लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Allahabad High Court Lucknow Bench) ने राज्य सूचना आयोग के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है जिसमें निजी स्कूलों में एक-एक जन सूचना अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश मुख्य सचिव को दिया गया है. उक्त आदेश को एक याचिका के माध्यम से चुनौती देते हुए, इसे अविधिक व क्षेत्राधिकार से परे बताया गया है.
यह आदेश जस्टिस राकेश श्रीवास्तव व जस्टिस शमीम अहमद की खंडपीठ ने एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स की एक याचिका पर पारित किया है. राज्य सूचना आयोग ने एक अपील की सुनवाई करते हुए, मुख्य सचिव को आदेश दिया था कि वह प्रदेश में संचालित सभी निजी स्कूलों को निर्देशित करें कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत किसी के द्वारा मांगी गई सूचना उपलब्ध कराने के लिए वे अपने- अपने स्कूलों में एक-एक जनसूचना अधिकारी की नियुक्ति करें.
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याची की ओर से दलील दी गई कि निजी स्कूल राज्य या किसी भी स्थानीय प्राधिकरण से कोई अनुदान या सहायता प्राप्त नहीं कर रहे हैं लिहाजा आरटीआई अधिनियम, 2005 के तहत परिभाषित लोक प्राधिकरण की परिभाषा के तहत वे नहीं आते हैं. सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि एक अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए, 6 सितम्बर को ही न्यायालय राज्य सूचना आयोग के उक्त आदेश पर रोक लगा चुकी है.
इस आधार पर न्यायालय ने वर्तमान याचियों को भी राहत देते हुए, उक्त आदेश पर रोक लगा दी है. साथ ही न्यायालय ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है.
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