लखनऊ : होटल लेवाना अग्निकांड (hotel levana fire) के बाद मीडिया में गलत बयानी करने के मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष शिवप्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है. इससे पहले भी अपने विवादित बयानों को लेकर शिव प्रताप सिंह चर्चित रहे हैं. पूर्व उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह के समय में भी उन्होंने कई मामलों में एलडीए के खिलाफ बयान दिया था. जिसके बाद उन पर कार्रवाई का आगाज हुआ था. मगर उन को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था. इस बार उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने उनको नहीं बख्शा और निलंबित कर दिया है. इसके बाद उनके खिलाफ विभागीय जांच होगी.
इस मामले में शिव प्रताप सिंह ने हाल ही में एक बयान दिया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि लेवाना अग्निकांड केवल भ्रष्टाचार की वजह से हुआ है. एलडीए में अभियंता जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं. इसी वजह से यह गड़बड़ी हुई है. इसके बाद में उनके खिलाफ जांच हुई और जांच के बाद उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने मंगलवार को उन्हें निलंबित करने का आदेश कर दिया है.
एलडीए के पिछले करीब 11 साल से अध्यक्ष बने हुए कर्मचारी नेता शिवप्रताप सिंह के खिलाफ विजिलेंस जांच का आगाज हुआ है. उनके नाम पर आय से अधिक संपत्ति के मामलों की जांच जारी है. जिसको लेकर नगर निगम लखनऊ में पत्र भेजा गया था. उनकी अचल संपत्तियों की जानकारी जुटा कर विजिलेंस विभाग को भेजने के लिए हिदायत दी गई है.
सतर्कता विभाग एलडीए के पूर्व मुख्य अभियंता सहित कई कर्मचारियों व उनके परिवार के सदस्यों की अचल संपत्तियां नगर निगम में तलाश रहा है. यह तलाश भ्रष्टाचार मामले में हो रही खुली जांच को लेकर की जा रही है. सतर्कता अधिष्ठान विभाग के पुलिस अधीक्षक की ओर से नगर निगम को पत्र भेजा गया था. इसमें नगर निगम के रिकॉर्ड में दर्ज आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों की जानकारी मांगी गई थी.
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एलडीए में कनिष्ठ लिपिक शिव प्रताप सिंह पुत्र गंगा बख्श सिंह के नाम शहर में स्थित आवासीय और व्यावसायिक कितनी संपत्तियां नगर निगम के रिकॉर्ड में दर्ज हैं उसकी जानकारी को लेकर भी पत्र भेजा गया है. शिवप्रताप सिंह प्राधिकरण कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष हैं.
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