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ज्ञानवापी विवाद पर कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी का बयान, देखिए क्या दी नसीहत

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कांग्रेस के कद्दावर नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि विवाद के 20 रास्ते हैं और उसे समझाने के भी 20 रास्ते होते हैं. कुछ लोग सिर्फ अपने लाभ के लिए विवाद खड़ा कर रहे हैं. इस तरह की राजनीति की निंदा करता हूं.

नसीमुद्दीन सिद्दीकी से खास बातचीत
नसीमुद्दीन सिद्दीकी से खास बातचीत
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Published : May 17, 2022, 7:45 PM IST

लखनऊ : कांग्रेस के कद्दावर नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने ज्ञानवापी से लेकर कांग्रेस के अंदरूनी मामलों पर अपनी राय बेबाकी से रखी. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि विवाद के 20 रास्ते हैं. उसे समझाने के भी 20 रास्ते होते हैं. कुछ लोग सिर्फ अपने लाभ के लिए विवाद खड़ा कर रहे हैं. कहा कि इस तरह की राजनीति की वह निंदा करते हैं. ईश्वर, गाॅड, खुदा, भगवान जिसको भी यह लोग मानते हैं, वह धर्म की राजनीति करने वाले इन लोगों को सद्बुद्धि दें. देखिए ईटीवी भारत के साथ कांग्रेसी नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी की खास बातचीत..

कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी से बातचीत करते संवाददाता

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन सबने देखा. अब आगे की क्या तैयारी है?

उत्तर : राजस्थान में तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया गया. उसमें कई फैसले लिए गए. जातिगत राजनीति, धर्म और मजहब की राजनीति से ऊपर उठकर देश को जोड़ने का काम करने का संकल्प कांग्रेस पार्टी में लिया है. उस पर हम लोग काम करने जा रहे हैं.

सवाल : चिंतन शिविर काफी चर्चा में आया. यूपी में इस बात को भी लेकर खूब चर्चा रही, इस शिविर में किसे आमंत्रित किया गया और किसको नहीं ?

उत्तर: शिविर में आने से किसी को नहीं रोका गया. उनके पास समय था, हम सभी जिम्मेदार कांग्रेसी वहां पहुंचे. किसी को बुलाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता.

सवाल : आजकल टीम प्रियंका, टीम राहुल की काफी चर्चा है. टीम कांग्रेस कब नजर आएगी ?

उत्तर : अगर प्रियंका जी काम कर रही हैं तो उनका काम अपना है. तो क्या अलग टीम बन गई. राहुल जी पार्टी का और समाज का काम कर रहे हैं तो क्या उनकी टीम अलग बन गई. सोनिया जी हमारी कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तो क्या उनकी टीम अलग बन गई.
नसीमुद्दीन सिद्दीकी की टीम कौन सी है? अरे हम सब कांग्रेसी हैं और हमारे नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, राजीव गांधी जी और सोनिया गांधी जी हैं. इसमें कोई शंका नहीं है तो टीम कहां गई? यह तो काम देने का तरीका है. किसी से राहुल जी काम ले रहे हैं तो किसी से प्रियंका जी काम ले रहीं हैं. यह काम का तरीका है. पार्टी का काम अच्छे से हो रहा है. हमें उम्मीद है कि अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे.

सवाल : 6 महीने बाद नगर निकाय चुनाव हैं. इसको लेकर क्या तैयारियां हैं ?

उत्तर : अभी हमारी तैयारी शुरू हुई है. अभी शुरुआती दौर है. लोगों की राय लेना शुरू कर दिया है. एक मीटिंग हुई है. राष्ट्रीय सचिव हैं और इंदौर मध्य प्रदेश के विधायक सत्यनारायण पटेल के नेतृत्व में मीटिंग भी हो रही है. आगे जैसा भी होगा आप को अवगत करा दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें : राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद तय होगा यूपी भाजपा का नया चेहरा, जुलाई में बदला नजर आएगा संगठन

सवाल : उत्तर प्रदेश में मंदिर-मस्जिद की राजनीति खूब चर्चा में है. ज्ञानवापी, आगरा में ताजमहल और अब मथुरा में भी चर्चा होने लगी है. इस पर कांग्रेस का क्या मत है?

उत्तर : मंदिर अपनी जगह है. मस्जिद अपनी जगह है. गुरुद्वारा अपनी जगह है. चर्च अपनी जगह है. सीधी सी बात है, विवाद अगर खड़ा करना है तो 20 रास्ते हैं. अगर शांति बनाए रखना है तो 20 रास्ते हैं. मेरा सभी से अनुरोध है कि हम सबसे पहले इंसान हैं. हिंदुस्तानी हैं. फिर जाति और धर्म की बात करते हैं. अगर हम इंसान ही नहीं हैं तो क्या जानवर हिंदू, मुसलमान, सिख इसाई होंगे. हम सभी इंसान हैं हमें अच्छा इंसान बन के दिखाना चाहिए. जो भी इस तरह की राजनीति करता है, मैं उसकी निंदा करता हूं. जो भी जाति, धर्म, मंदिर, मस्जिद की या किसी मजहब की बात करता है, वह देश के हित में काम नहीं कर रहा है. अगर देश को मजबूत रखना है तो हम सब को इकट्ठा होना होगा. देश मजबूत है तो हम मजबूत हैं. देश मजबूत नहीं तो कैसे काम चलेगा? देश तभी मजबूत रहेगा, जब तक हम अखंड हों. जाति और धर्म के नाम पर खंड-खंड में बांट देने से भारत अखंड होगा? अखंडता के खिलाफ काम किया जा रहा है.

