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सीएम की सुरक्षा को लेकर लापरवाह है पुलिस, सात माह में चार बार हो चुकी है चूक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की सुरक्षा में सेंध लगाना किसी के लिए भी लगभग असंभव ही है, लेकिन जब किसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जाते हैं तो वहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित लोकल पुलिस की भी होती है.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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Published : Jun 12, 2022, 10:15 PM IST

लखनऊ: सवाल है कि किसी राज्य के मुखिया से बढ़कर भला और किस शख्स की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होती है? जवाब है किसी की नहीं. सबसे पहले पुलिस को मुखिया की ही फिक्र करनी होती है, लेकिन उत्तर प्रदेश की पुलिस अपने मुखिया की सुरक्षा करने में लापरवाह साबित हो रही है. पिछले सात माह की बात करें तो किसी न किसी रूप में पुलिस से चार बार ऐसी चूक हुई जो कहीं न कहीं पुलिस की लापरवाही उजागर कर रही है.

कभी मुख्यमंत्री की फ्लीट में प्राइवेट गाड़ियां घुस गईं तो कभी कार्यक्रम के दौरान पिस्टल लेकर ही कोई घुस पड़ा. कभी सांड ही फ्लीट में आ गया तो कभी लड़कियां मुख्यमंत्री के सामने तक जा पहुंचीं. अब कहीं न कहीं यह बड़ा सवाल है कि आखिर जब मुखिया की सुरक्षा को लेकर पुलिस इतनी आलसी है तो आम आदमी की सुरक्षा के बारे में कुछ कहना ही बेकार है?

सीएम की फ्लीट के सामने पहुंचीं निजी गाड़ियां

वैसे तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में सेंध लगाना किसी के लिए भी लगभग असंभव ही है, लेकिन जब किसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जाते हैं तो वहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित लोकल पुलिस की भी होती है, लेकिन स्थानीय महकमा मुख्यमंत्री को सुरक्षा देने में कितना गंभीर है इसके उदाहरण सात माह में चार बार सीएम की सुरक्षा में चूक से सामने आ चुके हैं.

इसे भी पढ़ेंः आगरा में नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले महंत समेत छह लोगों के खिलाफ रिपोर्ट

10 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लेने एयरपोर्ट जा रहे थे. जैसे ही उनका काफिला 11:30 बजे के करीब हवाई अड्डे के बाहर पहुंचा कई निजी गाड़ियां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गाड़ी के सामने जा पहुंची. आनन-फानन में सीएम की सुरक्षा में तैनात कमांडो ने मुख्यमंत्री की गाड़ी को घेर कर उन्हें सुरक्षा प्रदान की. मुख्यमंत्री के एयरपोर्ट जाने के दौरान यातायात संचालन कर रहे पुलिसकर्मी कंफ्यूज हो गए और उन्होंने गलत दिशा में प्राइवेट गाड़ियों को मोड़ दिया था. इसके चलते मुख्यमंत्री की सुरक्षा को ही खतरा पैदा हो गया था. स्थानीय प्रशासन के इस मामले में हाथ पांव फूल गए थे तत्काल गोरखपुर के एसएसपी डॉ विपिन ताडा ने एक इंस्पेक्टर, एक दारोगा समेत आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था.

'डी' में दाखिल हो गईं दो लड़कियां

इससे पहले संभल जिले के चंदौसी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 11 फरवरी को स्पीच दे रहे थे. अचानक प्रतिबंधित डी एरिया को पार करते हुए दो लड़कियां मुख्यमंत्री योगी के पास तक जा पहुंचीं. आनन-फानन में सुरक्षा में तैनात अधिकारी इन लड़कियों को पकड़ने पहुंचे और मुख्यमंत्री से दूर ले गए. पूछताछ के दौरान सामने आया कि यह दोनों लड़कियां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करना चाह रही थी, लेकिन सवाल यही खड़ा हुआ कि आखिर डी एरिया तक यह लड़कियां इतनी भारी-भरकम सुरक्षा होने के बावजूद पहुंची तो कैसे? जाहिर सी बात है पुलिस सो रही थी.

असलहा लेकर घुसा शख्स

पिछले साल अक्टूबर माह में बस्ती जिले के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिरकत करनी थी. उनके कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से लगभग 40 से 50 मिनट पहले एक शख्स ऑडिटोरियम में लाइसेंसी पिस्टल लेकर घुस गया. जब सीनियर अधिकारियों की उस शख्स पर नजर पड़ी तो तत्काल उसे कार्यक्रम से बाहर किया गया. इस दौरान पुलिस विभाग के सीनियर अधिकारियों ने चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था.

रास्ते में आया सांड, धीमी हुई थी गाड़ियों की रफ्तार

पिछले साल दिसंबर माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए विंग कमांडर पृथ्वी सिंह के देवरिया स्थित घर पर शोक जताने पहुंचे थे. जब वे वहां से राजधानी लखनऊ के लिए रवाना हुए तो आगरा के एमजी रोड पर एक सांड सीएम के काफिले के सामने आ गया. सांड के आने से मुख्यमंत्री की फ्लीट को स्लो करना पड़ गया. इस दौरान ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों को कायदे से डपट पड़ी थी.

