोड़ रुपये दिए थे. इसमें से 85 लाख रुपये संतोष मिश्रा के आईसीआईसी बैंक शाखा कपूरथला अलीगंज लखनऊ में जमा कराया था और बाकी के पैसे कैश दिए गए थे.

लखनऊ: पशुधन विभाग में आटा सप्लाई का टेंडर दिलाने के नाम पर की गई 9 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में जहां लखनऊ पुलिस ने बीते दिनों चार्जशीट दाखिल की है, वहीं गिरोह के सदस्य संतोष मिश्रा को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. संतोष मिश्रा खुद को पत्रकार बताकर ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों की मदद कर रहा था.

एसटीएफ की पूछताछ में संतोष मिश्रा ने बताया है कि वह एक चैनल में पत्रकार था और रिपोर्टिंग के सिलसिले में सचिवालय आता-जाता रहता था. इस दौरान उसकी भेंट प्रयागराज के रहने वाले चंद्रशेखर पांडे से हुई, जिसने इसे पशुधन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम हुई ठगी के मुख्य आरोपी आशीष राय से मिलाया. पूछताछ में संतोष मिश्रा ने बताया है कि आशीष राय ने उसे बताया था कि वह एआर एंटरटेनमेंट कंपनी चलाता है.

संतोष मिश्रा ने बताया कि आशीष राय महंगी लग्जरी गाड़ी और गनर लेकर चलता था, जिसके प्रभाव में वह आ गया और आशीष राय से जान-पहचान बढ़ने लगी. इस बीच घर आने-जाने के साथ पैसों का लेन-देन भी होने लगा. आशीष राय ने संतोष मिश्रा को प्रभाव में लेने के लिए संतोष मिश्रा के पारिवारिक कार्यक्रम में 3 लाख रुपये भी दिए थे. पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि आशीष राय के कहने पर ही संतोष मिश्रा को एक निजी चैनल में स्टेट हेड के पद पर नौकरी दी गई थी. संतोष मिश्रा ने यह बात भी कबूली है कि आशीष राय का सचिवालय में काफी प्रभाव था. लिहाजा वह फर्जी दस्तावेज तैयार कर ठगी की घटनाओं को अंजाम देता था और अगर कोई मामला फंसता था तो मुझे फोन कर उसे मैनेज करने के लिए कहता था.

एसटीएफ की पूछताछ में संतोष मिश्रा ने यह बात कबूली है कि साल 2018 में आशीष राय द्वारा मनजीत बाटी को टेंडर दिलाने के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख रुपये लिए थे. इसको मैनेज करने के लिए आशीष राय ने मुझसे संपर्क किया था. इसके लिए आशीष ने संतोष मिश्रा को 12 लाख रुपये दिए थे. वहीं संतोष मिश्रा ने आशीष राय को आश्वासन दिया था कि वह इस मामले को मैनेज कर देगा. इस बीच लॉकडाउन में संतोष मिश्रा ने आशीष राय से डेढ़ लाख रुपये और लिए थे.

एसटीएफ की पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि गोसाईगंज में अलास्का रियल एस्टेट डेवलपर्स कंपनी बनाकर लोगों से ठगी करने वाले हरिओम यादव से भी संतोष मिश्रा के संपर्क थे और जमीन में पैसा लगाने और 5 प्रतिशत ब्याज का लालच देकर लोगों से 29 करोड़ की धोखाधड़ी करने के मामले को मैनेज करने के लिए आरोपी हरिओम यादव ने संतोष मिश्रा को डेढ़ करोड़ रुपये दिए थे. इसमें से 85 लाख रुपये संतोष मिश्रा के आईसीआईसी बैंक शाखा कपूरथला अलीगंज लखनऊ में जमा कराया था और बाकी के पैसे कैश दिए गए थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.