लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगातार कोविड-19 से संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है. प्रदेश में अब तक 2,92,029 लोग कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 2,21,506 मरीज ठीक हो चुके हैं. वहीं 4,206 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है. वर्तमान के आंकड़ों के मुताबिक 66,317 एक्टिव केस मौजूद हैं. दरअसल उत्तर प्रदेश की स्थिति बेहतर नहीं है, लेकिन अगर कोविड-19 संक्रमण से बचने का प्रयास किया जाए और कोविड-19 संक्रमण से लड़ने के लिए खुद को तैयार किया जाए तो काफी हद तक इसे मात दी जा सकती है. इन आंकड़ों की बानगी बयां करने के लिए उत्तर प्रदेश की जेलें काफी हैं.
दरअसल, यूपी की जेलों में बंद 1 लाख 12 हजार कैदियों में से अब तक किसी भी कैदी की कोरोना संक्रमण से मौत नहीं हुई है. वहीं जेल प्रशासन के मुताबिक अब तक 1 लाख 16 हजार से भी अधिक कोविड-19 संक्रमण का टेस्ट कराया गया है, जिसमें 6,510 कैदियों में संक्रमण की पृष्टि हुई है. बता दें कि, कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए जेल प्रशासन की तरफ से बेहतर इंतजाम किए जा रहे हैं. वहीं जेल में बंद कैदियों को कोरोना से बचाव के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं.
जेल के कैदियों को कोविड-19 संक्रमण से बचाने के लिए जेल प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं. जेल में कोविड-19 संक्रमण न फैलने पाए, इसके लिए जेल में आने वाले कैदियों का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है. वहीं रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही नए कैदियों को जेल में प्रवेश दिया जा रहा है. जेल में प्रवेश के पहले कैदियों की थर्मल स्क्रीनिंग कराने के बाद उनके हाथों को सैनिटाइज कराया जा रहा है. इन औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही कैदियों को जेल में जाने दिया जाता है. नए कैदियों के जेल में पहुंचने के बाद भी उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिन के लिए भेजा जा रहा है.
डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि कैदियों को कोरोना से बचाने के लिए एक खास तरह की दवा दी जा रही है. वहीं जेल में उनके लिए आयुर्वेदिक काढ़ा के साथ ही हर्बल टी की भी व्यवस्था की गई है, जिससे कैदियों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके और वे कोरोना से लड़ने में सक्षम रहें.
कोविड-19 संक्रमण के दौरान जेल में बेहतर चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है. जेल में कोविड-19 संक्रमण के दौरान ओपीडी की संख्या में बढ़ोतरी की गई है. ऐसे में जो लोग ओपीडी में बुखार या जुखाम की शिकायत लेकर पहुंचते हैं, उन्हें इलाज के साथ ही अस्पताल में बने आइसोलेशन सेंटर में रखा जाता है. जब ये मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, तभी उन्हें जेल में वापस भेजा जाता है. वहीं इलाज के बाद भी इन कैदियों को 14 दिन तक क्वारंटाइन सेंटर में ही रखा जा रहा है.
कोविड-19 संक्रमण की शुरुआत में ही डीजी जेल आनंद कुमार ने जेलों को निर्देशित किया था कि कोरोना संक्रमण से कैदियों और स्टाफ को बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम कर लिए जाएं. हालांकि इसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश की कई जेलों में कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए हैं, लेकिन अभी तक यूपी की जेलों में एक भी कैदी की कोविड-19 संक्रमण से मौत नहीं हुई है.
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