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लखनऊ : कांग्रेस के कद्दावर नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने ज्ञानवापी से लेकर कांग्रेस के अंदरूनी मामलों पर अपनी राय बेबाकी से रखी. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि विवाद के 20 रास्ते हैं. उसे समझाने के भी 20 रास्ते होते हैं. कुछ लोग सिर्फ अपने लाभ के लिए विवाद खड़ा कर रहे हैं. कहा कि इस तरह की राजनीति की वह निंदा करते हैं. ईश्वर, गाॅड, खुदा, भगवान जिसको भी यह लोग मानते हैं, वह धर्म की राजनीति करने वाले इन लोगों को सद्बुद्धि दें. देखिए ईटीवी भारत के साथ कांग्रेसी नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी की खास बातचीत..

कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी से बातचीत करते संवाददाता

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन सबने देखा. अब आगे की क्या तैयारी है?

उत्तर : राजस्थान में तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया गया. उसमें कई फैसले लिए गए. जातिगत राजनीति, धर्म और मजहब की राजनीति से ऊपर उठकर देश को जोड़ने का काम करने का संकल्प कांग्रेस पार्टी में लिया है. उस पर हम लोग काम करने जा रहे हैं.

सवाल : चिंतन शिविर काफी चर्चा में आया. यूपी में इस बात को भी लेकर खूब चर्चा रही, इस शिविर में किसे आमंत्रित किया गया और किसको नहीं ?

उत्तर: शिविर में आने से किसी को नहीं रोका गया. उनके पास समय था, हम सभी जिम्मेदार कांग्रेसी वहां पहुंचे. किसी को बुलाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता.

सवाल : आजकल टीम प्रियंका, टीम राहुल की काफी चर्चा है. टीम कांग्रेस कब नजर आएगी ?

उत्तर : अगर प्रियंका जी काम कर रही हैं तो उनका काम अपना है. तो क्या अलग टीम बन गई. राहुल जी पार्टी का और समाज का काम कर रहे हैं तो क्या उनकी टीम अलग बन गई. सोनिया जी हमारी कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तो क्या उनकी टीम अलग बन गई.
नसीमुद्दीन सिद्दीकी की टीम कौन सी है? अरे हम सब कांग्रेसी हैं और हमारे नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, राजीव गांधी जी और सोनिया गांधी जी हैं. इसमें कोई शंका नहीं है तो टीम कहां गई? यह तो काम देने का तरीका है. किसी से राहुल जी काम ले रहे हैं तो किसी से प्रियंका जी काम ले रहीं हैं. यह काम का तरीका है. पार्टी का काम अच्छे से हो रहा है. हमें उम्मीद है कि अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे.

सवाल : 6 महीने बाद नगर निकाय चुनाव हैं. इसको लेकर क्या तैयारियां हैं ?

उत्तर : अभी हमारी तैयारी शुरू हुई है. अभी शुरुआती दौर है. लोगों की राय लेना शुरू कर दिया है. एक मीटिंग हुई है. राष्ट्रीय सचिव हैं और इंदौर मध्य प्रदेश के विधायक सत्यनारायण पटेल के नेतृत्व में मीटिंग भी हो रही है. आगे जैसा भी होगा आप को अवगत करा दिया जाएगा.

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सवाल : उत्तर प्रदेश में मंदिर-मस्जिद की राजनीति खूब चर्चा में है. ज्ञानवापी, आगरा में ताजमहल और अब मथुरा में भी चर्चा होने लगी है. इस पर कांग्रेस का क्या मत है?

उत्तर : मंदिर अपनी जगह है. मस्जिद अपनी जगह है. गुरुद्वारा अपनी जगह है. चर्च अपनी जगह है. सीधी सी बात है, विवाद अगर खड़ा करना है तो 20 रास्ते हैं. अगर शांति बनाए रखना है तो 20 रास्ते हैं. मेरा सभी से अनुरोध है कि हम सबसे पहले इंसान हैं. हिंदुस्तानी हैं. फिर जाति और धर्म की बात करते हैं. अगर हम इंसान ही नहीं हैं तो क्या जानवर हिंदू, मुसलमान, सिख इसाई होंगे. हम सभी इंसान हैं हमें अच्छा इंसान बन के दिखाना चाहिए. जो भी इस तरह की राजनीति करता है, मैं उसकी निंदा करता हूं. जो भी जाति, धर्म, मंदिर, मस्जिद की या किसी मजहब की बात करता है, वह देश के हित में काम नहीं कर रहा है. अगर देश को मजबूत रखना है तो हम सब को इकट्ठा होना होगा. देश मजबूत है तो हम मजबूत हैं. देश मजबूत नहीं तो कैसे काम चलेगा? देश तभी मजबूत रहेगा, जब तक हम अखंड हों. जाति और धर्म के नाम पर खंड-खंड में बांट देने से भारत अखंड होगा? अखंडता के खिलाफ काम किया जा रहा है.

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