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बीजेपी के दांव से आरएलडी में घबराहट, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किला ढहने का डर - भारतीय जनता पार्टी

भारतीय जनता पार्टी के दांव ने आरएलडी खेमे में घबराहट पैदा कर दी है. आरएलडी के नेताओं को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी का किला ढह जाने का डर सताने लगा है. हालांकि आरएलडी नेता यह मानने को तैयार नहीं हैं कि भारतीय जनता पार्टी के भूपेंद्र सिंह को अध्यक्ष बना देने से रालोद का कोई नुकसान होगा.

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Published : Aug 29, 2022, 6:45 PM IST

Updated : Aug 29, 2022, 7:59 PM IST

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के दांव ने आरएलडी खेमे में घबराहट पैदा कर दी है. आरएलडी के नेताओं को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी का किला ढह जाने का डर सताने लगा है. दरअसल, राष्ट्रीय लोकदल की पूरी राजनीति पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही केंद्रित है और भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही ताल्लुक रखने वाले चौधरी भूपेंद्र सिंह को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है. ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुटी राष्ट्रीय लोक दल पार्टी को बीजेपी के इस कदम से वेस्टर्न यूपी के अपने वोटर्स के खसकने का भी भय है. हालांकि आरएलडी नेता यह मानने को तैयार नहीं हैं कि भारतीय जनता पार्टी के भूपेंद्र सिंह को अध्यक्ष बना देने से रालोद का कोई नुकसान होगा. 2024 में रालोद अच्छी तादाद में सीटें जीतने में कामयाब होंगे.


राष्ट्रीय लोकदल ने 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था. 33 सीटों पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी ने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से आठ उम्मीदवार जीतने में कामयाब भी हुए थे. इसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह समाजवादी पार्टी के सहयोग से राज्यसभा सांसद बनने में भी कामयाब हुए. इससे पार्टी की स्थिति काफी मजबूत हो गई. पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी. पार्टी के नेता उम्मीद जताने लगे कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव पार्टी अच्छे से लड़ेगी और जीतेगी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने एक ऐसा दांव खेला जो राष्ट्रीय लोक दल के लिए दिक्कत पैदा कर सकता है. भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से ताल्लुक रखने वाले जाट नेता चौधरी भूपेंद्र सिंह को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय में चौधरी भूपेंद्र सिंह की अच्छी पकड़ है. उनके कद का अंदाजा भी इस बात से लगाया जा सकता है कि योगी सरकार के पहले कार्यकाल में भी कैबिनेट मंत्री थे और इस बार भी वह कैबिनेट मंत्री हैं. बीजेपी को पूरी उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में जाट समुदाय भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देगा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कमल का फूल खिलाने में सफलता प्राप्त होगी.

जानकारी देते संवाददाता अखिल पांडेय



भारतीय जनता पार्टी ने जाट समुदाय को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष पर ही दांव नहीं खेला, इससे पहले जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाकर भी जाट समुदाय को यह संदेश दिया कि उनके समाज को प्रतिनिधित्व भारतीय जनता पार्टी ही दे रही है. भाजपा ने इन दोनों कदमों के जरिए जाट समुदाय के लोगों को लुभाने में कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन अब यह तो लोकसभा चुनाव के नतीजे बताएंगे कि भारतीय जनता पार्टी का यह दांव काम आएगा या फिर इनका कोई असर नहीं पड़ा.

यह भी पढ़ें : यूपी BJP अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह का लखनऊ में भव्य स्वागत, 10 रूट्स पर डायवर्जन

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्रनाथ त्रिवेदी मानते हैं कि जाट समुदाय पर भारतीय जनता पार्टी के इन दावों का कोई असर नहीं पड़ेगा. जाट समुदाय चौधरी जयंत सिंह में विश्वास करता है. आज से ही नहीं स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह और स्वर्गीय चौधरी अजीत सिंह के जमाने से ही जाट समुदाय राष्ट्रीय लोक दल के साथ है और अब बीजेपी के इस कदम के बाद और ज्यादा एकजुटता जाट समाज में आएगी. जिससे जाट समाज के लोग एक साथ होकर राष्ट्रीय लोकदल के पक्ष में मतदान करेंगे. मजबूती से चुनाव जीतेंगे. भारतीय जनता पार्टी ने चाहे प्रदेश अध्यक्ष जाट समुदाय का दे दिया हो या उप राष्ट्रपति बना दिया हो, लेकिन इसका कोई असर फिलहाल जाट समाज पर नहीं पड़ेगा.

यह भी पढ़ें : भारतीय संस्कृति के खिलाफ है लड़के, लड़कियों का साथ बैठना, बोले वी नतेसन

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के दांव ने आरएलडी खेमे में घबराहट पैदा कर दी है. आरएलडी के नेताओं को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी का किला ढह जाने का डर सताने लगा है. दरअसल, राष्ट्रीय लोकदल की पूरी राजनीति पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही केंद्रित है और भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही ताल्लुक रखने वाले चौधरी भूपेंद्र सिंह को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है. ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुटी राष्ट्रीय लोक दल पार्टी को बीजेपी के इस कदम से वेस्टर्न यूपी के अपने वोटर्स के खसकने का भी भय है. हालांकि आरएलडी नेता यह मानने को तैयार नहीं हैं कि भारतीय जनता पार्टी के भूपेंद्र सिंह को अध्यक्ष बना देने से रालोद का कोई नुकसान होगा. 2024 में रालोद अच्छी तादाद में सीटें जीतने में कामयाब होंगे.


राष्ट्रीय लोकदल ने 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था. 33 सीटों पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी ने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से आठ उम्मीदवार जीतने में कामयाब भी हुए थे. इसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह समाजवादी पार्टी के सहयोग से राज्यसभा सांसद बनने में भी कामयाब हुए. इससे पार्टी की स्थिति काफी मजबूत हो गई. पार्टी ने 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी. पार्टी के नेता उम्मीद जताने लगे कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव पार्टी अच्छे से लड़ेगी और जीतेगी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने एक ऐसा दांव खेला जो राष्ट्रीय लोक दल के लिए दिक्कत पैदा कर सकता है. भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से ताल्लुक रखने वाले जाट नेता चौधरी भूपेंद्र सिंह को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय में चौधरी भूपेंद्र सिंह की अच्छी पकड़ है. उनके कद का अंदाजा भी इस बात से लगाया जा सकता है कि योगी सरकार के पहले कार्यकाल में भी कैबिनेट मंत्री थे और इस बार भी वह कैबिनेट मंत्री हैं. बीजेपी को पूरी उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में जाट समुदाय भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देगा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कमल का फूल खिलाने में सफलता प्राप्त होगी.

जानकारी देते संवाददाता अखिल पांडेय



भारतीय जनता पार्टी ने जाट समुदाय को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष पर ही दांव नहीं खेला, इससे पहले जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाकर भी जाट समुदाय को यह संदेश दिया कि उनके समाज को प्रतिनिधित्व भारतीय जनता पार्टी ही दे रही है. भाजपा ने इन दोनों कदमों के जरिए जाट समुदाय के लोगों को लुभाने में कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन अब यह तो लोकसभा चुनाव के नतीजे बताएंगे कि भारतीय जनता पार्टी का यह दांव काम आएगा या फिर इनका कोई असर नहीं पड़ा.

यह भी पढ़ें : यूपी BJP अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह का लखनऊ में भव्य स्वागत, 10 रूट्स पर डायवर्जन

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्रनाथ त्रिवेदी मानते हैं कि जाट समुदाय पर भारतीय जनता पार्टी के इन दावों का कोई असर नहीं पड़ेगा. जाट समुदाय चौधरी जयंत सिंह में विश्वास करता है. आज से ही नहीं स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह और स्वर्गीय चौधरी अजीत सिंह के जमाने से ही जाट समुदाय राष्ट्रीय लोक दल के साथ है और अब बीजेपी के इस कदम के बाद और ज्यादा एकजुटता जाट समाज में आएगी. जिससे जाट समाज के लोग एक साथ होकर राष्ट्रीय लोकदल के पक्ष में मतदान करेंगे. मजबूती से चुनाव जीतेंगे. भारतीय जनता पार्टी ने चाहे प्रदेश अध्यक्ष जाट समुदाय का दे दिया हो या उप राष्ट्रपति बना दिया हो, लेकिन इसका कोई असर फिलहाल जाट समाज पर नहीं पड़ेगा.

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Last Updated : Aug 29, 2022, 7:59 PM IST
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