लखनऊ: प्रदेश में पहली बार हुआ है कि उद्योगों को सवा तीन साल में अब तक 3 लाख 52 हजार 98 एनओसी दी गई हैं. इसमें विदेशी कंपनियों से लेकर घरेलू कंपनियां भी शामिल हैं, जो प्रदेश में हजारों करोड़ रुपये का निवेश कर उत्पादन कर रही हैं. सरकार के निवेश फ्रेंडली सिस्टम के कारण एक लाख 50 हजार 376 उद्यमियों ने संतुष्टि भी जाहिर की है. निवेश मित्र पोर्टल पर श्रम विभाग में सबसे अधिक औसतन आवेदन के बाद 1 दिन में 1 लाख 4 हजार 767 एनओसी दी गई हैं. ज्यादातर आवेदन में 21, 30 और 60 दिन में एनओसी की समयसीमा निर्धारित थी, लेकिन ज्यादातर आवेदन में एनओसी 1, 2 और 5 दिन में दी गईं. ऐसे ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 36 हजार 668 एनओसी औसतन 10 दिन में दी हैं.
इसमें ज्यादातर आवेदन के लिए समयसीमा 10, 90 और 120 दिन निर्धारित थी. फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग ने औसतन 6 दिन में 20 हजार 400 एनओसी दी हैं, जबकि सरकार की ओर से समयसीमा 7, 15 और 30 दिन निर्धारित थी. इस बारे में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने ट्विट भी किया है. उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार के निवेश मित्र पोर्टल के तहत जारी प्रमाण पत्र/एनओसी/स्वीकृति/सहमति की संख्या 3.5 लाख को पार कर गई है. निवेश मित्र टीम और सभी संबंधित विभागों को हार्दिक बधाई.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सतत प्रयासों से बीमारू राज्यों में गिने जाने वाले प्रदेश को यह सफलता हासिल हुई है. सीएम योगी की तरफ से प्रदेश में पहली बार उद्योगों को ऑनलाइन एनओसी देने के लिए फरवरी 2018 में शुरुआत की गई थी और निवेश मित्र पोर्टल लॉन्च किया गया था. इस पोर्टल के माध्यम से सभी प्रकार की एनओसी पारदर्शिता के साथ निर्धारित समय में दी जाती है. इससे उद्यमियों को चक्कर काटने से मुक्ति मिलती है और उनका समय बचता है.
बतौर सरकार के प्रवक्ता आईआईए के राष्ट्रीय चेयरमैन पंकज कुमार कहते हैं कि यूपी सरकार ने प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए जो प्रयास किए हैं, यह उसी का परिणाम है. निवेश मित्र पोर्टल से उद्यमियों की काफी समस्याओं का समाधान समय रहते हो रहा है. इसी वजह से प्रदेश में नए निवेशक आकर्षित हो रहे हैं. वह कहते हैं कि सरकारी क्षेत्र में तकनीकी के इस्तेमाल से उद्यमियों को बेवजह की पेचीदगियों से मुक्ति मिली है. उद्यमियों के लिए सरकार ने सभी स्वीकृतियां, अनुमोदन और अनुमति ऑनलाइन की है. कई तरह के लाइसेंसों, एनओसी, स्वीकृतियों और अनुमोदन का डिजिटाइजेशन किया गया है.
औद्योगिक इकाइयों की ओर से विभिन्न अधिनियमों के तहत दाखिल करने वाले रिटर्न या सूचनाओं को तर्कसंगत और एकीकृत करते हुए कम किया गया है. पहले उद्योगों को एनओसी मिलने में कई बार कई साल लग जाते थे, लेकिन अब 72 घंटे में एनओसी दी जा रही है. लंबित भुगतान के लिए 18 मंडलों में फैसिलिटेशन काउंसिल का गठन किया गया है, जबकि प्रदेश में पहले यह सिर्फ कानपुर में था.
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