लखनऊ: परिवहन विभाग हर साल सड़क सुरक्षा जागरूकता सप्ताह मनाता है, लेकिन इन कार्यक्रमों के बावजूद लोग सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जागरूक नहीं हो रहे हैं और सड़क दुर्घटना के मामलों में लगातार वृद्धी हो रही है. इन दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार की तरफ से एक योजना लाई जा रही है, जिसमें एनजीओ और संस्थाओं को शामिल किया गया है. एनजीओ और संस्थाओं को इस काम के लिए भारत सरकार आर्थिक सहयोग देगी. इस योजना का उद्देश्य लोगों को सड़क दुर्घटना के प्रति जागरूक करना है.
देश में हर साल सड़क दुर्घटना में तकरीबन डेढ़ लाख लोगों की मौत हो रही हैं. हर 3:30 मिनट में कोई न कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना का शिकार होता है. देश में सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले व्यक्तियों में हर 7वां व्यक्ति उत्तर प्रदेश से होता है. यह स्थिति काफी चिंताजनक है.
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सड़क दुर्घटना से मृत्यु होने के प्रमुख कारण ओवरस्पीडिंग, वाहन चलाते हुए मोबाइल फोन का प्रयोग, गलत दिशा में वाहन चलाना और नशे की हालत में ड्राइव करना है. उप परिवहन आयुक्त पुष्पेंद्र सत्यार्थी बताते हैं कि नागरिकों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किए जाने के लिए सरकारी विभागों के साथ-साथ एनजीओ और संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है.भारत सरकार एनजीओ और संस्थाओं को इस क्षेत्र में किए गए कार्य के लिए आर्थिक सहयोग भी प्रदान कर रही है.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार ने स्कीम ऑफ फाइनेंशियल अस्सिटेंस फॉर एडमिनिस्ट्रेटिव रोड सेफ्टी एडवोकेसी एंड अवॉर्ड फॉर आउटस्टैंडिंग वर्क इन द फील्ड ऑफ रोड सेफ्टी को लॉन्च किया है. जिसका लक्ष्य सड़क दुर्घटना के आंकड़ों में कमी लाने का है.
ऐसे कराए पंजीकरण
ऑनलाइन पोर्टल (http://morth-roadsafety.nic.in:8080/auth/users/login.cshtml) को आवेदन के लिए चार मई से 31 मई तक के लिए खोल दिया गया है. सभी शैक्षणिक संस्थाएं गैर सरकारी संस्थाएं न्यास पंजीकृत सोसाइटी (https://morth.nic.in/ccircular-roadsafety) पर लॉगइन करके (https://twitter.com/MORTHIndia/status/1521537565467103232?t=zkflKV_0A3pHaBiwivhyxQ&s=08) परियोजना के विवरण पात्रता की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते है.
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