लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बिजली की समस्याओं के सही समय पर समाधान न करने को लेकर बिजली विभाग के अधिकारियों पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि एक तरफ जहां पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती का भी सामना उपभोक्ताओं को करना पड रहा है.
शहरी क्षेत्रों में ब्रेकडाउन का मामला हो या छोटी-छोटी बिजली की समस्याएं, समाधान के लिए प्रदेश के उपभोक्ता लगातार विभागीय कार्मिकों और अभियंताओं के संपर्क में रहते हैं फिर भी उनकी समस्या का समाधान तत्परता से नहीं किया जा रहा है. वर्तमान में सोशल मीडिया के प्लेटफार्म चाहे वह फेसबुक और ट्विटर हो या कोई अन्य माध्यम, उस पर छोटी-छोटी उपभोक्ता समस्याओं का अंबार लगा रहता है.
उन्होंने कहा है कि चाहे बिलिंग संबंधित समस्या का मामला हो, मीटर संबंधी समस्या का मामला हो, संयोजन संबंधी समस्या का मामला हो, पीडी संबंधी समस्या का मामला हो या किसानों के ट्यूबवेल से संबंधित मामला. सामने आ रहा है कि अभियंता और कार्मिक उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील नहीं हैं. औपचारिकता निभा रहे हैं, जिससे कहीं न कहीं बिजली निगमों की छवि धूमिल होती है. सरकार की नीतियों पर भी बुरा प्रभाव पडता है.
इसे भी पढ़ेंः उपद्रवियों की पिटाई पर बोले अखिलेश यादव, कहा- ऐसे हवालात पर उठने चाहिए सवाल...
ऐसे में उपभोक्ता परिषद पावर कॉर्पोरशन प्रबंधन और बिजली निगमों के प्रबंध निदेशकों से यह मांग करता है कि वह सख्त निर्देश जारी करें कि जिन समस्याओं का समाधान विद्युत कार्यालय में त्वरित हो सकता है. उस पर उपभोक्ता को बार-बार कार्यालय का चक्कर न लगवाया जाए. उनकी समस्या का समाधान बिना देरी के किया जाए.
ऐसा न करने पर नजीर के रूप में सख्त कार्रवाई किया जाना जरूरी है. उपभोक्ता परिषद ने इस बात पर गंभीर चिंता व्यक्त की है कि बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग को अवगत कराया था कि अप्रैल माह में उपभोक्ताओं के लिए मुआवजा का पूरा सिस्टम ऑनलाइन सुचारू रूप से शुरू हो जाएगा. लेकिन अभी तक नहीं शुरू हुआ, जो बेहद गंभीर मामला है.
अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कारपोरेशन सहित बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशक और निदेशक उपभोक्ताओं से प्राप्त होने वाली शिकायतों को सैंपल के रूप में स्वतः चेक कराएं. अगर उसमें कोई ऐसी शिकायत प्राप्त हो रही जिस पर बिजली कार्मिकों और अभियंताओं की तरफ से त्वरित निदान किया जा सकता था, लेकिन समय से नहीं किया गया. ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करते हुए प्रबंधन को नजीर पेश करना चाहिए. जिससे बिजली कंपनियों और सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर उपभोक्ताओं की जो समस्याओं का अंबार लग रहा है उस पर विराम लग सके.
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने प्रबंधन से यह भी मांग की है कि मुआवजा के मामले में ऑनलाइन व्यवस्था जो अप्रैल में बिजली कंपनियों को शुरू कर देना चाहिए था अभी तक सुचारू रूप से शुरू नहीं की गई है. ऐसे में मुआवजा के मामले में विद्युत नियामक आयोग की तरफ से बनाए गए प्रावधान के तहत पूरी व्यवस्था ऑनलाइन तत्काल चालू कराई जाए, जिससे मानक के अनुसार समय पर उपभोक्ता की समस्या का निदान न होने पर उपभोक्ताओं को निर्धारित व्यवस्था में मुआवजा हासिल हो सके.
एमडी ने किया स्टोर का निरीक्षण, समय पर सामान उपलब्ध कराने के दिए निर्देश
वहीं दूसरी ओर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (Madhyanchal Vidyut Vitran Nigam Limited) के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारोत ने रविवार को आजाद नगर विद्युत उपकेंद्र और फैजुल्लागंज स्थित स्टोर केंद्र का औचक निरीक्षण किया. आजादनगर विद्युत उपकेंद्र के निरीक्षण में प्रबंध निदेशक ने विद्युत आपूर्ति को देखते हुए इनकमिंग एंड आउटगोइंग फीडर को चेक किया.
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की जनसंपर्क अधिकारी शालिनी यादव ने बताया कि अधिकारियों को विद्युत आपूर्ति सामान्य बनाए रखने और ओटीएस का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी प्रबंध निदेशक ने दिए. राजस्व वसूली के लक्ष्य को भी समय पर प्राप्त करने के भी निर्देश दिए. फैजुल्लागंज स्थित भंडार केंद्र का निरीक्षण कर प्रबंध निदेशक मध्यांचल ने इआरपी के माध्यम से इंडेंट बनाए जाने के प्रोसेस को समझा. अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्युत संबंधी सामान की आपूर्ति सामान बनाए रखें. जिससे कि मांगे जाने पर तत्काल उपकरण उपलब्ध कराया जा सके. निरीक्षण में प्रबंध निदेशक मध्यांचल के साथ निदेशक तकनीकी मुख्य अभियंता लेसा व अधीक्षण अभियंता स्टोर भी मौजूद थे.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप