लखनऊ : उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग में तबादलों की गड़बड़ी और उसमें मुख्यमंत्री के एक्शन के बाद मंत्री जितिन प्रसाद ने ब्राह्मण कार्ड खेला है. जितिन प्रसाद केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष पीडब्ल्यूडी के माध्यम से परशुराम तीर्थ सर्किट का प्रस्ताव रखने जा रहे हैं. जिसमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के जिलों को मिलाकर नैमिषारण्य से लेकर बाबा नीम करौली धाम और जलालाबाद में परशुराम स्थल तक एक विशेष हाईवे बनाने का प्रस्ताव है. जितिन प्रसाद का यह प्रस्ताव ब्राह्मणों को रिझाने वाला माना जा रहा है. मजे की बात यह है कि जिस काॅरिडोर को जितिन प्रसाद विकसित करना चाहते हैं उसमें 80 प्रतिशत पर पहले से ही गोमती एक्सप्रेस वे प्रस्तावित है जो कि लखनऊ से उत्तराखंड तक जाएगा.
पीडब्ल्यूडी में पिछले दिनों हुए तबादलों को लेकर जबरदस्त विवाद छिड़ा था. जिसके बाद में इस पूरे मामले की जांच करवाई गई. जांच के बाद में मुख्यमंत्री के आदेश पर विभाग के 5 अधिकारी और कर्मचारियों को निलंबित किया गया. जिसमें निवर्तमान विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता भी शामिल थे. यही नहीं खुद मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी को भी निलंबित करके उन्हें केंद्र वापस भेज दिया गया था और उनके खिलाफ विजिलेंस जांच की सिफारिश भी राज्य सरकार की ओर से की गई. इस पूरे मामले में मंत्री जितिन प्रसाद की संलिप्तता की भी शिकायत की जाती रही, मगर उनके खिलाफ कोई जांच नहीं की गई. इस वजह से जितिन प्रसाद को काफी आरोप-प्रत्यारोप का भी सामना करना पड़ा. सोशल मीडिया पर लगातार उनकी आलोचना हो रही है. इन जटिलताओं से निपटने के लिए जितिन प्रसाद ने एक बार फिर से ब्राह्मण छवि को भुनाने का निर्णय लिया है. गौरतलब है कि जितिन प्रसाद की एंट्री जब भारतीय जनता पार्टी में हुई थी तब उनके बारे में यही कहा जा रहा था कि वह बड़े ब्राह्मण नेता हैं. उनके जरिए पार्टी ब्राह्मणों के बीच में सकारात्मक संदेश देना चाह रही थी.
पीडब्ल्यूडी अब परशुराम तीर्थ सर्किट बनाने जा रहा है. जिससे 6 जिलों के पांच तीर्थस्थल आपस में जुड़ जाएंगे. परशुराम तीर्थ सर्किट का निर्माण पीडब्ल्यूडी करेगा. यह सर्किट हिंदुओं के आस्था के प्रमुख केंद्र नैमिष धाम, महर्षि दधीचि स्थल मिश्रिख, गोला गोकर्णनाथ, गोमती उद्गम, पूर्णागिरी मंदिर के बॉर्डर से बाबा नीम करौली धाम और जलालाबाद परशुराम की जन्मस्थली को जोड़ेगा.
इस सर्किट की लंबाई 500 किलोमीटर से ज्यादा है. इस कॉरिडोर के लिए टेंडर जल्द होगा. वहीं 13 हज़ार करोड़ की लागत से उत्तर प्रदेश में एक और एक्सप्रेस-वे प्रस्तावित है. इसका नाम गोमती एक्सप्रेस-वे होगा. यह लखनऊ से खटीमा तक बनाया जाएगा, जो पीलीभीत होते हुए निकलेगा. एलडीए ने अपने सिटी डेवलपमेंट में इस एक्सप्रेस-वे को जोड़ लिया है. जल्द ही काम शुरू होने की बात कही जा रही है. गोमती एक्सप्रेस-वे का खाका लगभग तैयार कर लिया गया है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से उत्तराखंड को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे को एलडीए ने अपने सिटी डेवलपमेंट प्लान में शामिल किया है. इस सड़क के जरिए उत्तराखंड पहुंचना आसान हो जाएगा. इसका निर्माण गोमती नदी के किनारे किया जाएगा. लखनऊ में गोमती नदी के किनारे की लंबाई करीब 40 किलोमीटर है.
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