लखनऊ. विधानसभा चुनाव होने के बाद राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने उत्तर प्रदेश की कार्यकारिणी भंग कर दी है. इसके बाद अभी तक रालोद का कोई प्रदेश अध्यक्ष नहीं बन पाया है. पार्टी नेताओं का मानना है कि मई माह तक पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा. खास बात यह है कि पहली बार राष्ट्रीय लोकदल का प्रदेश अध्यक्ष मध्य या पूर्वी उत्तर प्रदेश से न होकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बन सकता है.
दरअसल, अब तक राष्ट्रीय लोकदल के तकरीबन दर्जनभर प्रदेश अध्यक्ष पूर्वी और मध्य उत्तर प्रदेश से बने. हालांकि पार्टी पश्चिम से निकलकर पूरे प्रदेश में खड़ी नहीं हो पाई. लिहाजा, इस बार चौधरी जयंत सिंह नया प्रयोग करते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसी बड़े नेता को प्रदेश अध्यक्ष की कमान थमा सकते है. इनमें जीते हुए आठ विधायकों में से किसी विधायक के नाम पर भी मुहर लग सकती है. इनमें विधायक अजय कुमार, प्रसन्न चौधरी, राजपाल बालियान, अनिल कुमार, चंदन चौहान, अशरफ अली, प्रदीप कुमार गुड्डू और गुलाम मोहम्मद शामिल हैं.
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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ही पार्टी माना जाता है. इस बार भी पार्टी ने अपने सभी प्रत्याशी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही मैदान में उतारे थे. 33 प्रत्याशियों में से आठ प्रत्याशी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. ऐसे में अब पश्चिम से बाहर निकलकर पार्टी उत्तर प्रदेश में अपना विस्तार करना चाहती है लेकिन अब पहली बार प्रदेश अध्यक्ष पूर्व या मध्य का न होकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसी नेता को बनाने पर जयंत मुहर लगा सकते हैं. अभी तक राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष की कमान डॉ. मसूद अहमद के पास थी. हाल ही में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और रालोद मुखिया जयंत चौधरी पर टिकट बिक्री के गंभीर आरोप भी लगाए थे.
अब तक ये रहे आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष
कैलाश नाथ सिंह, मसूद खान, राधेश्याम पटेल, राम आसरे वर्मा, मसूद खान, बाबा हरदेव सिंह, मुन्ना सिंह चौहान और डॉ. मसूद अहमद.
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