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लखनऊ: सवाल है कि किसी राज्य के मुखिया से बढ़कर भला और किस शख्स की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होती है? जवाब है किसी की नहीं. सबसे पहले पुलिस को मुखिया की ही फिक्र करनी होती है, लेकिन उत्तर प्रदेश की पुलिस अपने मुखिया की सुरक्षा करने में लापरवाह साबित हो रही है. पिछले सात माह की बात करें तो किसी न किसी रूप में पुलिस से चार बार ऐसी चूक हुई जो कहीं न कहीं पुलिस की लापरवाही उजागर कर रही है.

कभी मुख्यमंत्री की फ्लीट में प्राइवेट गाड़ियां घुस गईं तो कभी कार्यक्रम के दौरान पिस्टल लेकर ही कोई घुस पड़ा. कभी सांड ही फ्लीट में आ गया तो कभी लड़कियां मुख्यमंत्री के सामने तक जा पहुंचीं. अब कहीं न कहीं यह बड़ा सवाल है कि आखिर जब मुखिया की सुरक्षा को लेकर पुलिस इतनी आलसी है तो आम आदमी की सुरक्षा के बारे में कुछ कहना ही बेकार है?

सीएम की फ्लीट के सामने पहुंचीं निजी गाड़ियां

वैसे तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में सेंध लगाना किसी के लिए भी लगभग असंभव ही है, लेकिन जब किसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जाते हैं तो वहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित लोकल पुलिस की भी होती है, लेकिन स्थानीय महकमा मुख्यमंत्री को सुरक्षा देने में कितना गंभीर है इसके उदाहरण सात माह में चार बार सीएम की सुरक्षा में चूक से सामने आ चुके हैं.

इसे भी पढ़ेंः आगरा में नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले महंत समेत छह लोगों के खिलाफ रिपोर्ट

10 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लेने एयरपोर्ट जा रहे थे. जैसे ही उनका काफिला 11:30 बजे के करीब हवाई अड्डे के बाहर पहुंचा कई निजी गाड़ियां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गाड़ी के सामने जा पहुंची. आनन-फानन में सीएम की सुरक्षा में तैनात कमांडो ने मुख्यमंत्री की गाड़ी को घेर कर उन्हें सुरक्षा प्रदान की. मुख्यमंत्री के एयरपोर्ट जाने के दौरान यातायात संचालन कर रहे पुलिसकर्मी कंफ्यूज हो गए और उन्होंने गलत दिशा में प्राइवेट गाड़ियों को मोड़ दिया था. इसके चलते मुख्यमंत्री की सुरक्षा को ही खतरा पैदा हो गया था. स्थानीय प्रशासन के इस मामले में हाथ पांव फूल गए थे तत्काल गोरखपुर के एसएसपी डॉ विपिन ताडा ने एक इंस्पेक्टर, एक दारोगा समेत आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था.

'डी' में दाखिल हो गईं दो लड़कियां

इससे पहले संभल जिले के चंदौसी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 11 फरवरी को स्पीच दे रहे थे. अचानक प्रतिबंधित डी एरिया को पार करते हुए दो लड़कियां मुख्यमंत्री योगी के पास तक जा पहुंचीं. आनन-फानन में सुरक्षा में तैनात अधिकारी इन लड़कियों को पकड़ने पहुंचे और मुख्यमंत्री से दूर ले गए. पूछताछ के दौरान सामने आया कि यह दोनों लड़कियां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करना चाह रही थी, लेकिन सवाल यही खड़ा हुआ कि आखिर डी एरिया तक यह लड़कियां इतनी भारी-भरकम सुरक्षा होने के बावजूद पहुंची तो कैसे? जाहिर सी बात है पुलिस सो रही थी.

असलहा लेकर घुसा शख्स

पिछले साल अक्टूबर माह में बस्ती जिले के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शिरकत करनी थी. उनके कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से लगभग 40 से 50 मिनट पहले एक शख्स ऑडिटोरियम में लाइसेंसी पिस्टल लेकर घुस गया. जब सीनियर अधिकारियों की उस शख्स पर नजर पड़ी तो तत्काल उसे कार्यक्रम से बाहर किया गया. इस दौरान पुलिस विभाग के सीनियर अधिकारियों ने चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था.

रास्ते में आया सांड, धीमी हुई थी गाड़ियों की रफ्तार

पिछले साल दिसंबर माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश में शहीद हुए विंग कमांडर पृथ्वी सिंह के देवरिया स्थित घर पर शोक जताने पहुंचे थे. जब वे वहां से राजधानी लखनऊ के लिए रवाना हुए तो आगरा के एमजी रोड पर एक सांड सीएम के काफिले के सामने आ गया. सांड के आने से मुख्यमंत्री की फ्लीट को स्लो करना पड़ गया. इस दौरान ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों को कायदे से डपट पड़ी थी.

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