लखनऊ : इन दिनों राजधानी के अस्पतालों में पोस्ट कोविड मरीजों (post covid patient) की संख्या काफी बढ़ गई है. अस्पतालों में लंबी लाइनों में लगकर मरीज इलाज करवा रहे हैं. राजधानी के लोकबंधु अस्पताल में कोरोना से पहले रोजाना करीब 200 से 250 मरीज इलाज के लिए आते थे, लेकिन अब मरीजों की संख्या 30 फीसदी तक बढ़ गई है. इस समय अस्पताल की सभी ओपीडी को मिलाकर दो हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.
बातचीत के दौरान मरीजों ने बताया कि यहां के डॉक्टर काफी अच्छे हैं. काफी अच्छे से इलाज करते हैं, लेकिन मरीजों की संख्या इधर बढ़ गई है. इस समय ज्यादातर मरीज सर्दी, जुखाम, बुखार और पोस्ट कोविड के आ रहे हैं. नौ बजे के बाद से अस्पताल में भीड़ होना शुरू हो जाती है, ऐसे में कई बार स्टाफ और तीमारदारों के बीच में बहस हो जाती है. जिस दिन अस्पताल में कम मरीज होते हैं उस दिन कोई ऐसी समस्या नहीं होती है.
वहीं कुछ मरीजों ने बताया कि डॉक्टर का व्यवहार बहुत अच्छा है. यहां पर समय पर समुचित इलाज भी मिल जाता है, लेकिन यहां के स्टाफ का व्यवहार बिल्कुल भी अच्छा नहीं है. किसी से अगर कुछ पूछ लो तो वह भड़क जाता है. आए दिन यहां पर पर्चा काउंटर के स्टाफ और तीमारदारों के बीच में झगड़ा होता है. बस इतनी विनती है कि उनका व्यवहार ठीक हो जाएगा तो मरीजों की हल्की-फुल्की समस्या भी दूर हो जाएगी.
वहीं इस वक्त वायरल बुखार ने कोहराम मचा रखा है. हर दूसरे घर में कोई न कोई सदस्य वायरल की चपेट में है. सरकारी अस्पतालों में सबसे ज्यादा मरीज मेडिसिन व बाल रोग विभाग की ओपीडी में आ रहे हैं. तेज बुखार के साथ सर्दी जुकाम ने भी मरीजों को जकड़ रखा है. लोकबंधु अस्पताल की ओपीडी में वायरल बीमारियों से पीड़ित होकर 100 से अधिक मरीज आ रहे हैं. बाल रोग विभाग की ओपीडी में 30 से 40 बुखार पीड़ित बच्चे पहुंच रहे हैं.
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लोकबंधु अस्पताल के एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि कोविड से पहले मरीजों संख्या कम थी, लेकिन अब रोजाना दो हजार ओपीडी में मरीज दिखाने के लिए आ रहे हैं. एक डॉक्टर के ऊपर अनेक मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी बनी हुई है, हालांकि अस्पताल में पर्याप्त डॉक्टर हैं. मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण डॉक्टरों पर भी काम का भार ज्यादा है. जितने भी मरीज यहां पर आते हैं उन्हें बेहतर सुविधा दी जाती है ताकि वह यहां से हताश होकर ना लौटें. इस समय सबसे ज्यादा पोस्ट कोविड के मरीज (post covid patient) आ रहे हैं. इसके बाद वायरल इन्फेक्शन से पीड़ित मरीजों की संख्या अधिक है.
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